21 वर्षीय प्रिया सारंग (परिवर्तित नाम) स्टूडेंट हैं और पुणे में रहती हैं
नया घर
जब में जूनियर कॉलेज में थी तो अचानक ही मेरे माता-पिता को काम के सिलसिले में दूसरे शहर जाना पड़ाI इसका मेरी पढ़ाई पर कोई असर ना पड़े, इसलिए मैं उसी शहर में अपने ममेरे भाई-बहनो के पास रुक गयीI मुझे इस बात का दुःख था कि थोड़े दिनों के लिए अपने माँ-बाप से अलग रहना पड़ेगा लेकिन मैंने यह सोच कर अपने आप को सांत्वना दे दी कि कम से कम मेरी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी और पढ़ाई तो अस्त-व्यस्त होने से बच गयीI
मेरे वहां रुकने का फैसला एक गलत निर्णय साबित होने वाला थाI पहली ही रात को मुझे अपने ममेरे भाई के रंग-ढंग कुछ बदले-बदले से लगे थेI ऐसा लग रहा था जैसे वो कुछ कहना चाहता है लेकिन मैंने किसी तरह उससे नज़रें चुरा लीI
अपने भाई से प्यार
कुछ दिन हो चले थे और मेरा नया घर अब मुझे रास आने लगा थाI मेरा भाई मेरी बहुत मदद करता थाI वो मेरी सारी ज़रुरत की चीज़ें आसपास की दुकानो से ले आता था, जब भी मैं रात को पढ़ रही होती थी तो बार बार पूछता था कि मुझे कुछ चाहिए तो नहीं और अगर मैं होती अकेली हूँ तो मेरी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखता थाI शायद इन्हीं सब बातों की वजह से वो मुझे अच्छा लगने लगा थाI
पहले मुझे लगा कि यह सिर्फ़ इसलिए हो रहा है क्यूंकि वो मेरी हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखता है लेकिन जैसे-जैसे समय गुज़रा मुझे एहसास हुआ कि मैं उससे प्यार करने लगी हूँI अब मुझे उससे घंटो बातें करना अच्छा लगने लगा था और मैं उसे सब कुछ बताने लगी थीI मुझे उसके लिए चीज़ें करना अच्छा लगने लगा थाI उसके आसपास होने पर अपने आप पर ज़्यादा ध्यान देने लगी थी और उसके आसपास ना होने पर उसकी याद सताने लगी थीI
पहली बार सेक्स
एक दिन जब मैं घर पर अकेली थी तो मैंने उसे घर बुला लियाI मैं उसे अपनी दिल की बताना चाहती थीI मुझे लगा उसे मेरी बात सुनकर अचम्भा होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआI बल्कि उसने कहा कि वो भी मेरे बारे में ऐसा ही सोचता था बस कहने में डरता थाI उसने आगे बड़कर किस किया और उसी दिन पहली बार हमने सेक्स भी कियाI उसके बाद तो हमने कई बार और सेक्स किया, शायद यही वजह थी कि केवल 6 महीनो में ही हम एक दूसरे के बेहद करीब आ गए थेI
परिवार वालों और दोस्तों के साथ हम सामान्य व्यवहार ही करते थे और बेहद कम बात करते थेI लेकिन फ़ोन पर हमारी बातें अलग होती थीI हमें बहुत सावधान रहना पड़ता था और इसलिए हम कभी भी बाकी भाई-बहनो की गैरमौजूदगी में घर के बाहर नहीं मिलते थेI हमें डर था कि कहीं पकडे ना जाएं इसलिए हमने हमने फैसला लिया कि घर पर एक दूसरे की ओर देखेंगे भी नहींI
ब्रेकअप
एक साल के बाद मुझे विश्वास हो चला था कि यह रिश्ता एक शारीरिक आकर्षण के अलावा कुछ नहीं है और इसका कोई भविष्य नहीं हो सकताI मैंने उसको भी यह रिश्ता खत्म करने के लिए मना लिया थाI लेकिन हम दोनों एक दूसरे के बेहद करीब थे और इन हालातों में एक ही छत के नीचे रहना मुश्किल हो रहा थाI
वो मेरी एक बही सुनता था लेकिन काफ़ी सोच विचार के बाद मैंने ठान लिया था कि अपनी पढाई पूरी होते ही अपने माँ-बाप के पास रहने चली जाउंगीI इस रिश्ते के टूटने का मुझे बेहद दुःख था लेकिन प्यार के इस सबक को मैं हमेशा याद रखूंगीI पिछले तीन साल से मेरी उससे कोई बात नहीं हुई हैI मैं अपने पूर्व को पूरी तरह भूलने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हूँI