28 साल की निशा दिल्ली के मीडिया हाउस में क्रिएटिव हेड है।
चूमने की चाहत
रात के नौ बज गए थे और कल के प्रेजेंटेशन के लिए अभी भी मुझे बहुत सारे काम करने बाकी थे। मैं बहुत पैनिक में थी। विक्रम-- जिससे मेरी शादी हुए दो साल हो चुके थे, पूरे हफ़्ते के बाद बाहर से वापस आ रहा था और उसके पास घर की चाभी नहीं थी। और अपनी परेशानी को और बढ़ाते हुए मैंने लंच छोड़ दिया था और अब मेरे सर में तेज दर्द हो रहा था।
मेरी जूनियर डिज़ाइनर प्रिया कुछ स्केच लेकर आई और उसने भांप लिया कि मैं बहुत तनाव में हूँ। ‘मैं आपके सिर पर थोड़ा बाम लगा देती हूँ। आप अच्छा महसूस करेंगी’, उसने कहा। मुझे वाकई बहुत अच्छा लगा लेकिन मैंने कुछ और भी महसूस किया जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती। कुछ पलों के लिए मेरे अंदर एक तीव्र इच्छा जागी कि मैं उसे कस के सीने से लगा लूँ और चूम लूँ। इस तनाव से मेरे सोचने समझने की ताकत खत्म हो गई है! मैंने सोचा। मैं अपनी ही भावना से हतप्रभ थी।
उसे अपने पास खींच लिया
अगले कुछ हफ्तों के सख्त डेडलाइन के कारण मैं और प्रिया रात में देर तक काम करते रहे थे। प्रिया भी रुकती थी क्योंकि वह मुझे उस प्रोजेक्ट में सहायता कर रही थी। मैं रात में देर तक यह काम करना जैसे पसंद करने लगी थी। हम कुछ हल्का खाना ऑर्डर करते और साथ ही मेरे वर्कस्टेशन पर खाया करते। प्रिया के बाल बहुत सुंदर घने और सीधे थे जिन्हें वह पोनीटेल में बांधकर रखती थी। उस शाम उसने खुद को कुर्सी पर ढीला छोड़ रखा था और उसके बाल खुले हुए थे।
मैं अपनी उंगलियों को उसके बालों में फेरने से रोक नहीं सकी। ‘तुम्हारे बाल बहुत खूबसूरत हैं प्रिया और तुम भी!’ मैंने खुद को बुदबुदाते हुए सुना। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, हम बहुत करीब थे, हमारे चेहरे एक दूसरे को छू रहे थे और मैंने उसे गाल पर हल्का सा चूम लिया।
इससे पहले कि मैं खुद को रोक पाती, मैंने उसे अपने करीब खींच लिया और चूम लिया। मुझे लगा मैं जन्नत में हूँ। और यह भी कि यह मैं थी ही नहीं। मेरा सिर घूम रहा था और मेरा खुद पर कोई काबू नहीं बचा था लेकिन आश्चर्य की बात थी कि इस सबके बावजूद मेरे अंदर एक नयी तरह की भावना पैदा हो रही थी, मुझे अपना कंट्रोल में होना महसूस हो रहा था और मुझे यह बात बहुत अच्छी लग रही थी।
प्रिया मुझसे ज़्यादा संतुलित लग रही थी जैसे वह यह सब होने की उम्मीद ही कर रही हो। उसे जरा भी बुरा नहीं लगा था। वह मुझसे ऐसे लिपट गई थी जैसे वह यही चाहती रही हो। हमने एक दूसरे के वक्षों को सहलाया और बहुत ही उत्तेजना से एक दूसरे को चूमने लगे। इससे पहले कि चीज़ें हमारी पकड़ से बाहर हो जाएं हमने खुद को अलग किया और काम में लग गए। या काम करने की कोशिश करने लगे।
लेकिन मैं शादीशुदा हूँ
काम खत्म होने के बाद जब वह जा रही थी, मैंने उसे रोका। ‘प्रिया, मुझे माफ कर दो ....मैं लड़खड़ाई। ‘तुम्हें माफी मांगने की ज़रूरत नहीं , उसने मुझे दिलासा दिया और मेरा हाथ मज़बूती से पकड़ लिया। फिर उसने मुझे चूम लिया। मेरे अंदर फिर से वही सुंदर उत्तेजना जागी।
‘निशा, मैं यहाँ नयी हूँ और मेरा कोई दोस्त नहीं और मैं तुम्हें सच में बहुत पसंद करती हूँ’, उसने कहा। ‘वह तो ठीक है, लेकिन हमें यह नहीं करना चाहिए थे.. तुम्हें पता है मैं शादीशुदा हूँ? मैंने उसे समझाने की कोशिश की। ‘बिल्कुल मैं जानती हूँ और इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। किसी को कभी पता नहीं चलेगा। लोग समझेंगे नहीं और हमें ऐसी उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए’, वह बोल रही थी। उसके गंभीर व्यक्तित्व और धीरज को देखकर मैं अवाक थी।’
गिल्टी? .. नहीं!
उस रात बिस्तर पर लेटे हुए मैं बस इतना जानती थी कि जो शुरू हुआ था मैं उसे खत्म करना नहीं चाहती थी। मैंने विक्रम की ओर देखा। मैं जानती थी कि मैं उसे भी उतना ही प्यार करती थी। हमारे बीच कुछ बदला नहीं था। लेकिन मैंने फ़ैसला किया कि ये बात उससे नहीं कहूँगी।
ऑफ़िस में मैं और प्रिया एक विजेता टीम थे और उससे बढ़कर बहुत अच्छे दोस्त और सोलेमेट। हमारे बीच हमारे खास पल भी थे लेकिन हम यह भी जानते थे कि हमें एक दूसरे से कोई उम्मीद नहीं लगानी है। हम दोनों के दो अलग जीवन थे और हम उसका आदर करते थे।
इस बात को छह महीने बीत चुके। मैं विक्रम से प्यार करती हूँ और प्रिया से भी और मैं इस बात के लिए जरा भी शर्मिंदा नहीं हूँ। मैं जानती हूँ कि यह खतरनाक रास्ता है जिस पर मैं चल रही हूँ और यह भी नहीं जानती कि इसका भविष्य क्या होगा। अभी तो बस मैं अपने सबसे गहरी, सबसे खास भावनाओं के लिए सच्ची होना चाहती हूँ।
पहचान छिपाने के लिए नाम बदल दिए गए हैं। तस्वीर मॉडल की है।
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