यौनसंचारित रोग (एसटीडी) और यौनसंचारित संक्रमण (एसटीआई)

यौन संचारित बीमारी (एसटीडी) या यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) तब होता है जब आप किसी के साथ कंडोम के बिना सेक्स करते हैंI यह खंड अलग-अलग प्रकार के एसटीडी और एसटीआई के बारे में जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इनके क्या लक्षण हैं।

तथ्य

बैक्टीरियल वेजिनोसिस

 बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बी.वी.) आमतौर पर महिलाओं पर असर डालता है। ऐसा तब होता है जब योनि के जीवाणुओं का सामान्य संतुलन, ‘हानिकारक’ जीवाणुओं (बैक्टीरिया) के बढ़ने से बिगड़ जाता है

स्कैबीज़

स्कैबीज़, कुटकी से होने वाला खुजली वाला त्वचा का संक्रमण है।

प्यूबिक लाइस

प्यूबिक लाइस को ‘क्रैब्स’ के नाम से भी जाना जाता है। ये छोटे परजीवी होते हैं जो आपकी चमड़ी से खून चूसते हैं।

ट्राइकोमोनिएसिस

ट्राइकोमोनिएसिस को ‘ट्रिक’ के नाम से भी जाना जाता है। यह यौनसंचारित रोग, महिलाओं एवं पुरुषों, दोनों को ही प्रभावित करता है लेकिन महिलाओं में इनके लक्षण दिखने की संभावना अधिक होती है।

हेपिटाइटिस-बी

हेपिटाइटिस-बी, लिवर का एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो हेपिटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) के संक्रमण के कारण होता है।

वाटर वाटर्स

वाटर वाटर्स, मोलस्कम कान्टेजिओसम नामक विषाणु (वायरस) से होते हैं। यह एक आम विषाणु संक्रमण है जो चमड़ी पर बुरा असर डालता है। यदि आप संक्रमित हो जाते हैं, तो आपकी चमड़ी पर द्रव या पानी से भरे फफोले निकल आते हैं।

जेनिटल हर्पीज़

जेनिटल हर्पीज़ ऐसा यौनसंचारित रोग है, जो 2 अलग-अलग तरह के हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस (एचएसवी) से होते हैं।

सिफि़लिस

सिफि़लिस एक ऐसी यौनसंचारित रोग (एसटीडी) है जो ट्रिपोनीमा पैलीडियम नामक जीवाणु से होता है।

गोनोरिया (सूजाक)

गोनोरिया, निसेरिया गोनोरीए  नामक बैक्टीरिया से होता है। यह बहुत तेजी से फैलता है। यह आपके गले, मूत्र नली, योनि और गुदा को संक्रमित कर सकता है। अच्छी खबर यह है कि इसका भी आसानी से इलाज किया जा सकता है।

क्लैमिडिया

क्लैमिडिया एक ऐसी यौनसंचारित रोग है जो क्लैमिडिया ट्रैकोमेटिस नामक जीवाणु से होती है।

कैन्डिडा

कैन्डिडा फफूंद से होने वाला संक्रमण है। इसे खमीर संक्रमण (यीस्ट इन्फेक्षन) कैन्डिायासिस, मुखपाक (थ्रश) या जेनिटल कैन्डिडोसिस भी कहते हैं।

एचआईवी

  एचआईवी, ह्यूमन इम्यूनोडेफिसिएन्सी वायरस का संक्षिप्त रूप है, जिसके कारण एड्स होता है।