बस बोरियत में किया चैट ऐप डाउनलोड, जो मिला उसे देखकर उड़ गए होश!
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बस बोरियत में किया चैट ऐप डाउनलोड, जो मिला उसे देखकर उड़ गए होश!

द्वारा Aunty ji जुलाई 31, 02:28 बजे
नीरा की ज़िंदगी में प्यार करने वाला पति, सुंदर घर, सजी-संवरी दिनचर्या सबकुछ था लेकिन फिर भी कुछ अधूरा था। अकेलेपन और बोरियत में उसने एक चैट ऐप पर एक नई पहचान बनाई, जहां शुरू हुई एक अनजान रिश्ते की कहानी, जो दिल और जज़्बात दोनों को छू गई।

नीरा की ज़िंदगी ऊपर से बिल्कुल परफेक्ट लगती थी। एक प्यार करने वाला पति, एक खूबसूरत घर और एक सलीके से सजी-संवरी दिनचर्या लेकिन ये सब बस बाहर का दिखावा था। उसके अंदर कुछ मर चुका था। शायद वो हिस्सा जो कभी किसी की छुअन से सिहर जाया करता था या वो जो किसी की आंखों में अपनी तारीफ पढ़ना चाहता था। नीरा की जिंदगी ना जाने किस मोड़ पर आकर रुक गई थी। 

आयुष, नीरा का पति एक जिम्मेदार इंसान था। समय पर ऑफिस जाता, घर की ज़रूरतें पूरी करता लेकिन नीरा की शारीरिक और भावनात्मक जरूरतों पर उसका ध्यान ही नहीं रहता। उन दोनों की बातें बस "क्या खाना है?" और "बिजली का बिल भर दिया?" तक सिमट गई थीं। नीरा की इच्छाएं, उसकी फीलिंग्स कहीं दब गई थीं। 

एक रात नींद नहीं आई तो नीरा ने बोरियत में एक अनजान चैटिंग ऐप इंस्टॉल किया। उसने अपना नाम Meera07 रखा। कुछ ही मिनटों में एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आया और नीरा ने एक्सेप्ट कर लिया। उस दिन उसे बहुत नींद आ रही थी इसलिए मैसेज चेक किए बिन ही वो सो गई।

अगली रात को जब नीरा ने फोन चेक किया तो एक मैसेज आया हुआ था। “Hi, main Adi99 hoon. Just here to talk. Nothing weird.” नीरा ने भी जवाब दे दिया और ऐसे धीरे धीरे दिन-रात की बातों में दोनों एक-दूसरे के इमोशन, डर और चाहतों से जुड़ते चले गए।

Adi अलग था। वो नीरा से पूछता था, "तू रोई थी क्या आज?" या फिर लिखता, "तेरा मैसेज पढ़कर आज सुकून मिल गया।" धीरे-धीरे बातों में सेक्सुअल फ्लर्टिंग भी आने लगी लेकिन वो सिर्फ जिस्म नहीं, एक दूसरे की फीलिंग्स का भी एक्सप्लोरेशन था। नीरा के लिए ये सब नया और जिंदा कर देने वाला था।

तीन महीने बाद Adi ने मिलने का सुझाव दिया। उसने लिखा, “Ek baar mil le?”

पहले तो नीरा डर गई लेकिन फिर सोचा, "कितना झूठ जी चुकी हूं। एक बार सच क्यों नहीं?" 

इस तरह नीरा ने भी मिलने के लिए हामी भर दिया और फाइनली वो दिन आ ही गया, जब Adi और नीरा मिलने वाले थे लेकिन नीरा के लिए विश्वास करना मुश्किल था क्योंकि कैफे के कोने में बैठा शख्स कोई और नहीं बल्कि आयुष था।
 

नीरा को जैसे बिजली का झटका लगा। उसकी आंखें फैल गईं, हाथ कांपने लगे। आयुष ने धीमे से कहा,
"तुम... Meera07 हो?"

नीरा बस देखती रही।
"और तुम... Adi99?"

दोनों हंसे। एक अजीब, टेढ़ी लेकिन सच्ची हंसी। इतने में आयुष ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा, "हम दोनों अपने असली रिश्ते से इतने कट गए थे कि नए नामों में खुद को ढूंढने लगे।" 

नीरा की आंखों में आंसू थे। उसने कहा, "शायद इस नकली पहचान में हम ज्यादा सच्चे थे।"

उस दिन कैफे से निकलते वक्त पहली बार आयुष ने नीरा का हाथ पकड़ा और नीरा ने उस छुअन में वो गर्मी महसूस की जो सालों पहले गायब हो गई थी। 

 

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