मिथ्या 1: आपात गर्भ निरोधक गोलियों से गर्भपात होता है
ईसीपी (इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल) ठहर चुके गर्भ पर कोई प्रभाव डालने में सक्षम नहीं हैI ईसीपी के हार्मोन्स अण्डोत्सर्ग को विलम्बित करने का काम करते हैंI इस प्रकार गर्भाशय नाल में विसर्जित शुक्राणु को अन्डो ने मिलने से रोक दिया जाता है और गर्भ नहीं ठहरताI यह गोलियां उर्वरता को निषेधित करके या उर्वर अंडे को गर्भाशय की दीवार से चिपकने से रोक कर भी गर्भ निरोधन का काम करता हैI
कहने का अर्थ ये है की यदि कोई महिला गर्भवती हो चुकी है, तो ये गोलियां कोई प्रभाव नहीं डाल पाएंगीI गर्भावस्था या शिशु पर भी इनका कोई बुरा असर नहीं होगाI
मिथ्या 2: ईसीपी असुरक्षित है
महिलाएं ईसीपी का प्रयोग 1960 से कर रही हों जब इन्हे पहली बार बनाया गया थाI ये सामान्य गर्भ नियंत्रण दवाओं की तरह ही काम करती हैंI असल में ये संभव है की चिकित्सा कारणों से अगर कुछ महिलाएं सामान्य गर्भ नियंत्रक दवा न ले पाएं तो उनके लिए ये गोलियां सुरक्षित होंI हालाँकि अगर आपके डॉक्टर ने आपको ये गोलियां न लेने की सलाह दी है तो डॉक्टर की सलाह मानना ही सुरक्षित विकल्प हैI
दोनों के बीच आधारभूत अंतर ये है की सामान्य गोलियां सेक्स से पहले ली जाती हैं और आपात गर्भ निरोधक गोलियां सेक्स के बादI ईसीपी असल में सामान्य गोलियों में पाये जाने वाले हार्मोन्स का ही भरी डोज़ हैI
संक्षेप में कहा जाये तो ईसीपी एकदम सुरक्षित हैI इनका दूसरी दवाओं के साथ कोई कोई रिएक्शन नहीं होता और न ही इनकी आदत पड़ती हैI कुछ महिलाओं पर इनके हलके साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैंI जैसे की जी मिचलाना, उलटी दस्त और थकानI
मिथ्या 3: ईसीपी केवल 'अगली सुबह' ली जाती है
इन् गोलियों को सेक्स के बाद जितना जल्दी लिया जाये उतना बेहतर है, लेकिन आमतौर पर ये सेक्स के 72 घंटे बाद भी प्रभावशाली हो सकती हैंI जितना ज़्यादा समय निकलेगा गर्भ ठहरने की सम्भावना भी उतनी ज़्यादा बढ़ जाएगीI इन गोलियों को अगर सेक्स के 24 घंट के भीतर लिया जाये तो ये 95 फीसदी तक असरदार देखी गयी हैं, 24 से 48 घंटो के बीच 85 फीसदी और 49 से 72 घंटो के बीच 58 फीसदी तक ये असर कर सकने में संभव हैंI
मिथ्या 4: अगर मैंने ईसीपी ली, तो अगली माहवारी तक मैं गर्भवती नही हो सकती
ईसीपी अण्डोत्सर्ग को रोक सकती है, लेकिन कुछ दिनों के लिएI तो यदि अपने ये गोलियां ली हैं, और कुछ दिन बाद आप फिर से असुरक्षित सेक्स करते हैं, अनचाहे गर्भ का खतरा बरकरार रहता हैI शुक्राणु महिला की गर्भाशय नाल में सात दिनों तक जीवित रहने में सक्षम हैंI यह समय ईसीपी के प्रभावशाली रहने के समय से अधिक हैI इसलिए, यह आवश्यक है की असुरक्षित सेक्स करने पर आप कोई और गर्भ निरोधन उपाय ज़रूर अपनाएं, चाहे आप कुछ दिन पहले ये गोली ले चुके होंI
मिथ्या 5: कई बार ये गोली लेने से उर्वरता पर बुरा असर पड़ता है
इस तरह का कोई पुख्ता तथ्य नहीं है की ये गोलियां महिला की उर्वरता को नुक्सान पहुंचा सकती हैंI ये सामान्य गर्भ नियंत्रण गोलियों की ही तरह निर्मित होती हैं, केवल हार्मोन्स की मात्रा अधिक हैI
गोली के प्रभाव से महिला का माहवारी के दौरान रक्तस्त्राव हल्का या ज़्यादा हो सकता हैI माहवारी चक्र में जल्दी या विलम्ब से हो सकना भी संभव है, लेकिन आगामी महीनो में ये असर ख़त्म हो जाता है और सब कुछ सामान्य हो जाता हैI
असल में इन गोलियों का इससे बड़ा खतरा है इन्हे लेने के बाद भी गर्भ ठहर जाना, क्यूंकि ये दूसरे गर्भ नियंत्रण तरीकों की तुलना में कम असरदार हो सकता हैI लगातार ये गोलियां लेना दूसरे उपायों के की तुलना में थोड़ा अधिक महंगा भी हैI लेकिन अगर आप आपात स्थिति में फंस जाते हैं तो निश्चिन्त होकर ये गोलियां लीजिये, क्यूंकि ये बिलकुल सुरक्षित हैंI
मिथ्या 6: ईसीपी असुरक्षित सेक्स और स्वछंद सेक्स को बढ़ावा देने का काम करती हैं
एक बार फिर, इन गोलियों के असुरक्षित सेक्स या स्वछंद सेक्स को बढ़ावा देने के तथ्य की कोई पुष्टि नहीं हैI बहरहाल, विश्व भर में की गयी कई रिसर्च ये अवश्य दर्शाती हैं की इन दवाओं के आसानी से उपलब्ध होने के बावजूद भी सामान्य गर्भ निरोधन तरीकों की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं देखी गयी हैI 3000 लड़के और लड़कियों पर किये गए एक ब्रिटिश अध्यन से ये तथ्य सामने आया कि ईसीपी कि उपलब्धता का 14 -15 वर्ष के किशोरों के सेक्स व्यव्हार पर कोई असर नहीं हुआ है और न ही उनके ईसीपी के इस्तेमाल परI दुसरे कुछ अध्यन ये दर्शाते हैं कि ईसीपी का प्रयोग करने वाले लोग दूसरे गर्भ नियंत्रण तरीकों का भी प्रयोग करते हैंI एक और अध्यन ये दर्शाता है कि आपात स्थिति में ईसीपी का प्रयोग करने के बाद 90 प्रतिशत लोगों ने फिर से सामान्य तरीकों का प्रयोग कियाI
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