...और जिस भी लड़की से मिलता हूँ, मेरा उसके साथ सेक्स करने का मन करता हैI क्या मुझे कोई दिमागी बीमारी हो गयी है? ध्रुव (19) जबलपुर
आंटीजी कहती है...ओये, तेरी बीमारी मानसिक नहीं है पुत्तर, ये समाज की बनायीं हुई बीमारी हैI चल, समझातीं हूँ तुझे...
कल और आज
हमारा देश, जो एक समय सेक्स और सेक्सुअलिटी के बारे में अपनी उदारता के लिए माना जाता था, न जाने बेटा किसकी नज़र लग गयी इस देश को? बीतते समय के साथ सेक्स या इस से जुडी कोई भी बात शर्मिंदगी का विषय बनता जा रहा हैI और दुर्भाग्यवश युवाओं का सेक्स से जुड़ा पहला अनुभव हस्तमैथुन होता है और हस्तमैथुन के बारे में ही न जाने कितनी गलत जानकारी प्रचलित हैI
जो प्रचलित बातें सुनने में आती हैं उन्हें सुनकर लगता है मानो दुनिया कीसारी परेशानियों की जड़ हस्तमैथुन ही हैI इतना ही नहीं, बच्चे अक्सर बढ़ती उम्र में अपने शरीर में आते बदलावों को लेकर शर्मिंदा महसूस करते हैंI लडकियां अपने स्तनों को छुपाने की कोशिश करती हैं और लड़के अपनी मूछों और बदली हुई आवाज़ से शर्मिंदा होते हैं...क्यों भाई? ये सब शर्म किस लिए?
सबसे ज़्यादा पूछा जाने वाला सवाल
अब सवाल हस्तमैथुन का? तुझे पता है कितने लड़के हमें इस बारे में सवाल पूछते हैं? असल में फेसबुक और वेबसाइट पर सबसे ज़्यादा जिस सवाल का जवाब हम देते हैं, वो हस्तमैथुन से जुड़े सवाल ही हैं बेटाI
हस्तमैथुन दुनिया में सेक्स से सम्बंधित सबसे ज़यदा चर्चित विषय हैI इसलिए ध्रुव बेटा, तेरे जैसे बच्चों की दुनिया में बिलकुल कमी नहीं जो ये सोचते हैं की हस्तमैथुन करना या सेक्स के बारे में सोचना कोई बीमारी हैI इसलिए सबसे पहले, ठण्ड रख!
पुत्तर, हस्तमैथुन के बारे में जानकारी देकर मैं समय ख़राब नहीं करुँगी, इस वेबसाइट पर उससे जुडी लगभग हर संभव जानकारी पहले ही से मौजूद हैI बस मैं केवल दो चीज़ों के बारे में बात करुँगीI
क्या हर महिला सेक्स का खिलौना है?
ऑब्जेक्शन सस्टनेड
फिर तो ये बात हो गयी बेटा की तू जब भी कोई लड़की देखेगा तो तू उसके साथ सेक्स करना चाहेगा, हैं? बेटे कुडियां कोई खिलौना थोड़ी हैंI इस बारे में तो तुझे कुछ सोचना पड़ेगा ध्रुवI सवाल बहुत बड़ा है- तू महिलाओं को कैसे देखता है? तू उनसे किस तरह के सम्बन्ध?
नहीं बेटा, बिलकुल नहीं! इसलिए इस सोच पर तो तुझे जल्द से जल्द काबू लाना पड़ेगाI इस तरह की सोच रखने का अर्थ है महिलाओं की इज़्ज़त न करना, और मेरे बेटे आंटीजी को तुझसे ये उम्मीद बिलकुल नहीं की तू महिलाओं की इज़्ज़त ना करेI इस सोच के साथ तू कभी किसी महिला के मन में जगह नहीं बना पायेगा बेटाI
दोस्त या भोन्दु
अब रही बात तेरे दोस्तों की! कौन हैं भाई तेरे दोस्त? तुन्हे उन्हें अपने मन की बात बताई तो वो तेरा मज़ाक उड़ा रहे हैं, जबकि सच यही है कि वो भी इस उम्र में वही सब अनुभव कर रहे होंगे जो तू कर रहा हैI हस्तमैथुन करो तो 'हो, गन्दी बात!' और अगर न करो तो, 'तुझमे कुछ कमी तो नहीं?'
तू ऐसे दोस्तों से क्या चर्चा करेगा? क्या वो इस लायक भी हैं? हाँ लेकिन तू किसी से कहेगा कि तुझे हर लड़की को देखकर सेक्स जागने लगता है, तो बेटे लोग ज़रूर हँसेंगेI
चल अब ज़रा अपने दिमाग को शांत कर! कोई स्पोर्ट्स खेल, जिम जाना शुरू कर, दौड़ लगाI अपना ध्यान सेक्स के अलावा और चीज़ों में भी लगाI सेक्स के बारे में सोचना कोई पाप नहीं है बेटा, लेकिन सिर्फ सेक्स के बारे में सोचता रहेगा तो बाकि सब चीज़ों के बारे में कौन सोचेगा? तेरी आंटीजी??