my first gay kiss, my gay story
Pexels/Abhishek Gaurav/तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है

‘बहुत क्यूट हो’ कह कर अक्षय ने मुझे किस किया!

द्वारा Mohit Dudeja नवंबर 18, 01:22 बजे
स्कूल के आखिरी दिन जब मानव ने अक्षय को प्रपोज किया, तब उसने साफ मना कर दिया। रिजेक्शन का असली कारण उसे शायद ही मालूम था। आगे क्या हुआ? मानव ने लव मैटर्स इंडिया के साथ अपनी कहानी साझा की।

25 साल के मानव दिल्ली में मेकअप आर्टिस्ट हैं।

पहली नजर में प्यार!

12 वीं क्लास का पहला दिन था। सेक्शन बी के छात्रों में केवल एक लड़के को छोड़कर सभी चेहरे जाने पहचाने थे, उस अनजाने चेहरे पर तुरंत मेरी नज़र गई। मैंने सेक्शन बी से सागर से उसके बारे में पूछा। सागर ने बताया कि वह क्लास में नया है।

सागर स्कूल में एकमात्र ऐसा लड़का था जिसे मेरे समलैंगिक होने के बारे में पता था। मैंने सागर से उस नए लड़के से मिलवाने के लिए कहा। उसका नाम अक्षय था। कुछ दिनों के बाद, सागर ने मुझे उस से मिलवाया लेकिन मैं एक भी शब्द नहीं बोल पाया। मुझे इतनी ज़्यादा घबराहट हो रही थी कि मैं अपने दिल की धड़कन तक सुन सकता था।

‘अरे कुछ तो बोलो...!' मैंने खुद से बुदबुदाया। उसके सामने जब मैं अपनी घबराहट में खोया हुआ था उतने में वो मेरे सामने से चला गया और मैं अभी भी ख्वाबों की दुनिया में गोते ही लगा रहा था।

हमने 12वीं क्लास के आखिरी दिन तक फिर कभी बात नहीं की। वह शायद हमारी पहली नीरस मुलाकात भूल चुका था क्योंकि उसने कैंटीन या स्कूल से गुजरते हुए मुझे कभी नहीं पहचाना।

लेकिन मैंने उस साल उसे देखने का एक भी मौका नहीं छोड़ा। मैं अक्सर उनकी क्लास में जाने के बहाने खोजा करता। लंच ब्रेक के दौरान, मैं ठीक उसी जगह पर खड़ा होता जहाँ मैं उसे काफी देर तक बिना किसी के नोटिस में आए उसे देख सकता था।

जब दिल ही टूट गया

मैं इस सीक्रेट एकतरफा प्यार से थक गया था। मैंने आखिरकार उसे स्कूल के अंतिम दिन अपनी फीलिंग के बारे में बताने का फैसला किया, ताकि अगर वह मेरे प्रपोजल को ठुकरा भी दे तो कम से कम तसल्ली तो रहेगी की मैंने अपने मन की बात कही। 12वीं क्लास के आखिरी पेपर से पहले यह ख्याल मुझे पूरी रात परेशान करता रहा। वह मेरा दोस्त नहीं था और मुझे अभी तक यह भी नहीं पता था कि वह समलैंगिक है भी या नहीं।

मैं लगातार इसी बारे में सोच रहा था कि - सीधे-सीधे उसे प्रपोज करते समय मैं कैसे पूरी तरह से निडर रहूं? परीक्षा के बाद, जब वह परीक्षा केंद्र के बाहर अपने दोस्तों के एक ग्रुप के साथ प्रश्न पत्र पर चर्चा कर रहा था, तो मैंने उसके पास जाने का पूरा साहस जुटाया। मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता हूं', मैंने कहा।

'हाँ? बोलो। वैसे, तुम्हारा नाम क्या है? माफ करना, मुझे याद नहीं है ', उसने कहा।

'अक्षय, क्या तुम एक मिनट के लिए उधर आ सकते हो? मैं तुम्हारे दोस्तों के सामने बात नहीं कर सकता', मैंने उससे पूछा और वह मुस्कुराते हुए बोला, ‘हां हां क्यों नहीं’।

आंखें बंद करके कांपती हुई आवाज में मैंने उससे कहा ‘आई लव यू अक्षय’। यह बोलने के बाद ही मुझे बहुत हल्का फील हुआ।  लेकिन मानव बहुत कन्फ्यूज्ड था- और वो हंस भी रहा था।  

मैंने कहा, ‘हम्म ... ठीक है। मैं समझाता हूँ...जिस दिन से मैंने तुम्हें पहली बार देखा है... उसी दिन से मुझे कुछ-कुछ होने लगा है। मुझे लगता है कि मुझे पहली नजर में तुमसे प्यार हो गया है। मुझे नहीं पता कि कैसे और क्यों। मैं हर पल तुम्हारे ही बारे में सोचता रहता हूं। मुझे ख़ुद नहीं मालूम कि कैसे मैंने इतनी हिम्मत जुटाकर तुमसे ये सब कह दिया।’

‘तुम पागल हो गए हो?’, अक्षय ने तेज आवाज़ में कहा, ‘भाड़ में जाओ, गे कहीं के! कभी भी मेरे करीब आने की कोशिश मत करना।' वह वहां से चला गया और पर उसके सभी दोस्त मुझे घूर रहे थे।

मेरी आंखों में आंसू और चेहरे पर शर्मिंदगी थी। मैं अपने घर लौट आया।

फिर से उम्मीद 

उस रात मैं अपने कमरे में रो रहा था तभी मेरा फोन बज उठा। मेरे फोन की स्क्रीन पर ट्रूकॉलर में ’अक्षय गर्ग’ का नाम फ्लैश हुआ। नहीं, ये वो नहीं हो सकता, मैंने सोचा और फिर फोन उठाया।

‘मुझे माफ करना मानव’, अक्षय ने कहा और मुझसे कल शाम 6 बजे जिला पार्क में मिलने के लिए कहा। फिर उसने फोन रख दिया।

मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा था। पूरी रात मैं इसी के बारे में सोचता रहा। मैं अजीब सी स्थिति में था। मैं उन पलों की कल्पना करने लगा। क्या वह मेरे प्रपोजल को स्वीकार करने के लिए बुला रहा है? क्या वह मुझे सबके सामने शर्मिंदा करने वाला है?

मैं डर और चिंता के इस भंवर में फंस गया था। जब मैं वहां पहुंचा तो वह पहले से ही पार्क में मौजूद था। उसने कहा, मैं सिर्फ अपने खराब व्यवहार के लिए माफी मांगना चाहता था। मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि कोई लड़का खुद को लेकर इतना ईमानदार हो सकता है। अक्षय के मुझे समझाया, ‘यह सब कुछ अचानक हुआ, और वह भी हमारे बैचमेट्स के सामने। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या कहूं, मुझे सच में बहुत दुख है। मैं भी तुम्हें पसंद करता हूं और तुमसे दोस्ती करना चाहता हूं’,  यह कहकर उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया।

उसके बस एक स्पर्श से मेरा सारा गुस्सा गायब हो गया।

'ठीक है। प्लीज सॉरी मत बोलो। मुझे उस दिन एक बेहतर जगह और समय चुनना चाहिए था, मेरी ही गलती थी’, मैंने कहा।

फिर हम हर दिन मिलने लगे और जल्द ही अच्छे दोस्त बन गए। हालांकि, वह हमारी रिलेशनशिप को सबसे छिपाकर रखना चाहता था क्योंकि उसके समलैंगिक होने के बारे में अभी तक किसी को नहीं मालूम था। जब तक हम दोनों साथ थे, तब तक सब कुछ ठीक था। मुझे उसकी दोस्ती और प्यार दोनों मिला।

वह शानदार पल 

कुछ महीनों की मुलाकात और घंटों फोन पर बातें करने के बाद, मानव ने मुझे रात में एक पार्क में मिलने के लिए कहा। मैं हम दोनों की मुलाकात की कल्पना करने लगा। क्या वह मेरे प्रपोजल को स्वीकार करने के लिए बुला रहा है? पार्क में क्यों? क्या वह किस करने के लिए बुला रहा है? अगर उसने मुझसे स्मूच के लिए कहा तो क्या होगा?

मुझे तो यह भी नहीं पता था कि किस कैसे करते हैं। मैंने कभी किया भी नहीं था। एक तरफ, यह सोचकर मैं असहज महसूस कर रहा था तो दूसरी तरफ मैं भी उसे किस करने के लिए बेताब था क्योंकि उसने मुझे खुद बुलाया था।

मैं यह सोचकर डर गया कि अगर मैंने उससे किस के लिए कहा तो वह मुझे कहीं उतावला न समझ बैठे। यदि मैंने उसके दांतों को छू लिया तो क्या होगा। और मैं अपने हाथों से क्या करूंगा! क्या उसका चेहरा पकड़ूंगा? मैं इन अजीब लेकिन खूबसूरत ख्यालों के साथ सो गया!

अगली शाम मैं उसके पास बैठा था और उसने फिर से मेरा हाथ पकड़ लिया।

‘तुम बहुत क्यूट हो। मैंने जाने क्यों तुम्हारे साथ बुरा बर्ताव किया, मुझे इसका दुख है', उसने कहा।

फिर वह अपने होंठ मेरे करीब लाया। हम दोनों एक दूसरे के दिल की धड़कन सुन सकते थे। उसने अपने होठों से मुझे स्पर्श किया। मैं जैसे जन्नत में पहुंच गया। मुझे यकीन नहीं हो रहा था, कि सच में ऐसा हो रहा है या फिर मैं कोई सपना देख रहा हूं। मेरी आँखें अपने आप बंद हो गईं, लेकिन मैं भी ऐसा होते देखना चाहता था।

मेरे दिमाग में ख्यालों के घोड़े दौड़ रहे थे! क्या मैं यह ठीक से कर पा रहा हूं? अगर मैं अभी आंखें खोलूं तो क्या यह बहुत अजीब होगा? क्या मुझे अपना मुंह और खोलना चाहिए? हां, हां मुझे खोलना चाहिए। मुझे लग रहा था कि मैं अपना मुंह वापस खींचूँ तो कहीं मेरे जबड़े में चोट ना लग जाए, वह तो अपनी जीभ को और नीचे ले जाएगा।

‘सोचना बंद करो’  मैं खुद को डांटा और उस मोमेंट को एन्जॉय किया जब तक उसने अपने होंठों को मेरे होंठों से हटा न लिया।

‘काश हम अगले 24 घंटों तक ऐसा कर सकते’, मैंने मन में सोचा! लेकिन शाम ढल चुकी थी अब घर जाने का वक़्त था। 

मेरे पहले किस की यादें अभी भी मैंने अपने दिल में संजोकर रखी है।

आज, जब मैं इसके बारे में सोचता हूं, तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और मैं थोड़ा शरमा जाता हूं और फिर जीवन के उस खूबसूरत पल के बारे में सोचता हूं- मेरा पहला किस!

पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।

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लेखक के बारे में: मोहित एक शोधकर्ता हैं जो जेंडर, सेक्सुअलिटी ,शिक्षा और प्रेम के बारे में लिखते हैं। आप उन्हे इंस्टाग्राम पर संपर्क कर सकते हैं।

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