Denied a house over an eyeliner
© Love Matters India

आईलाइनर की वजह से घर देने से मना किया

द्वारा Divyaroop जून 28, 02:55 बजे
मुंबई में रहने के लिए घर पाना काफ़ी मुश्किल होता है। कुछ मकान मालिक सिर्फ़ परिवार वाले लोगों को ही किराए के लिए घर देना पसंद करते हैं वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो अकेली लड़कियों को किराए के लिए घर देते ही नहीं हैं। लेकिन दिव्यरुप ने पाया कि एक और वजह है जिसे शायद ही कोई मकान मालिक स्वीकार करे। लेख के बाद उसका वीडियो देखना न भूलें!

*दिव्यरुप 25 वर्ष के हैं और मुंबई के एक कॉल सेंटर में काम करते हैं।

रविवार की सुबह का झटका

हर रविवार की तरह मैं आज भी दफात को सो कर उठा थाI अभी मैं ये सोच ही रहा था कि खाने के लिए क्या बनाया जाए कि मेरे फोन की घंटी बज उठी। दूसरी तरफ़ मेरा मकान माली थाI मैंने इस महीने का किराया तो पहले ही दे दिया था, मैं सोच में पड़ गया कि आखिर अब किसलिए इन्होने मुझे कॉल किया है?

मेरा सन्डे खराब करने कि लिए फ़ोन किया था जनाब नेI उन्होंने कहा कि हमें ये मकान जल्दी खाली करना होगा। उनका भाई नौकरी के लिए केरल से मुंबई आ रहा है और वह इस घर में रहना चाहता है। यह सब मेरे लिए एक बुरे सपने के जैसा था, मैंने ये बात अपने दोनों रूममेट को बताई जो अभी तक सो रहे थे। हमें पंद्रह दिनों के भीतर ही मकान खाली करने को कहा गया। तो मेरे साथ उनकी भी नींद उड़ चुकी थीI फ़िर शुरू हुई नए घर के लिए जोरो शोरों से शुरुआत

संघर्ष

मैंने अपने कई दोस्तों को फोन किये, इंटरनेट पर भी तलाश किया और ऑफिस के सहकर्मियों से भी इस बारे में बात की। लोग अलग अलग सुझाव दे रहे थे लेकिन उनमें से मुझे कुछ भी पसंद नहीं आया। तब मैंने कुछ ब्रोकरों से बात की और उनमें से एक ने मुझे एक घर देखने के लिए बुलाया। मुझे वो घर पहली ही नज़र में पसंद आ गयाI हमने निर्णय लिया कि मकान से जुड़े पैसों के लेनदेन और कागज़ात आदि सब औपचारिक चीजें हम सोमवार को निपटा लेंगे।

मैं एक कॉल सेंटर में काम करता हूँ और अपने दो दोस्तों के साथ रहता हूँI *अभय एक फ्रीलांस मॉडल है जबकि *मोहक अभी कॉलेज में पढ़ रहा है। सोमवार को मुझे ऑफिस जाना था इसलिए मैंने उन दोनों से कहा कि वे जाकर मकान मालिक को कुछ एडवांस पैसे और ज़रुरी कागज़ देकर सारा काम निपटा आयेंI हमसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और ऑफिस का पहचान पत्र लाने के लिए कहा गया था। 

अभय और मोहक सभी ज़रुरी कागज़ात के साथ वहां गये। मैंने हाल ही में नयी जगह नौकरी शुरू की है इसलिए मेरे पास अभी मेरा ज्वाइनिंग लेटर (नियुक्ति पत्र) नहीं था मैंने नए ऑफिस का पहचान पत्र दे दिया। तब तो उन्हें उससे कोई परेशानी नहीं हुई थीI मकान मालकिन ने सारे कागज़ात लिए और उनकी फोटोकॉपी कराने लगीI ठीक उसी समय ब्रोकर मकान मालकिन को एक तरफ ले गया और उनसे कुछ कहाI जल्दी ही दोनों वापस आए और बोले कि सिर्फ़ ऑफिस के पहचान पत्र पर किसी को किराए के लिए कमरा देना मुश्किल है, यह नकली भी हो सकता है। आप अपना नियुक्ति पत्र लेकर आइये।

दुखद: एहसास

जब मैं घर आया तो दोस्तों ने बताया कि उनके साथ क्या हुआ और ये सब सुनकर मुझे थोड़ा अजीब तो तभी लग गया था लेकिन आगे आने वाले झटके के मुझे दूर दूर तक कोई आशंका नहीं थीI कोई आपके ऑफिस के पहचान पत्र की प्रमाणिकता पर कैसे सवाल उठा सकता है?

 तब मैंने ध्यान दिया कि अभय ने हरे रंग का आईलाइनर लगाया हुआ है। अचानक मुझे यह एहसास हुआ कि यह सब ज्वाइनिंग लेटर की वजह से नहीं बल्कि अभय द्वारा लगाये गए हरे आईलाइनर के कारण हुआ है और शायद इसी वजह से मकान मालकिन ना नुकुर कर रही है

मेरा शक तब यकीन में बदल गया जब मेरे उन्हें ज्वाइनिंग लेटर देने के बाद भी मकान मालकिन और ब्रोकर मकान की डील फाइनल करने को तैयार नहीं हुए। ब्रोकर ने कहा कि आप लेटर दे दीजिये फ़िर  हम इसे चेक करेंगे, इतना कहकर वह चला गया। मेरे दोस्त उससे कुछ कहते जब तक वो जा चुका था।

किराए पर मकान ना देने के कारण

मैं समझ गया कि वे मुझसे मेरे दोस्त के हाव भाव और  लाइनर के बारे में कुछ नहीं पूछना चाहते हैंI लेकिन वे शायद उसकी लैंगिक पहचान को लेकर असमंजस में हैं और इसलिए हमें घर देने से मना कर रहे हैं। मुझे सबसे बुरा यह लगा कि अपने देश में लोग फर्ज़ी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाकर किराए से घर ले ले रहे हैं और यहां हमारे सारे कागजात असली हैं फ़िर भी हमें घर देने से मना किया जा रहा है।

मैं यह भी सोचने लगा कि लोगों के लिए किराए का मकान लेना इन अलग अलग कारणों की वजह से कितना मुश्किल हो गया है। अगर आप कुंवारे हैं तो लोगों को इससे दिक्कत है। अगर आप लड़की हैं और अकेले रहना चाहती हैं तो भी घर मिलना मुश्किल है। अगर आप शराब या सिगरेट पीते हैं तो भी यह बात मकान मालिक को नागवार गुज़रेगीI अगर आप मांसाहारी है तो इस चीज़ से भी कुछ मकान मालिक नाक भों सिकोड़ लेते हैंI कुछ मकान मालिक तो मुस्लिमों को ही किराये पर घर देने से मना कर देते हैं। अगर आप समलैंगिकया ट्रांसजेंडर हैं तो समझिये कि आपको किराए से घर मिलना लगभग नामुमकिन है। कई लोगों को तो आपके शादीशुदा होने और आपके बच्चे होने तक से दिक्कत हो जाती हैंI

वर्तमान स्थिति

अभय अपनी लापरवाही को लेकर खुद को दोषी महसूस कर रहा था कि उसने अपनी पहचान को इस तरह सार्वजनिक कर दिया। हालांकि हमने महसूस किया कि जो हुआ अच्छा ही हुआ, उसने वही किया जो वह करना चाहता था। ऐसा कुछ बाद में पता चलने और परेशान होने से बेहतर है कि सब पहले ही पता चल गया। हम आगे चलकर उनको ठीक से झेल नहीं पाते लेकिन जो हुआ उसे लेकर अभय अभी भी उदास और गुस्से में हैं। 

हम अभी भी ऐसे घर की तलाश में हैं जो हमारे आस पास हो और हमारे बजट में हो और सच मानिए ये दौर काफी तनाव भरा है। सुबह से लेकर शाम तक हर जगह हमें भेदभाव और होमोफ़ोबिया नज़र आता है। लोगों को इस बात से कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप कितनी इमानदारी के साथ अपनी जिंदगी जी रहे हैं। उन्हें सिर्फ़  इससे मतलब है कि आपने कपड़े कैसे पहने हैं, आपका रहन सहन कैसा है और आप खुद को कैसे व्यक्त करते हैं। और यदि आप उस सांचे मे फिट नही बैठते जिसे समाज ठीक या सामान्य मानता है तो आपकी शैक्षिक, व्यावसायिक और अन्य योग्यताओं के साथ आपकी काम के प्रति ईमानदारी, सब बेकार है।

दो दिन के बाद जब एक दूसरा ब्रोकर हमें उसी अपार्टमेंट में कोई दूसरा फ्लैट दिखाने के लिए ले गया तो वो मकान मालकिन हमें इस बार भी दिखी। उसने हमें देखकर नज़रें फेर लीं जैसे वो हमें पहचानती ही ना हो। वास्तव मे मेरी यह इच्छा थी कि काश उन्होंने मुझे एक इंसान के तौर पर जानने की कोशिश की होती। हमें एक मौका दिया होता जिसमे हम खुद को एक बेहतर किराएदार साबित कर पाते। अगर उन्होंने हमे मौका दिया होता तो हमारे बीच एक ऐसा रिश्ता बन सकता था जिस पर आईलाइनर की वजह से धब्बा ना लगा होताI

*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं I

क्या आपके पास भी भेदभाव से जुड़ी ऐसी कोई कहानी है? हमारे फेसबुक पेज पर लव मैटर्स (एलएम) के साथ उसे साझा करें। यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर एलएम विशेषज्ञों से पूछें।

Hu to main bhi insaan hi.. Mujhe bhi rent pe ghar milna chahiye

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

Comments
नई टिप्पणी जोड़ें

Comment

  • अनुमति रखने वाले HTML टैगस: <a href hreflang>