आंटी जी, ‘तुम्हारे ब्रेकअप के लिए मुझे बहुत दुःख है बेटा जी। उम्मीद है, अब तुम ठीक होगी। खुशी इस बात की है कि तुम्हारे पास ऐसे दोस्त हैं जो तुम्हारी पूरी मदद कर रहे हैं। सच्चे दोस्त!’
आगे बढ़ते रहना
ज़िंदगी में ऐसे दोस्तों का होना अपने आप में बड़ी बात है, जो हमें मुश्किलों से बाहर निकालने के लिए रास्ता खोजते हैं। बेटा जी, तुम्हारी लाइफ में तो पहले से ही सच्चा प्यार है। अक्सर हम सच्चे प्यार की तलाश में इतने बिजी हो जाते हैं कि अपने आसपास दूसरों के प्यार को भूल जाते हैं। जो हमें आगे बढ़ने और खुशहाल जिंदगी जीने में मदद करे, वही सच्चा प्यार है। इसलिए उनके भी प्यार की कद्र करो। ऐसे समय में इससे तुम्हें काफी मदद मिलेगी।
क्या तुम्हें नया पार्टनर खोजना चाहिए? सच कहूं तो मैं तुम्हारे दोस्तों से सहमत हूं और नहीं भी। अब तुम कहोगी, आंटी जी आप तो और कन्फ्यूज कर रही हैं।
मेरे कहने का मतलब यह है कि अगर तुम मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार हो तो नए पार्टनर की तलाश करो। लेकिन यदि तुम्हें अपने लिए अभी थोड़ा टाइम चाहिए तो वो भी ठीक है। तुम वही करो जो तुम्हें अच्छा लगे या जो तुम्हारा मन करे।
अब आते हैं तुम्हारे सवाल पर! क्या तुम्हें अपने जीवन में फिर से सच्चा प्यार मिल सकता है? मैं तो कहूंगी, क्यों नहीं? लेकिन बेटा जी, पहले थोड़ा सा यह समझ लो कि सच्चा प्यार होता क्या है। थोड़ा भारी शब्द है ना!
सच्चे प्यार को समझना
पुत्तर, सच्चा प्यार कभी नींबू की तरह खट्टा लगता है तो कभी चीनी की तरह मीठा। हमें शिकंजी की तरह दोनों ही स्वाद के मजे लेने चाहिए। इसके लिए हमें बहुत सी चीजों पर काम करना होता है। जैसे कि एक दूसरे का ख्याल रखना, एक दूसरे की सहमति जानना और एक दूसरे की इच्छाओं और लक्ष्यों को समझना।
आप जीवन में क्या करना या बनना चाहते हैं? आपका पार्टनर जीवन में कहां होना या क्या करना चाहता है? अक्सर आपको शुरूआती आकर्षण के काफी दिनों बाद पता चलता है कि जीवन में आप दोनों का मकसद बहुत अलग है। इसके बाद आप यह तय कर सकते हैं कि आप अपनी रिलेशनशिप को आगे बढ़ाना चाहते हैं या नहीं। जैसा की तुम दोनो ने किया।
तब क्या यह सच्चा प्यार नहीं था? बिल्कुल था बेटा, और तब तक है जब तक आप दोनों साथ हैं और एक दूसरे की खुशी का ख्याल रखते हैं।
बस एक बार - नहीं!
सच्चा प्यार सिर्फ एक दिन में नहीं होता है। इसके लिए लगातार काफी मेहनत करनी पड़ती है। उस रिश्ते में आपसी विश्वास, सम्मान और ईमानदारी दिखने में सालों लग जाते हैं। लेकिन अपनी रिलेशनशिप से आपको खुशी और मानसिक शांति नहीं मिलती है तो यह जरूरी नहीं है कि सच्चा प्यार मानकर इसे ढोते रहें।
लोग रिलेशनशिप में बने रहते हैं क्योंकि यह उनका सच्चा प्यार होता है। लेकिन जैसा कि तुम्हारी आंटीजी मानती हैं, फीलिंग लगातार बढ़ने का नाम ही प्यार है। आप इसे सालों तक फील कर सकते हैं या आपके जीवन में सिर्फ थोड़े समय के लिए ही सच्चा प्यार हो सकता है। दोनों ही ठीक है।
खुद को या अपने पार्टनर को सच्चे प्यार के नाम पर नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है। सच्चे प्यार का मतलब यह नहीं है कि इसे जीवन भर एक दवाई की तरह लिया जाए। यदि आप अपने रिश्ते से खुश और संतुष्ट नहीं है तो उसे छोड़कर बेशक आगे बढ़ जाएं। समझीं आप?
तुम्हारी ट्रेन अभी भी प्लेटफार्म पर है
अभ्या अब तुम्हारे सवाल पर वापस आते हैं-क्या यह फिर से हो सकता है। बेशक हो सकता है। अभ्या बेटी, प्यार फिर से हो सकता है। अगर इसके बाद भी तुम पूछोगी तो भी मेरा जवाब ‘हाँ’ ही होगा।
खैर, तुमने अभी अपनी दूसरी पारी की शुरुआत की है। बाहर जाओ, अपने दोस्तों से मिलो, नए लोगों से मिलो। दिमाग खुला रखना। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की जल्दी मत करना। जैसा मैंने कहा, वही करो जो तुम्हें अच्छा लगता है!
इसके लिए तुम्हें निराश होकर पार्टनर नहीं ढूंढना है और ना ही किसी के प्रति सच्चा प्यार साबित करने की जरूरत है। तुम्हारी लाइफ में कई लोग आएंगे और तुम हर किसी में सच्ची शांति या खुशी ढूंढने की कोशिश करोगी। इस तरह क्या पता अगली बार तुम्हारी ट्रेन स्टेशन पर पहुंच जाए। इसे ट्रू लव सेंट्रल कहते हैं। ज्यादा हो गया क्या? पुत्तर जी खुश रहो और मजे करो।
गोपनीयता का ध्यान रखते हुए नाम बदल दिए गए हैं और फोटो में मॉडल् हैं।
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