*29 वर्षीय मैरी ऐनी मुंबई में एक लैब असिस्टेंट के रूप में काम कर चुकी हैं। उन्होंने पीएलडी के साथ अपनी कहानी साझा की।
अच्छा लगता था
हमारा लैब काफी व्यस्त रहता था। वहां पूरे दिन मरीजों का आना जाना लगा रहता था। हमें कभी भी थोड़ी सी बात करने या आराम करने का मौका ही नहीं मिलता। काम भी इतना ज़्यादा होता था कि हम इसके बारे में सोच भी नहीं पाते थे। इसलिए जब भी हमें काम से थोड़ा ब्रेक लेना होता तो हम छत पर जाकर थोड़ी देर चैन की सांस लिया करते थे।
यहीं पर पहली बार मैंने और अनुज ने एक दूसरे से बात करना शुरू किया। वह लैब में बहुत दब्बू की तरह रहता था लेकिन हम लोगों के बीच खूब मज़े किया करता था। वह हमेशा कोई न कोई चुटकुले सुनाता रहता और सबका मजाक बनाता । उसका सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का था और वह सबको हंसाता रहता था।
वह इतना मजाकिया था कि उसकी मजेदार बातें सुनकर काम का तनाव थोड़ा कम हो जाता था। मुझे उसका यह स्वभाव अच्छा लगता था। जब भी मैं लैब में होती तो अनुज जाने कैसे मुझे ढूंढ ही लेता और अब तो काम ख़त्म होने के बाद भी हम एक दूसरे को मैसेज करने लगे थे।
धीरे धीरे यह आदत सी बन गयी। वह रात 11 बजे के आसपास जब बिस्तर पर होता तो मुझे मैसेज करता और हम अक्सर लगभग 2 बजे तक बातें करते थे। कभी-कभी हम पूरी रात मैसेज से एक दूसरे से बातें करते थे। इस तरह उससे बातें करते करते कब मुझे नींद आ जाती, पता ही नहीं चलता।
क्या वह मुझे चाहने लगा था। शायद ... मुझे कभी कभी ऐसा लगता था। जब भी मैं फेसबुक पर कुछ पोस्ट करती, अनुज सबसे पहले लाइक या कमेंट करता और कभी अगर मैं उसके मैसेज का ज़वाब तुरंत नहीं देती थी तो वह चिढ़ जाता था।
नीचे वीडियो में देखें मैरी को अपनी कहानी साझा करते हुए: (कहानी वीडियो के बाद जारी है)
अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बताओ
पिछले महीने एक दिन मेरे सहकर्मी ने मुझसे कहा, अरे तुमने हमें अपने बॉयफ्रेंड के बारे में तो बताया ही नहीं? मैंने हैरानीपूर्वक कहा, अरे !!!
पहले मुझे तो पता चले कि मेरा बॉयफ्रेंड कौन है फिर तो मैं आप लोगों को बताऊं।
मुझे तब पता चला कि अनुज ने कुछ लोगों से कहा था कि हमारे बीच कुछ चल रहा है। मैंने उसके फेसबुक स्टेटस को भी नोटिस किया था जिसमें अब उसने 'इन ए रिलेशनशिप' लिख दिया था।
मुझे इतना तेज गु्स्सा आया कि मुझसे रहा नहीं गया और मैं सीधा उसके पास पहुंच गयी। मजेदार बात यह है कि वह यह भी नहीं समझ पाया कि मैं इतने गुस्से में क्यों हूं।
तुम मुझे इतने सारे मैसेज भेजती हो, मेरे साथ इतना समय बिताती हो, हर चीजों के बारे में बात करती हो, मेरे हर चुटकुले पर हंसती हो, मेरे पूछने पर उसने अपना बचाव करते हुए कहा। उसका ज़वाब सुनकर तो मेरा पारा सांतवे आसमान पर जा पहुंचा थाI
और यह सब व्हाट्सएप पर। है ना? इतनी सी बात से तुम इस नतीजे पर कैसे पहुंच गए कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूं। मैंने गुस्से में उससे ज़वाब मांगा।
मैंने तुमसे कभी कहा क्या कि मैं तुमसे प्यार करती हूं या तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं? तुमने ख़ुद ही ये कैसे सोच लिया? 'मैं अनुज पर चिल्लायी।
कोई कैसे कर सकता है ऐसा
सिर्फ़ इसलिए कि मैंने तुमसे देर रात तक बात की और अपनी कुछ निज़ी बातें बतायी, इसका मतलब यह तो नहीं ना कि हमारे बीच दोस्ती से आगे कोई चीज़ है। हो सकता है कि उसने दोस्ती से भी आगे कुछ सोचा हो।
मैंने उसे बहुत सी बातें बतायी थी, जब हम आधी रात को किसी से बात करते हैं तो ऐसा होना स्वाभाविक है लेकिन मैंने यह नहीं सोचा था कि कोई ऐसी भी चीजें सोच सकता है और सार्वजनिक रुप से अपने रिलेशनशिप की घोषणा भी कर सकता है और वह भी बिना उससे पूछे हुए, बिना सहमति के।
तुमने एक बार भी पूछना ज़रूरी नहीं समझा कि मैं क्या सोचती हूं? वैसे भी, उससे मैंने उस तरह की कोई भी बातें नहीं की थी।
लोगों को यह समझने की ज़रूरत है कि काम के माहौल में दोस्ती होना स्वाभाविक है लेकिन अंतरंगता के लिए सहमति ज़रूरी है।
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
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