फिर भी सन १९९२ से अब तक हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड देश भर में महिलाओं को ’सहेली’ गोली बेचते रहे हैं।
सहेली अन्य गर्भ निरोधक गोलियों से इसलिए भिन्न है क्योंकि इस में कोई होरमोन नहीं हैं। गर्भ रोकने के लिए एस्ट्रोजेन होरमोन का उपयोग करने की बजाय इस में एस्ट्रोजेन को रोकने की औषधि का प्रयोग किया जाता है।
आम तौर पर एस्ट्रोजेन की मात्रा बढ़ाकर महिलाओं के अंडाशय से अण्डों का प्रवाह बंद किया जाता है। यद्यपि, सहेली इसके स्थान पर एस्ट्रोजेन के प्रवाह को रोककर गर्भाशय के स्तर में बदलाव कर देता है और ये बदलाव अण्डों को उर्वर बनने से रोकता है जिसके फलस्वरूप गर्भ धारण नहीं होता।
कोई साइड एफ्फेक्ट नहीं
एस्ट्रोजेन का प्रवाह रोकने के कुछ अतिरिक्त लाभ हैं - इसका कोई होर्मोनल साइड एफ्फेक्ट नहीं है। सहेली का सेवन करने वाली महिलाओं को जी मिचलाना, सर दर्द या शरीर के वजन में बदलाव आने जैसी किसी समस्या से नहीं झूझना पड़ता। उनकी माहवारी भी सामान्य से हलकी होती है।
प्रभावशालीः
सहेली लगभग किसी भी सामान्य गर्भ निरोधक गोली जितनी प्रभावशाली है। यदि इसका उपयोग नियमित रूप से किया जाए तो औसत १०० में से केवल २ महिलाओं का ही गर्भ ठहरता है। जबकि होर्मोनल गर्भ निरोधक गोली का सेवन करने वाली महिलाओं के लिए यह आंकड़ा हर १०० में से एक है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो गर्भनिरोधक गोली ना खाने से गर्भ धारण करने की सम्भावना ८५ प्रतिशत है, यानि हर १०० में से ८५ महिला।
सप्ताह में दो या एक बार सेवनः
पहले तीन महीने आपको सहेली सप्ताह में दो बार लेनी है। लेकिन उसके बाद आप सप्ताह में केवल एक ही गोली लेंगी।
इसका व्यावहारिक अर्थ ये हुआ कि यदि आपका मासिकधर्म सोमवार को शुरू होता है तो पहले तीन महीने आप हर सोमवार और ब्रहस्पति वार को एक - एक गोली लेंगी। चैथे महीने की शुरुआत से आप केवल एक गोली ही पर्याप्त होगी।
फायदे ही फायदे और कोई साइड एफ्फेक्ट नहींः
यह बिलकुल आश्चर्य की बात नहीं है कि सहेली का प्रचार एक ऐसी गर्भ निरोधक गोली की तरह किया जाता है जो किसी आम होर्मोनल गर्भ निरोधक गोली जितनी प्रभावशाली तो है, लेकिन उनकी तरह इसका कोई साइड एफ्फेक्ट नहीं। इन सभी फायदों के मद्देनजर यह सवाल जरूर है कि यह केवल भारत देश तक ही क्यों सीमित है?