हमारे दाता और प्रायोजक
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओरे से दिया गया समर्थन लव मैटर्स इंडिया को भिन्न माध्यमों में विचारोत्तेजक रचनात्मक सामग्री बनाने में सक्षम बनाता है ताकि हम लड़कों और वयस्क पुरुषों से भिन्न कल्चरल (सांस्कृतिक) और सामजिक मुद्दों / मानदंडों पर सार्थक चर्चा कर सकें। इन मुद्दों में मर्दानगी भी अहम् है जिसका सीधा प्रभाव परिवार नियोजन के इंडीकेटर्स ( संकेतकों ) और महिलाओं एवं लड़कियों के जीवन पर भी पड़ता है।
हमारे द्वारा किया जा रहा काम बी एम् जी ऍफ़ के द्वारा भारत में परिवार नियोजन पर किये जा रहे काम के संयोजन में हैं। बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन बिना किसी भेदभाव के महिलाओं और लड़कियों के लिए आवश्यक सूचना, सेवा और ज़रूरी सामान पहुँचाने का काम कर रहा है।
लव मैटर्स इंडिया, द डेविड और ल्यूसिल पैकर्ड फाउंडेशन - इंडिया द्वारा समर्थित संस्था है जिसका मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के प्लेटफार्मों के ज़रिये देश के युवाओं को उनके बेहतर यौन अधिकार और स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। साथ ही साथ यह भिन्न जानकारियों को रचनात्मक तरीके से लोगों को पहुंचा कर सीएसई (व्यापक यौन शिक्षा) को सामान्य बनाने के लिए भी काम करता है।
हमारे इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विस्तृत स्तर पर युवा लोगों तक पहुंचना है - उन्हें अपने यौन स्वास्थ्य सम्बन्धी (SRHR) मुद्दों पर स्वतंत्र रूप से और खुले तौर पर बातचीत करने का एक सुरक्षित वातावरण मुहैया करवाना है। जिससे वे आम गलतफहमियों को हटाकर एवं अपने यौन स्वास्थ्य एवं अधिकारों को बेहतर ढंग से समझकर, सहमति से बनाये गये यौन सबंधों का अधिक आनंद उठा पायें।
एम्प्लीफाई चेंज प्रोग्राम (2016-2019) के अंतर्गत लव मैटर्स ने तीन साल लम्बा एक कार्यक्रम चलाया। इस प्रोग्राम का नाम रीच, एविडेंस एंड एक्शन रखा गया। यह प्रोग्राम मुख्यतः एलजीबीटी समुदाय के यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा अधिकारों के प्रति जागरूकता फ़ैलाने की ओर केंद्रित था। हमने रिसर्च को केंद्र में रखते हुए मीडिया और लोकप्रिय संस्कृति का उपयोग करते कई तरह के विचारोत्तेजक क्रिएटिव कंटेंट तैयार किये और कैंपेन किया।
इस अनुदान के तहत, लव मैटर्स ने अन्तरंग साथी के द्वारा की जाने वाली हिंसा (IPV) के खिलाफ 18 महीने का अभियान (2017-2018) चलाया। हमारा यह अभियान व्यवहार को नियंत्रित करने, व्यवहार में बदलाव लाने और प्रत्याशित व्यवहार को बदलने की ओर केन्द्रित था। इसके लिए हमने अन्तरंग साथी के द्वारा की जाने वाली हिंसा ( आईपीवी ) पर वीडियो और अन्य रचनात्मक का निर्माण किया। बेहतर परिणाम के लिए एक मेमे जनरेटर और व्यवहार नियंत्रण के तरीके को दिखाती गैलरी का उपयोग करते हुए हमने ऑनलाइन सेंटिमेंट एनालिसिस ( भावना विश्लेषण) भी किया। मेमे जेनरेटर और गैलरी एक थीमेटिक डिस्कशन बोर्ड के मद्देनज़र तैयार किये गए थे।
हमारे पार्टनर्स
RNW मीडिया - लव मैटर्स की स्थापना भारत में आर एन डब्ल्यू मीडिया के सहयोग से 2011 में हुई थी। आर एन डब्ल्यू मीडिया नीदरलैंड में स्थित एक अन्तरराष्ट्रीय संस्था है जो समाज सुधार और परिवर्तन के लिए डिजिटल समुदायों का निर्माण करती है। इस वक़्त आर एन डब्ल्यू मीडिया के कार्यक्रम तकरीबन 13 देशों में चल रहे हैं जहाँ वे लोगों के प्यार, रिश्ते और सेक्स से जुड़ी हुई ज़रूरतों एवं उनकी समाज से उस दिशा में उम्मीद और चाहत पर काम करते हैं।
TARSHI ‘टॉकिंग अबाउट रिप्रोडक्टिव एंड सेक्सुअल हेल्थ इश्यूज’ का एक्रोनिम है । दिल्ली स्थित यह संस्था लोगों को उनके यौन एवं जनन अधिकारों के प्रति जागरूक करती है और प्रयास करती है कि आम्म लोग हर तरह के डर, संक्रमण, यौन एवं जनन स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियों से दूर रहें ।
यौनिकता पर TARSHI का काम काफी सकारात्मक है । यह लोगों के अधिकारों को केंद्र में रखते हुए बात करती है, साथ ही साथ उन आम धारणाओं को बदलने का काम करती हैं जो यौनिकता को बीमारियों से बचाव, औरतों के खिलाफ हिंसा, यौनिक तौर पर अल्पसंख्यक ढाँचे में बाँध देती है ।
फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (FPA India) सामाजिक प्रभाव के लिए काम करने वाला संगठन है। यह भारत के 18 राज्यों में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करता है। 1949 में स्थापित, एफपीए इंडिया को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के क्षेत्र में सात दशकों का अनुभव है।
नई दिल्ली, भारत में स्थित और 2000 में स्थापित, CREA एक नारीवादी मानवाधिकार संगठन है। यह कुछेक उन अंतरराष्ट्रीय महिला अधिकार संगठनों में से एक है, जो दक्षिण की महिलाओं के द्वारा दक्षिण में ही पोषित और विकसित किया गया है तथा अनवरत जमीनी, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहा है।
यह संस्था बड़े स्तर पर सांस्कृतिक बदलाव के लिए काम करती है, साथ ही साथ अपने काम के ज़रिये यह सुनिश्चित करती है कि लड़कियों और महिलाओं के प्रति हिंसा की समाज में कोई जगह न रह जाए ।
वाईपी फाउंडेशन युवाओं के नेतृत्व वाली संस्था है जिसका मुख्य काम हाशिये के युवाओं, युवा महिलाओं और लड़कियों के बेहतर अधिकारों के लिए युवा नेतृत्व का समर्थन और विकास करना है।
यूथ की आवाज़ एक ऑनलाइन मंच है जहाँ युवा भारतीय बोलते हैं, जागरूकता फैलाते हैं और उन मुद्दों पर अपना क़दम उठाते हैं जिनसे वे जुड़े होते हैं। इस वक़्त 75000 से अधिक युवा यूथ की आवाज़ प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कर दुनिया को आकार देने वाले कुछ कठिन मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण अपनी कहानियों और आलेख के ज़रिये दर्ज कर रहे हैं।
मुंबई स्थित यह एन जी ओ एल जी बी टी अधिकारों की बात करता है । अशोक रो कावि द्वारा 1994 में संस्थापित हमसफ़र ट्रस्ट इस वक़्त भारत की अग्रणी संस्थाओं में से एक है । यह एल जी बी टी समुदाय को स्वास्थ्य सुविधा, ज़रूरी सलाह देता है और उनके हक़ की बात बुलन्द करता है । साथ ही साथ काफ़ी सक्रियता से हिंसा, भेदभाव और उनके खिलाफ कलंक को कम करने के लिए भी काम कर रहा है ।
ड्यूरेक्स एक ब्रिटिश कॉन्डम ब्रांड है, जिसे मूल रूप से यूनाइटेड किंगडम में एसएसएल इंटरनेशनल द्वारा विकसित और उत्पादित किया गया है। SSL International को 2010 में Reckitt Benckiser कंपनी को बेचा गया था। 30% ग्लोबल मार्किट शेयर के साथ यह दुनिया भर में सबसे अधिक बिकने वाले कंडोम ब्रांडों में से एक है।
2015 में स्थापित संस्था, Haiyya का उद्देश्य युवा नेतृत्व और जोश से भरपूर संस्थाओं एवं ज़मीनी नागरिक शक्ति के ज़रिये देश के प्रचलित सामजिक ढाँचे को नया रूप –रंग देने की है, ताकि लोकतंत्र, शासन तंत्र और मानवाधिकार की नींव मजबूत हो।
डॉक्टर सेफहैंड्स के पास विशेषज्ञों की एक टीम है जो लोगों को उनके सबसे अंतरंग और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के मुद्दों को बेहतर समझने, जानने और उस उस विषय में फैसला लेने में मदद करती है। यौन स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य, रिश्ते के मुद्दे, प्रजनन संबंधी समस्याएं, गर्भाशय/ ग्रीवा या स्तन कैंसर सम्बन्धी सभी मुद्दों पर डॉक्टर सेफहैंड्स अग्रणी रूप से काम कर रही है।
यह 2015 में स्थापित की गयी एक स्वयंसेवी संस्था है जिसका उद्देश्य औरतों के हक़ के बारे में बात करना है । मूलतः साहियो स्त्रियों के जननांग विच्छेदन (फीमेल जेनिटल म्यूटीलेशन) के ख़िलाफ़ काम करता है जो भारत में दाउदी बोहरा समुदाय में आम है ।
यह अंतर्राष्ट्रीय विस्तार वाली संस्था है जो दुनिया भर में यौन समाजों और सेक्सोलॉजिस्टों का प्रतिनिधित्व करती है।1978 में रोम, इटली में स्थापित, WASका मुख्य लक्ष्य यौन विज्ञान के ज़रिये हर किसी के लिए यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक राष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) है। पी ऍफ़ आई मुख्यतः महिलाओं के प्रति संवेदनशील आबादी, स्वास्थ्य और विकास की रणनीतियों और नीतियों के प्रभावी निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। पीएफआई कुछ इस तरह से काम करती है कि स्त्री और पुरुष सशक्तिकरण के साथ ही जनसँख्या से जुड़े हुए मुद्दों पर भी जागरूक रहें और उचित जानकारियों के साथ वे प्रजनन स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े हुए ज़रूरी फैसले लेने में भी सक्षम हों।
यह महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा एक सामुदायिक प्लेटफ़ॉर्म है जो ज़रूरतमंदों को बेहतर जीवन यापन के लिए मदद, संसाधन और मौक़े मुहैया कराता है। शीरोज़ यह काम शीरोज़।कॉम (https://sheroes।com/) और शीरोज़ एप्प के सहयोग से करता है।
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