दिल्ली में रहने वाली 26 वर्षीय विनयना विकलांग हैं। वह कंटेंट राइटर हैं।
वो फ्रेंड रिक्वेस्ट
उस दिन मैं बिल्कुल खाली थी। आराम से सोफे पर बैठकर अपने फोन पर नेट सर्फिंग कर रही थी। तभी मुझे आयुष नाम के एक लड़के की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी। उसकी प्रोफाइल देखकर वह मुझे बहुत समझदार लगा। वह शायद वैसा नहीं था जैसा सोशल मीडिया पर पड़े बहुत से फालतू लोग होते हैं जो दूसरों के साथ सिर्फ फ्लर्ट करना चाहते हैं। हमने विकलांगता से जुड़ी बहुत सी बातें की जो कि हम दोनों के लिए इसलिए मायने रखती थी क्योंकि हम दोनों विकलांग थे। सबसे पहले उसने सोशल मीडिया पर लिखे गए मेरे पोस्ट की तारीफ की लेकिन बाद में हमने और भी बातें की।
मुझे उसकी आदतों और उसकी खामियों के बारे में पता चल गया था। उसकी मुस्कुराहट बहुत सेक्सी थी। हम रोज बातें करने लगे। दरअसल हम एक दूसरे से कभी बोर ही नहीं हुए। यह सच में बहुत पॉजिटिव बात थी।
मैं दिल्ली में रहती थी और वह बैंगलोर में। लेकिन फिर भी, हम दोनों के दरमियान कुछ था जो हमें आगे बढ़ाता रहा। हम घंटों व्हाट्सएप और स्काइप कॉल पर बात करते थे। हमने एक-दूसरे की विकलांगता और उससे अपने रोजमर्रा के जीवन में आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बातें की।
जल्दबाजी नहीं की
अब मुझे बिल्कुल वैसी ही फीलिंग आने लगी थी जैसा मैं कभी सपने में सोचा करती थी। एक रात बातों-बातों में ही उसने मुझे अपने एक करीबी दोस्त के बारे में बताया जिससे कभी उसकी दोस्ती थी। साथ ही उसने मुझे अपनी कुछ पर्सनल बातें भी बतायी।
उसने मुझसे कहा कि उसे मुझ पर क्रश है और वह मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता है। मैं चौंक गई। क्या यह बहुत जल्दी नहीं था? मेरा मतलब है कि अभी तक तो हम एक बार भी नहीं मिले थे!
मैंने जल्दबाजी नहीं की। मैंने उससे कहा कि हमें पहले एक-दूसरे को समझने और जानने की कोशिश करनी चाहिए और फिर मिलना भी चाहिए। तभी हम अपनी दोस्ती को अगले पड़ाव पर ले जा सकते हैं। वह मेरी बात समझ गया।
नई नौकरी
कुछ महीनों के बाद मैं भी उसकी तरफ आकर्षित होने लगी। चूंकि मैंने उसे पहले ना कह दिया था, इसलिए मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि उस विषय पर फिर से बात कैसे शुरू की जाए। हम एक-दूसरे से बात किए बिना एक घंटे भी नहीं रह पाते थे।
एक दिन, उसने मुझसे कहा कि उसके पास ऑस्ट्रेलिया में एक नई जॉब का ऑफर है। उसने मुझसे पूछा कि उसे क्या करना चाहिए? वह मुझसे दूर नहीं जाना चाहता था जबकि मैं जीवन में उसकी सफलता में बाधा नहीं बनना चाहती थी। मैं उसके लिए बहुत खुश थी लेकिन मुझे यह सोचकर दुख होने लगा कि कि वह मुझसे बहुत दूर चला जाएगा। हम अभी तक मिले भी नहीं थे।
मुश्किल हालात
यह हमारे लिए बहुत कठिन समय था, क्योंकि हम अभी भी एक-दूसरे को जानने की कोशिश ही कर रहे थे। मेरे मन में अभी उसके लिए शायद वैसी फीलिंग नहीं थी लेकिन वह मुझे अच्छा जरूर लगने लगा था। हमें अभी भी एक दूसरे को समझने के लिए समय चाहिए था। हम दोनों को अभी एक लंबा रास्ता तय करना था।
मैंने पहले से सोच रखा था कि किसी से भी ऑनलाइन नहीं जुड़ूंगी लेकिन उसमें कुछ तो खास था। मुझे नहीं पता था कि यह लॉन्ग डिस्टेंस फ्रेंडशिप या रिलेशनशिप हम दोनों के लिए ठीक होगी या नहीं? या लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हर किसी की तरह क्या हमारा भी ब्रेकअप हो जाएगा?
एक लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप से दूसरे में?
हम दोनों ने इसके बारे में बात की और निर्णय लिया कि जैसा चल रहा है वैसा ही चलने देते हैं। कोई तनाव नहीं लेना है। वास्तव में हम दोनों को एक-दूसरे की परवाह थी। हम दोनों एक-दूसरे से दूर नहीं होना चाहते थे। हमने एक दूसरे से वादा किया था कि उसके विदेश जाने से पहले हम कम से कम एक बार जरूर मिलेंगे।
अगर हमारी बातचीत आगे भी चलती रही और हम एक दूसरे को पसंद करते रहे, तो फिर हम एक साथ अपना फ्यूचर प्लान करेंगे। मैं इस बात से ज़्यादा आश्वस्त थी कि हम दोनों लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में थे और हम ख़ुश थे। हमें वास्तव में आगे देखना था कि क्या हमारा रिश्ता लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में समय के अंतर की परीक्षा पास करेगा या नहीं।
हमने यह भी तय किया कि अगर हममें से कोई भी इस रिश्ते में घुटन महसूस करता है या बोर होता है, तो हम ईमानदारी से एक दूसरे को बताएंगे। हालांकि, अगर ऐसा होता भी है तो हम हमेशा के लिए दोस्त बने रहेंगे और इससे हमारे रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
हम नहीं जानते कि भविष्य में हमारे लिए क्या रखा है। लेकिन इस समय जो कुछ भी चल रहा है, हम अभी के लिए ऑनलाइन दोस्त बनकर खुश हैं।
तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।नाम बदल दिए गए हैं।
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