kusuma and tanvi story
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अब मुझ पर ऐसा कोई दबाव नहीं है !

द्वारा Kusuma Krishna फरवरी 20, 06:58 बजे
मेरे नए काम की जगह ऐसी है जहाँ मैं अपने पूरे अस्तित्व के साथ शुरू से ही सहजता से काम कर पा रही हूँ। इसके लिए मैं भारत के पहले एलजीबीटी जॉब मेले राइज़ की शुक्रगुजार हूँ जिसकी वजह से मुझे ऐसी नौकरी मिली जहाँ मैं अपने पूरे वज़ूद के साथ आज़ादी से काम कर सकती हूँ। कुसुम ने अपनी कहानी लवमैटर्स इंडिया के साथ साझा की है।

33 वर्ष की कुसुम बंगलौर में रहती है और आईटी इंडस्ट्री में काम करती है।

गुलकंद और गुलाब

वैलेंटाइन हफ़्ता चल रहा था और मेरी गर्ल फ्रेंड तन्वी ने मुझ पर गुलाबों और उपहारों की बरसात कर दी थी और वह भी मेरे ऑफ़िस के पते पर भेजकर। हर दिन मैं अपने क्यूबिकल में जाती और अपनी टेबल पर एक उपहार रखा हुआ देखती -दिल और चुंबनों के साथ बहुत ही सुंदर से सजाया गया। वो क्या-क्या डे होते हैं -चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रोपोज़ डे- हर दिन कुछ खास और हर खास दिन, पूरे हफ़्ते वह मुझे एक तोहफ़ा भेजती रही।

और आप जानते हैं सबसे अच्छी चीज़ क्या थी? सिर्फ़ मैं ही नहीं उसके उपहारों का हर दिन इंतज़ार किया करती थी, मेरे ऑफ़िस के कलीग्स भी उनके लिए उतने ही उत्साहित रहते थे। हर दिन जैसे ही मैं अपना उपहार खोलने लगती, वे मेरे आसपास जमा हो जाते। रोज़ डे पर जब मैंने अपना उपहार खोला तो उसमें गुलकंद की बोतल निकली और सब खूब हँसे। मेरे ऊपर इन तोहफ़ों को छिपाने का कोई दबाव नहीं था क्योंकि वे किसी बॉयफ्रेंड द्वारा नहीं, किसी गर्लफ्रेंड द्वारा भेजे जा रहे थे। मुझे इस बात की कोई चिंता नहीं थी कि मेरे दोस्त मेरे बारे में क्या सोचेंगे क्योंकि मेरी एक गर्लफ्रेंड है। मेरे सभी कलीग्स मेरे और तन्वी के रिश्ते को लेकर उतने ही सहज और सामान्य थे, जितना सामान्य यह रिश्ता था।

यह ऑफ़िस मेरे काम करने के लिए एक बेहतरीन जगह थी। आप सोच रहे होंगे कि क्या सभी काम की जगहें एक जैसी ही नहीं होतीं? क्या मेरे पहली वाली संस्था में ऐसा नहीं था?

पहले ऐसा नहीं था

नहीं, इससे पहले वाली संस्था में रिश्तों को लेकर इतनी संवेदनशीलता नहीं थी। हालाँकि नौकरी और काम की जहाँ तक बात है, सब सही था लेकिन मैं वहाँ कभी भी सहज महसूस नहीं करती थी। उन दिनों मैं बहुत सक्रियता से दूसरी नौकरी नहीं खोज रही थी जब अचानक मैं राम से मिली। राम प्राइड सर्किल और राइज़ के को-फाइन्डर थे। उन्होंने मुझे उस जॉब फेयर के बारे में बताया जो खास कर एलजीबीटीक्यू+ लोगों के लिए आयोजित किया जाता था।

मैं पहले कभी इस तरह के इवेंट में शामिल नहीं हुई थी लेकिन राम ने मुझे इस बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया। ऐसा लगा कि मेरे सितारे भी यही चाहते थे। जब इस इवेंट का समय आया, मैं दूसरी नौकरी तलाश रही थी।

इंद्रधनुष और गुड लक

मुझे वह दिन अच्छी तरह से याद है। मैं जैसे ही वेन्यू की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर दाखिल हुई, वहाँ एक विशालकाय इन्द्रधनुषी रंगों वाला होर्डिंग लगा हुआ था, सभी उम्मीदवारों को शुभकामनाएं देता हुआ। यह वाकई बहुत कूल था! बंगलौर में इस तरह का इवेंट इतने बड़े स्तर पर होते देखना वाकई सपने जैसा था। एलजीबीटीक्यू+ परिवार के हर सदस्य के लिए राइज़ के पास कोई ना कोई अवसर मौजूद था।

मुझे चार कंपनियों ने शॉर्टलिस्ट किया और आखिर में मेरे हाथ में तीन जॉब ऑफ़र थे। किसी ने भी मेरे अनुभव, शिक्षा और प्रतिभा को कमतर नहीं आँका। वहाँ मुझे मेरे प्रोफ़ाइल और उनकी ज़रूरत के अनुसार आँका गया ना कि मेरे सेक्सुअल रुझान की वजह से।

मुझ पर अब कोई दबाव नहीं

आखिरकार मैंने वह संस्था चुनी जो भारत के सभी संस्थानों में बेहतर काम की जगह के मामले में दूसरे स्थान पर थी। मैंने वहाँ प्रोग्राम मैनेजर की तरह जॉइन किया और यह वही जगह है जिसके बारे में मैं ऊपर आपको बताया रही थी। यह वही जगह थी जहाँ हर किसी ने मुझे सहज महसूस कराया और वे यह जानने के लिए भी उत्साहित थे कि मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे लिए क्या प्लान किया है।

इस संस्था में काम करने के पहले दिन से अपने सेक्सुअल रुझान को लेकर मैं अब बिल्कुल भी शंकित नहीं हूँ। अपनी टीम के सदस्यों या मैनेजर के सामने मुझे कोई परीक्षा नहीं देनी होती। यहाँ जो भी लोग मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं, वे उस दिन वहाँ इंटरव्यू पैनल में थे और अच्छी तरह से जानते हैं कि मैं क्या हूँ। और मेरे लिए यह बहुत बड़ी मुक्ति है। मुझपर अब कोई दबाव नहीं है।

यह संस्था अलग तरह के लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित है। यही वजह थी कि मैं शुरुआत से ही अपने पूरे वज़ूद के साथ काम में जुट सकी। मैं अपने पूरे अस्तित्व के साथ वहाँ शामिल हो पाई। मैं अपनी संस्था और प्राइड सर्किल दोनों की शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने एलजीबीटी+ समुदाय को  एक सुरक्षित और आगे बढ़ने का अवसर देने वाली जगह उपलब्ध कराने में अपना योगदान दिया, जहाँ वे सबके साथ पूरी तरह शामिल होकर काम कर सकें।

प्राइड सर्किल दिल्ली में राइज़ का दूसरा चैप्टर लेकर आ रही। राइज़ एलजीबीटी समुदाय के लिए आयोजित होने वाला भारत का पहला और सबसे बड़ा जॉब फ़ेयर है जहाँ एंट्री मुफ़्त है। अगर आप या आपकी जान पहचान का कोई एलजीबीटी समुदाय का है, तो यह जॉब फ़ेयर आपके लिए है।

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