कॉन्डम रबड़ से बना एक खोल जैसा होता है, जो लिंग पर पहना जाता है, यह शुक्राणुओं को योनि में जाने से रोकता है। यह नली के आकार का बहुत पतला, लचीला खोल होता है, जिसके अगले सिरे पर शुक्राणुओं को एकत्र करने के लिए निप्प्ल जैसा आकार बना होता है।
कॉन्डम विभिन्न आकारों, शैलियों और आकारों में आते हैं। कॉन्डोम को लेटेक्स, पॉलीयुरेथेन या लैम्ब्स्किन से बनाया जा सकता है । आप उन्हें चिकनाई या बिना चिकनाई के प्राप्त कर सकते हैं। कभी-कभी उनमें शुक्राणुनाशक होते हैं। आप सुगंधित कॉन्डोम, रंगीला, या रिब्ड कॉन्डोम भी प्राप्त कर सकते हैं।
(महिला कॉन्डम भी होते हैं जो योनि के अंदर पहने जाते हैं, लेकिन यहां हम पुरुष कॉन्डोम की बात कर रहे हैं।)
जब तक आप चाहें कॉन्डम का उपयोग किया जा सकता है। कुछ जोड़े सेक्स से पहले हमेशा पुरुष कंडोम का उपयोग वर्षों तक गर्भधारण को रोकने के साधन के रूप में करते हैं जबकि अन्य इसे दोहरी सुरक्षा ( कोई और गर्भनिरोध जैसे गोली, कॉपर टी लेते हुए) के रूप में उपयोग करते हैं। आप कॉन्डम को कई सालों तक या सिर्फ एक दिन तक इस्तेमाल कर सकते हैं - वे गर्भावस्था और एसटीडी/एसटीआई को रोकने के लिए किसी भी समय, बिना किसी दुष्प्रभाव के काम करता है।
यह कितना प्रभावी है?
विफलता दर
आम प्रयोगः 14 प्रतिशत
सही प्रयोगः 3 प्रतिशत
(‘विफलता दर’ का क्या अर्थ है, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, गर्भनिरोधक कितने प्रभावी होते हैं? लिंक पर क्लिक कीजिए।
ख़ूबियाँ और ख़ामियाँ
खूबियां
- गर्भधारण और यौनसंचारित रोगों, दोनों से बचाव करता है
- इसके लिए आपको किसी डाक्टर के पास नुस्खा लिखवाने नहीं जाना पड़ता
- मिलने में आसानी- इन्हें आप अधिकांश दवा की दुकानों या सुपर मार्केट से खरीद सकते हैं
- बहुत कम दुष्प्रभाव- कुछ लोगों को लेटेक्स से एलर्जी होती है, उन्हें दूसरे तरह के कॉन्डोम का प्रयोग करना चाहिए
- प्रयोग करने में आसानी
- जब भी गर्भवती होना चाहें, कॉन्डोम का प्रयोग बंद कर सकती हैं
खामियां
- आपको संभोग करते समय हर बार नए कॉन्डोम का प्रयोग करना होता है।
- इसके लिए पुरुष को आपका सहयोग करना ज़रूरी होता है।
- अपने साथी के जाने बिना आप इसका प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
कॉन्डम किस तरह काम करते हैं?
कॉन्डोम शुक्राणु को योनि में जाने से रोककर गर्भधारण से बचाते हैं।
मुख मैथुन या गुदा मैथुन करते समय यौनसंचारित रोगों से बचने के लिए भी आप उनका प्रयोग कर सकते हैं।
एलर्जी करने वाले
लेटेक्स (रबर) से बने कॉन्डोम गर्भनिरोध तथा यौनसंचारित रोगों से बचाने वाले सबसे अच्छे उपाय होते हैं। लेकिन यदि आपको लेटेक्स से एलर्जी है तो आप पॉलीयूरेथेन से बने कॉन्डोम का प्रयोग कर सकते हैं।
लेटेक्स के बाद दूसरा सबसे अच्छा विकल्प पॉलीयूरेथेन होता है, ये कॉन्डोम कुछ अधिक पतले और मंहगे होते हैं। इनका एक फायदा यह है कि आप अपने साथी की गर्मी को इससे आसानी से महसूस कर सकती हैं। इसके साथ सेक्स करना अधिक नज़दीकी लगता है।
लेटेक्स से बने कॉन्डोमों की तरह पॉलीयूरेथेन से बने कॉन्डोम भी गर्भधारण तथा यौनसंचारित रोगों से बचाते हैं। लेकिन चूंकि ये कुछ अधिक पतले होते हैं इसलिए सेक्स के दौरान लेटेक्स से बने कॉन्डोम की तुलना में उनके फटने और फिसलने की अधिक संभावना रहती है।
केवल लेटेक्स के बने कॉन्डोम आपको गर्भधारण और यौनसंचारित रोगों से बचाते हैं।
एलर्जी का सबसे आम और मामूली प्रतिक्रिया, सूखापन और खुजली के रूप में दिखता है। जबकि सबसे खराब दुष्प्रभाव गंभीर दाने या जानलेवा आघात के रूप में दिख सकता है।
शुक्राणु-नाशक
शुक्राणु-नाशक लगे कॉन्डम में नोनोक्सीनॉल- 9 नाम का रसायन होता है। यह शुक्राणुओं को नष्ट कर देता है या कम से कम उनका चलना या तैरना रोक देता है।
शुक्राणु-नाशक रसायन लगे कॉन्डम का प्रयोग करने वाले कुछ लोगों को लालिमा, खुजली या जलन होती है। महिलाओं को शुक्राणुनाशकों के अधिक दुष्प्रभाव की संभावना होती है। इनके कारण उन्हें मूत्र नली का संक्रमण होने की भी अधिक संभावना रहती है।
यदि आपके पास केवल चिकनाई लगे कॉन्डम या किसी भी कॉन्डम का प्रयोग नहीं करने का विकल्प मौजूद है तो भी कॉन्डम का प्रयोग करना अधिक सुरक्षित रहता है।
कॉन्डम का प्रयोग कैसे करें?
पुरुष कॉन्डम पहनना
- सावधानी से कॉन्डम के पैकेट को फाड़ें
- उसके अगले सिरे को दबाएं (जिससे निप्पल जैसे आकार वाले स्थान की हवा बाहर निकल जाए)
- कॉन्डम को लिंग मुंड पर रखकर पूरे लिंग पर पहन लें (जहाँ लिंग शरीर से मिलता है)
अधिक जानकारी के लिए पुरुष कॉन्डम पहनना भाग देखें।
सुरक्षा उपाय
- आम तौर पर कॉन्डम के पैकेट पर निर्देश लिखे होते हैं कि इन्हें कैसे पहना जाए। यदि आपको ठीक से पता नहीं है तो उन्हें ध्यान से पढ़ें।
- एक कॉन्डम का प्रयोग केवल एक ही बार करें।
- हर कॉन्डम के पैकेट पर उसके सुरक्षित प्रयोग की मियाद (एक्सपायरी डेट) लिखी होती है। निश्चित कर लें कि कॉन्डम के सुरक्षित प्रयोग की मियाद खत्म नहीं हुई है।
- महिला की योनि में अपने लिंग का स्पर्श करने से पहले कॉन्डम पहन लें। वीर्यपात से पहले आपके लिंग से निकलने वाला द्रव यौनसंचारित रोग फैला सकता है। और हो सकता है वीर्यपात से पहले भी लिंग जब उत्तेजना में हो, तो वीर्य की कुछ बूंदें बाहर आ सकती हैं, इसे अंग्रेजी में प्री-कम कहा जाता है जो आपकी साथी को गर्भवती कर सकते हैं।
- यदि कॉन्डोम चिटक रहा हो या कड़ा हो गया हो तो उसे फेंक दें, दूसरे कॉन्डोम का प्रयोग करें, क्योंकि चिटकने वाले या कड़े हो गए कॉन्डोम के सेक्स के दौरान फटने या फिसलने की अधिक संभावना होती है।
- यदि आपको अतिरिक्त चिकनाई की ज़रूरत हो तो जल आधारित चिकनाई युक्त पदार्थ का प्रयोग करें। थूक भी अच्छा काम कर सकते हैं। तेल आधारित चिकनाईयुक्त पदार्थ का प्रयोग न करें, क्योंकि उनसे लेटेक्स से बने कॉन्डोम को नुकसान पहुंच सकता है। कॉन्डोम की देखभाल कैसे करें? शीर्षक के अंतर्गत कॉन्डोम के लिए सुरक्षित और असुरक्षित चिकनाईयुक्त पदार्थ की सूची देखें।
कॉन्डम को उतारना
1. अपनी आम स्थिति में आने से पहले लिंग को बाहर निकाल लें
2. निकालते समय कॉन्डम को नीचे से पकड़ें रहें जिससे वीर्य बाहर न छलक सके
3. कॉन्डम को टिशू में लपेटकर कूड़ेदान में डाल दें। यदि आप चाहें तो वीर्य को बाहर निकलने से बचाने के लिए उसके सिरे पर गांठ बांध दें। कॉन्डम को टॉयलेट में न डालें।
यदि मेरा कॉन्डम फट जाता है तो क्या होता है?
कभी-कभार कॉन्डोम फट भी जाते हैं। ऐसा कॉन्डोम के ठीक से न बैठने या दुर्भाग्यवश हो सकता है।
सौभाग्य से ऐसा बहुत कम होता है। यदि कॉन्डोम का ठीक से प्रयोग किया जाए तो लेटेक्स कॉन्डोम औसतन 1000 बार में केवल चार बार फटते हैं। पॉलीयूरेथेन कॉन्डोम 100 बार में चार बार फटते हैं।
यदि कॉन्डोम फट जाता है तो गर्भधारण या यौनसंचारित रोगों से बचाने के लिए यह कम प्रभावशाली होता है।
यदि ऐसा आपके साथ होता है तो इसे जल्दी बाहर निकाल लें और इसके बदले दूसरा कॉन्डोम पहन लें। यदि कॉन्डोम फट जाता है और यदि कोई द्रव योनि के अंदर चला गया है, तो आपातकालिक गर्भनिरोधक का प्रयोग करने पर विचार करें।
आपातकालिक गर्भनिरोध- अगली सुबह खाई जाने वाली गोली (मार्निंग आफ्टर पिल)- सेक्स करने के पांच दिन बाद तक गर्भधारण से बचाने के लिए प्रभावषाली होती है। आप इसे जितना जल्दी लेती हैं, यह उतनी ही अधिक कारगर होती है।
जब कोई कॉन्डोम फिसल जाता है और उसे मैं अपनी योनि से बाहर नहीं निकाल सकती तब क्या होता है?
घबराएं नहीं। अक्सर आप योनि में उंगली डालकर इसे पकड़ सकती हैं। यदि ऐसा नहीं कर पातीं तो नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या डाक्टर से संपर्क करें। क्योंकि हो सकता है कॉन्डम से शुक्राणु निकल गए हों, आपको आपातकालिक गर्भनिरोधक- ‘अगली सुबह खाई जाने वाली गोली’ के प्रयोग करने पर विचार करना चाहिए।
कॉन्डम की देखभाल कैसे करें?
कॉन्डोम को ठंडे, सूखे स्थान पर रखें। अपने पीछे की जेब, बटुए या दस्तानों में इन्हें अधिक देर तक न रखें, वरना गर्मी से उन्हें नुकसान पहुंच सकता है।
लेटेक्स (रबर) से बने कॉन्डोम में जल आधारित चिकनाई युक्त पदार्थ का प्रयोग करें।
सभी प्रकार के कॉन्डोमों के लिए सुरक्षित चिकनाई
- ’एस्ट्रोग्लाइड, हालांकि, यह अभी भी भारत में उपलब्ध नहीं है। के-वाई जेली या डूराजेल
- ग्लिसरीन
- सिलीकॉन चिकनाई
- पानी
- थूक
कॉन्डोम के लिए असुरक्षित चिकनाई में, बच्चों को लगाया जाने वाला तेल (बेबी ऑयल), मक्खन, क्रीम, बॉडी लोशन, मालिश करने वाला तेल, खनिज तेल, वैसलीन (पेट्रोलियम जेली), रबिंग अल्कोहल, सनटैन लोशन, कुछ प्रकार के यीस्ट संक्रमण दूर करने वाली क्रीम, खाना पकाने का तेल और मलाई शामिल हैं!
मुझे कब और कितनी बार कॉन्डम का प्रयोग करना चाहिए
सीधी सी बात है, जब भी आप सेक्स करें, हर बार!
कॉन्डम की कीमत कितनी होती है?
’प्रति कॉन्डम 5 रुपए से 20 रुपए तक। किंतु अक्सर इन्हें आप परिवार नियोजन केंद्र या क्लीनिक से मुफ्त प्राप्त कर सकते हैं।
मुझे कॉन्डम कहां से मिल सकते हैं?
अधिकांश दवा की दुकानों, कुछ सुपर मार्केट और परिवार नियोजन केंद्रों या क्लीनिक से ले सकते हैं। कभी-कभार मदिरालयों या सार्वजनिक शौचालयों के पास लगे कॉन्डम वेंडिग मशीनों से भी कॉन्डम बेचे जाते हैं। कभी-कभार परिवार नियोजन क्लीनिक भी मुफ्त कॉन्डम मुहैया कराते हैं।
लोगों को कॉन्डोम का प्रयोग करना कई कारणों से पसंद हैः
- मिलने में आसानी
- गर्भधारण तथा यौन संचारित रोगों, दोनों ही से बचने का सस्ता उपाय
- हल्का और एक बार प्रयोग किया जाने वाला
- किसी डाक्टरी नुस्खे की ज़रूरत नहीं
- पुरुष की संभोग अवधि बढ़ा सकता है
कुछ लोग कहते हैं कि कॉन्डम का प्रयोग करने से वे बेहतर सेक्स का आनंद उठाते हैं, क्योंकि वे गर्भधारण या यौनसंचारित रोगों से डरे बिना सेक्स से मिलने वाले आनंद पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। कॉन्डम पहनना सेक्स से पहले की जाने वाली छेड़छाड़ का हिस्सा बन सकता है - अधिक जानकारी के लिए पुरुष कॉन्डोम कैसे पहनें का अध्ययन
नुकसान?
मोटे तौर पर कॉन्डम का प्रयोग करने वाले 100 लोगों में से छः लोगों को लेटेक्स कॉन्डम से एलर्जी होती है। यदि आपको लेटेक्स से एलर्जी है तो आप पॉलीयूरेथेन कॉन्डम का प्रयोग कर सकते हैं अथवा अपनी महिला साथी से महिला कॉन्डोम का प्रयोग करने के लिए कह सकते हैं।
कुछ दंपति कॉन्डम का प्रयोग करने से अपने सेक्स के आनंद में कमी महसूस करते हैं। यदि आपको इसकी चिंता है तो सुझावों के लिए यहां क्लिक करें।
कुछ पुरुषों को कॉन्डम पहनने पर लिंग में तनाव बनाए रखने में परेशानी महसूस करते हैं। यदि आपकी महिला साथी महिला कॉन्डम का प्रयोग करती है तो संभवतः ऐसी समस्या नहीं आती।
पुरुष, कॉन्डम का प्रयोग करने में संकोच या शर्मिंदगी महसूस कर सकते हैं, यदि आपको ऐसा कुछ लगता है तो कॉन्डम पहनने का अभ्यास करें। कॉन्डोम पहनना काफ़ी आनंददायी हो सकता है और इसे सेक्स से पहले की जाने वाली छेड़छाड़ का हिस्सा बनाया जा सकता है! अधिक जानकारी के लिए ‘पुरुष कॉन्डोम कैसे पहनें?’ पढ़ें।
यौनसंचारित रोगों से सुरक्षा?
जी हाँ
मैं अपने साथी से कॉन्डम के प्रयोग के बारे में कैसे बात करुँ ?
अपने साथी से कॉन्डम का प्रयोग करने के बारे में बात करना ज़रूरी है। हो सकता है आप असहज महसूस करें, लेकिन इस बारे में विचार कर लें - यदि आप लड़की हैं, तो क्या यह कहना अधिक असहज नहीं होगा कि आप गर्भवती हो गई हैं? और यह कहना कि आपको यौनसंचारित रोग हो गया है, लड़के तथा लड़कियों, दोनों के लिए काफी कठिन होगा। इसलिए पहले ही कॉन्डम के प्रयोग के बारे में बात कर लेना ज़्यादा अच्छा रहेगा।
बात करने से पहले इसका अभ्यास कर लें कि आप क्या कहने वाले हैं। आपके साथी कॉन्डम का प्रयोग करने के बारे में क्या कहेंगे इस बारे में विचार कर लें। यदि आपको किसी सहायता की ज़रूरत महसूस होती है तो अधिक जानकारी के लिए कॉन्डम के बारे में बात करना लिंक पर क्लिक करें।