हुबली, कर्नाटक की रहने वाली 26 साल की रीता एक फ्रीलांसर है जो घर से काम करती है।
हनीमून का दौर
एक साल पहले मेरी और चेतन की शादी हुई थी। शादी के बाद शुरू के दो महीने बॉलीवुड की रोमांटिक फिल्मों से कम नहीं थे। वह शुरू में बहुत शर्मीले थे लेकिन मेरे ऊपर खूब प्यार लुटाते थे। हम घंटों बातें करते थे और वह मुझे प्यार और किस करते थे। रात उनके सीने से लगकर ही बीतती थी।
जब मुझे अपने मम्मी-पापा की याद आती और मैं रोती तो वह मुझे किस करते थे। वह मेरे हाथों को पकड़ने और मेरे पैरों को अपने पैरों से छूने का मौका ढूंढते रहते थे। जाने कितनी रातों को तो मैं उनके कंधों पर ही सो जाती थी।
बस सो जाते हैं
लेकिन वो दिन जल्दी ही बीत गए। सास के साथ मेरी तकरार होने लगी। काफी कोशिशों के बावजूद कुछ नहीं बदला और घर में काफी तनाव रहने लगा। धीरे-धीरे तनाव का असर चेतन की सेक्स क्षमता पर भी पड़ने लगा।
उन्होंने मुझे प्यार और किस करना बंद कर दिया। अब हम दोनों सिर्फ सेक्स के टाइम ही एक दूसरे के करीब आते थे।
हम हफ्ते में सिर्फ एक बार सेक्स करते थे जो शायद कोई भी नव विवाहित जोड़ा नहीं करता है। इसके अलावा हर बार क्लाइमेक्स के बाद वह बेड के दूसरी तरफ घूम जाते और अपने तकिए को गले से लगाकर तुरंत सो जाते थे। जबकि मैं सेक्स के बाद उनसे बात करने (पिलो टॉक) और उन्हें गले लगाने के लिए तरस जाती थी।
हर रात सेक्स के बाद मुझे नींद नहीं आती और मैं सोचती रहती थी कि आखिर वह इस तरह व्यवहार क्यों कर रहे हैं। वह कब मुझे गले लगाएंगे और फिर सोएंगे। हम पहले की तरह अब क्यों नहीं रह सकते। सेक्स अब उनके लिए मात्र औपचारिकता भर रह गया था।
ठंडा रिस्पांस
सेक्स करने के बाद आमतौर पर मुझे गले लगाने की जरूरत महसूस होती है। कसकर उनके सीने से लगने के बाद मैं सो जाती थी। मैं उनके पैरों को छूने की कोशिश करती हूं लेकिन वह उन्हें दूर हटा लेते हैं। सेक्स के बाद मुझे ठंड महसूस होती है लेकिन जब उनकी गर्माहट मिलनी बंद हो गई तो मानसिक रूप से इसे सहन करना काफी मुश्किल होने लगा।
जब मैंने उनसे बात करने की कोशिश की कि मैं कैसा महसूस कर रही हूं, तो उन्होंने मेरे मन की बात नहीं सुनी और मुझे अनदेखा कर दिया। इस बारे में उनसे बात करना बहुत मुश्किल है। उनके जवाब हमेशा इतने सीधे होते हैं कि अब उनके साथ किसी भी तरह की बात करने करने का अफसोस होने लगता है।
'मैं काम की वजह से बहुत थक गया हूं। '
'कुछ भी गलत नहीं है।'
‘मुझे नींद आ रही है। '
‘तुम बात को बहुत ज्यादा बढ़ा रही हो। '
जब मैं उन्हें बीते दिनों की याद दिलाती हूं और सेक्स के बाद उनके करीब आने की कोशिश करती हूं, तो वह कोई जवाब ही नहीं देते हैं। वे पहले से ही सोने के मूड में रहते हैं और अगर मैं थोड़ा जोर देती हूं तो चिढ़ जाते हैं। इन सबसे मेरी इच्छा ही मर जाती है जिसकी मैं कुछ महीने पहले तक कल्पना भी नहीं कर सकती थी।
छोड़ने का समय?
कभी-कभी मुझे इस शादी के बंधन को तोड़कर बाहर निकलने का मन करता है क्योंकि बिस्तर पर यह दूरी काफी घुटन भरी होती है। मेरी अपनी इच्छाएं हैं और उन्हें पूरा करने की जरूरत है।
मुझे यह सोचकर सिहरन होती है कि अगर वह हमेशा ऐसे ही रहे तो क्या होगा। मेरा मन करता है कि सब कुछ पलट दूं, उन्हें झकझोरूं और उस प्यार की भीख मांगूं जिसकी मैं हकदार हूं।
अपनी इच्छाओं के साथ अकेली
मैंने अपनी चचेरी बहन स्नेहल से अपनी समस्याओं के बारे में बात की। उसने कहा- कपल अच्छी सेक्स लाइफ के बिना भी खुश रह सकते हैं!
इसलिए अब मैं कुछ न कुछ पढ़ने में व्यस्त रहती हूं जिससे मेरा ध्यान भटकता है और मुझे नींद आ जाती है। अगली सुबह मैं कुछ भी याद नहीं रखती और हम एक हफ्ते तक सामान्य रहते हैं। अगले हफ्ते फिर वह चरमोत्कर्ष पर होते हैं, अपने तकिए को गले लगाते हैं और फिर सो जाते हैं। जबकि मैं सुबह तक बाहें फैलाए उनकी जुदाई की आग में जलती रहती हूं।
तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है। पहचान छिपाने के लिए नाम बदल दिए गए हैं।
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