वक़्त के साथ प्यार की 'शुरुवात' वाला एहसास बदलने लगता है। और अब ये एहसास पहले से गहरा, मजबूत, होने लगता है- अब आप उनसे प्यार करने लगे हैं।
निष्कर्ष ये है कि प्यार अलग अलग चरणो में विकसित होता है। पहले शारीरिक आकर्षण का दीवानापन, फिर स्वप्नलोक, फिर मजबूत लगाव और उसके बाद दौर आता है गहरे प्यार का जो अक्सर उम्र भर तक रहता है।
क्या आपको भी प्यार है?
जब आप किसी से प्यार करते हैं तो आप उस इंसान के बारे में हर समय सोचते रहते हैं। उनकी कि हुई हर बात आपको सही लगती है। प्यार का एहसास आपको सातवें आसमान जैसा महसूस करता है। लेकिन साथ ही ये आपको नर्वस भी कर सकता है।
आपको अपने प्रियतम को देख कर एक अजीब से कशिश महसूस होती है। आपकी मुस्कराहट रुकने का नाम नहीं लेती। जब आप उनसे मिलते हैं तो समझ नहीं आता कि क्या बात करें- आप ज़यादा बोलने कि कोशिश करते हैं उनका दिल जीतने के लिए। यदि ये सारी बातें कुछ जानी-पहचानी लगती हैं तो सम्भवतः आपको भी प्यार हुआ है!
प्यार के मानव मस्तिष्क पर असर के बारे में काफी रिसर्च हुई हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि कि जब कोई व्यक्ति प्यार में होता है तो उसके शरीर में एक ख़ास हार्मोन का प्रवाह बढ़ जाता है। इनमे से एक है ऑक्सीटोसिन, जिसे आम भाषा में 'लव हार्मोन' कहते हैं।
सेक्स करना
सेक्स या शारीरिक समागम किसी भी रोमांटिक या अंतरंग रिश्ते का महत्वपूर्ण अंश है। बहुत से लोग सिर्फ उनसे ही शारीरक रिश्ता बनाने में यकीन रखते हैं जिनसे वो प्यार करते हैं। लेकिन सेक्स और प्यार अलग चीज़ें हैं। सेक्स सिर्फ आकर्षण या शारीरक संतुष्टि के लिए भी हो सकता है। लेकिन अधिकांश लोगों के लिए सेक्स का असली आनंद उस व्यक्ति के साथ ही है जिससे वो इश्क़ करते हैं।
इस बारे में ज़यादा जानकारी के लिए यह भाग देखिये: सेक्स करना