Hormonal IUD
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हार्मोनल आईयूडी क्या होती है?

हार्मोनल आईयूडी एक माचिस की तिल्ली इतना, सिलेंडर जैसा उपकरण है जो बच्चेदानी के अंदर डाला जाता है। इसे एक डॉक्टर आपके शरीर में रख सकता है, और यह पांच साल तक अंदर रह सकता है। यह प्रोजेस्टोजेन हार्मोन (लेवोनोर्जेस्ट्रेल) की खुराक को कम कर के काम करता है।

हार्मोनल आईयूडी मिरेना नाम के तहत बेचे जाते हैं। हार्मोनल आईयूडी आपके सर्विक्स यानी गर्भाशय की गरदन के चिपचिपापन को मोटा बनाता है ताकि शुक्राणु अंदर न आ पाएं  और यह आपके अंडाशय को अंडे पैदा करने से भी रोक सकता है। इसके अलावा, हार्मोन शुक्राणु का अंडे तक पहुँचना मुश्किल बनाता है। और आखिर में, यह बच्चेदानी की परत को पतला बनाकर दबा देता है, ताकि अगर कभी अंडे और शुक्राणु का मेल हो भी जाए तो अंडा बच्चेदानी की दीवार से जुड़ नहीं पाता और बच्चे के रूप में नहीं बढ़ता।

जब मैं हार्मोनल आईयूडी का इस्तेमाल करती हूं तो मेरे मासिक धर्म के साथ क्या होता है?

हार्मोनल आईयूडी के इस्तेमाल से आपको मासिक धर्म से होने वाली किसी भी समस्या से राहत मिल सकती है। इसके इस्तेमाल के कुछ महीनों के बाद आपका मासिक धर्म भारी से सामान्य हो जाएगा। या इससे आपका मासिक धर्म पूरी तरह से भी बंद हो सकता है।

हार्मोनल आईयूडी आपके मासिक धर्म से पहले होने वाली ऐंठन और/या दर्द को भी रोक सकता है।

एक साल के इस्तेमाल के बाद, हार्मोनल आईयूडी वाली लगभग आधी महिलाओं में मासिक धर्म होता है। फिर भी उन महिलाओं की तुलना में जो गर्भ निरोधन का इस्तेमाल नहीं करती हैं, हार्मोनल आईयूडी वाली महिलाओं में 70% कम खून का रिसाव होता है।

कुछ महिलाओं को यह समझना मुश्किल लगता है कि यह सामान्य है। असल में, मासिक धर्म का न होना महिलाओं के हार्मोनल आईयूडी का इस्तेमाल बंद करने का सबसे बड़ा कारण है।

इसलिए आईयूडी का इस्तेमाल करने से पहले इस बारे में सोचना अच्छा विचार है, और इसे अपने शरीर में डलवाने से पहले मासिक धर्म को लेकर आपके जो भी सवाल हैं, उनके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

इसके क्या-क्या साइड इफेक्ट्स हैं?

  • सिर दर्द
  • मुँहासे
  • वजन बढ़ना
  • मूड में बदलाव
  • अंडाशय में सिस्ट
  • स्तन में कोमलता
  • थोड़ा-थोड़ा खून का रिसाव

हार्मोनल आईयूडी का इस्तेमाल किसे नहीं करना चाहिए?

  • जिन्हें हाल ही में पेल्विक में सूजन (पीआईडी) की बीमारी हुई हो (और अगर वे इस बिमारी के बाद गर्भवती नहीं हुई हों)
  • पेल्विक में संक्रमण वाली महिलाएं जिनका इलाज नहीं हुआ हो
  • स्तन, गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) या गर्भाशय कैंसर वाली महिलाएं
  • जिन महिलाओं की योनी से असामान्य खून का रिसाव होता है
  • जिन महिलाओं के जिगर में ट्यूमर हो
  • जिन महिलाओं को यौन संक्रामक रोग का ज़्यादा खतरा हो, अगर वे यौन संबंध बनाते वक्त सभी भागीदारों के साथ कंडोम का इस्तेमाल नही करती हैं।

एचआईवी वाली महिलाओं को अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए कि वे हार्मोनल आईयूडी का इस्तेमाल कर सकती हैं या नहीं। चूंकि आईयूडी के साथ संक्रमण का थोड़ा सा खतरा है, गर्भनिरोधन के दूसरे तरीके उनके लिए बेहतर हो सकते हैं।

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

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