Fantasising about charming uncle
Ashwin

अंकल के बारे में सेक्स के ख्याल- मज़ा, अपराध बोध और स्वीकृति

द्वारा Sukanya Ghosh फरवरी 13, 11:13 बजे
"मुझे खुद के बारे में गन्दा महसूस हो रहा है," आत्रेयी कहती हैं। "मुझे ये सोच कर बहुत आश्चर्य हुआ कि सारी दुनिया को छोड़ कर मेरे दिमाग में मेरे अपने अंकल के बारे में सेक्स के ख्याल आ रहे हैं।" इस बात के अपराध बोध ने आत्रेयी का पीछा नहीं छोड़ा, जब तक उसने इस बारे में खुल के बात नहीं करी।

बड़ोदा में रहने वाली आत्रेयी (परिवर्तित नाम) संगीत कि स्टूडेंट है।

मैं हमेशा से पढ़ने में अच्छी थी और कैरियर के बारे में सोचने वाली लड़की थी। मेरे परिवार को मुझ पर गर्व है और वो मेरे भविष्य को लेकर मुझे पूरी तरह से समर्थन देते हैं। मुझ पर कोई रोकटोक भी नही थी। जैसे कि कॉलेज ट्रिप्स या पुरुष दोस्तों का घर आना-जाना। मैंने कभी कोई बात अपनी माँ से नहीं छुपाई।

आकर्षक अंकल

मैं अपने इस अंकल से कूर्ग में परिवार कि एक यात्रा के दौरान मिली। वो मेरी माँ के चचेरे भाई थे। मेरी माँ से कुछ साल छोटे। उनकी हर बात मुझे आकर्षक लगी। वो देखने में अच्छे थे और अविववाहित थे। हमने कुछ समय साथ बिताया, संगीत के बारे में बात करते हुए। मुझे धीरे-धीरे फिल्मो कि तरह उनकी तरफ खिंचाव महसूस होने लगा। मेरी कवितायेँ उन्हें सुनाना और उनके बारे में चर्चा करना मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। एक शाम जब मैं उनके साथ बरामदे में बैठी थी तो माँ वहाँ आयी। उन्होंने हम्हारी तरफ देखा और फिर मुझे रसोई में मदद करने के लिए बुला लिया। ये मुझे थोडा अजीब लगा और फिर मुझे बाकि बचे हुए दिन में अंकल से बात करने में झिझक महसूस हुई।

और पास

कुछ दिन बाद उनका परिवार कोल्कता में आकर बस गया। मेरे माता पिता उनकी इस में मदद कर रहे थे। इसके च्कलते मुझे उनसे मिलने के और मौके मिलने लगे। संगीत के बारे में चर्चा और ढेर सारी बातें। इसी दौरान मुझे अचानक सेक्सी होने के एहसास के बारे में महसूस होने लगा। जैसे बिकिनी वैक्स, लॉन्जरी- ये सब जो मुझे पहले सोचकर ही शर्म आती थी। बहरहाल मुझे असहज लग रहा था और मैं जानती थी कि मेरा परिवार भी मेरा बदलाव महसूस कर रहा होगा।

वेश्या के जैसा एहसास

उनसे मुलाकात मेरे लिए अब मुश्किल का सबब बनने लगी। मुझे अपराधी जैसा महसूस होने लगा। अपने दिमाग में मुझे लगता था कि अंकल के बारे में सेक्स के ख्याल लाकर मैं अपनी माँ को धोका दे रही थी। मुझे लगने लगा जैसे कि मैं एक वैश्या हूँ। और क्यूंकि मेरे परिवार कि राइ मेरे बारे में अलग थी मैं ये बात किसी से शेयर भी नहीं कर सकती थी। मैं अपनी नज़रों में खुद गिरने लगी।

मैंने परिवार के लोगों से मिलना जुलना कम कर दिया। क्यूंकि अपने मन में ये सोच लिया था कि सेक्सी लगने का मतलब है  व्यभिचारी, इसलिए मैंने बिलकुल सादा तरह से तैयार होना शुरू कर दिया। और कई बार तो जैसे मैं कोशिश करती थी कि मैं अच्छी ना लगूं। घर पर भी मैं बहुत कम बात करती थी। जब मैं अपने मन में यह बात और नहीं रख पायी, तब मैंने अपनी बड़ी बहन को इस बारे में बताया।

बोझ उतारना

वो मेरी बात सुनकर हसने लगी और उसने मुझे बताया कि वो भी एक समय पर हमारे एक चचेरे भाई के बारे में शारीरिक रिश्ते कि कल्पना करती थी। मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे ऊपर से एक बोझ उतर गया, और इस तरह कि रहस्मयी भावनाएं रखने वाली मैं अकेली नहीं थी।

पहली बार, हमने अपनी कामुक कल्पनाओं के बारे में दिल खुल कर इ दूसरे से बात-चीत करी। मुझे इतनी ख़ुशी हो रही थी कि मुझे मेरी सोच के लिए कोई आंक नहीं रहा था। मैं यह स्वीकारना चाहूंगी कि मैं अपने अंकल के बारे में अभी भी कल्पना करती हूँ। और मैं इसको सिर्फ कल्पना ही रखना चाहती हूँ...और कुछ नहीं।

इस चित्र में जो महिला है वो आत्रेयी नहीं। 

क्या आपको भी किसी को लेकर कामुक कल्पनाएं रही है, और जिस बारे में आप शर्मनाक महसूस करते हैं? अपने अनुभव हमारे साथ बताइये। यहाँ लिखिए या फेसबुक पर हो रही चर्चा में हिस्सा लीजिये।

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

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