यौनसंचारित रोग (एसटीडी) और यौनसंचारित संक्रमण (एसटीआई)
यौन संचारित बीमारी (एसटीडी) या यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) तब होता है जब आप किसी के साथ कंडोम के बिना सेक्स करते हैंI यह खंड अलग-अलग प्रकार के एसटीडी और एसटीआई के बारे में जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इनके क्या लक्षण हैं।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बी.वी.) आमतौर पर महिलाओं पर असर डालता है। ऐसा तब होता है जब योनि के जीवाणुओं का सामान्य संतुलन, ‘हानिकारक’ जीवाणुओं (बैक्टीरिया) के बढ़ने से बिगड़ जाता है
ट्राइकोमोनिएसिस को ‘ट्रिक’ के नाम से भी जाना जाता है। यह यौनसंचारित रोग, महिलाओं एवं पुरुषों, दोनों को ही प्रभावित करता है लेकिन महिलाओं में इनके लक्षण दिखने की संभावना अधिक होती है।
वाटर वाटर्स, मोलस्कम कान्टेजिओसम नामक विषाणु (वायरस) से होते हैं। यह एक आम विषाणु संक्रमण है जो चमड़ी पर बुरा असर डालता है। यदि आप संक्रमित हो जाते हैं, तो आपकी चमड़ी पर द्रव या पानी से भरे फफोले निकल आते हैं।
गोनोरिया, निसेरिया गोनोरीए नामक बैक्टीरिया से होता है। यह बहुत तेजी से फैलता है। यह आपके गले, मूत्र नली, योनि और गुदा को संक्रमित कर सकता है।
अच्छी खबर यह है कि इसका भी आसानी से इलाज किया जा सकता है।