उस दिन हम बिना कपड़ों के पकड़े गए!
Pexels/Ketut Subiyanto/तस्वीर में मौजूद व्यक्ति एक मॉडल है

उस दिन हम बिना कपड़ों के पकड़े गए!

द्वारा Roli Mahajan अगस्त 18, 05:57 बजे
सिया और तरुण ने अपने घर में एक दूसरे के करीब जाने के लिए पांच घंटे से ज़्यादा इंतज़ार किया। लेकिन जैसे ही उन्होंने अपने कपड़े उतारे, तभी कमरे में कोई आ गया। आखिर वह कौन था? आगे क्या हुआ? जानने के लिए पढ़ें पूरी कहानी!

22 वर्षीय सिया दिल्ली विश्वविद्यालय में आर्ट्स की छात्रा हैं।

करीब आने का मौका 

परीक्षाओं के कारण तरुण और मुझे एक दूसरे से मिले 15 दिन से भी ज्यादा हो गए थे। मैं उससे मिलना चाहती थी और कुछ समय उसके साथ बिताना चाहती थी। हम दोनों ही एक दूसरे के करीब आने के लिए बेक़रार थे।

मैं अपनी आखिरी परीक्षा के लिए पढ़ाई कर रही थी। तभी उसका मैसेज आया कि उसके मम्मी-पापा चंड़ीगढ़ जा रहे हैं और पेपर के बाद हम उसके घर पर मिल सकते हैं।

अब पढ़ाई में मेरा मन ही नहीं लग रहा था। मैं चाहती थी कि जल्दी से फाइनल पेपर खत्म हो और मैं तरुण से मिलूं। 

मेरी मम्मी भी चंडीगढ़ में रहती हैं। पेपर के बाद मैंने उन्हें फोन करके बता दिया कि मैं कॉलेज के कुछ दोस्तों के साथ घूमने जा रही हूं।

मम्मी चाहती थीं कि मैं परीक्षा खत्म होने के अगले दिन ही घर आ जाऊँ लेकिन मैंने कहा कि अभी टिकट नहीं मिल रही है और हफ्ते के अंत तक मैं तत्काल टिकट के लिए कोशिश करुंगी। वह थोड़ा नाराज़ हुईं लेकिन फिर हमेशा की तरह यह कहते हुए मान गईं कि, ‘ये आजकल के बच्चे भी ना…’

मैंने अपने कपड़े बदले और तरुण के घर के पास मार्केट में उसका इंतज़ार करने लगी। मैं उससे मिलने के लिए बहुत ज्यादा उतावली हो रही थी और तभी अचानक मुझे उसकी कार दिखी। लेकिन इससे पहले की मैं उसके पास पहुँचती, वह अपने जान पहचान के किसी व्यक्ति से बातें करने लगा। मैं 20 मिनट तक इंतजार करती रही लेकिन उसकी बात ही खत्म नहीं हो रही थी। फिर मैंने देखा कि वो उस व्यक्ति के साथ ही कार में बैठकर चला गया।

लंबा इंतज़ार 

उसने मुझे यह बताने के लिए मैसेज किया कि हुआ क्या था। दरअसल, उसके पापा के दोस्त को उसके घर से कुछ चाहिए था। और वो उन्हें मना नहीं कर पाया! उस समय तो मैं किसी को मार ही डालती! 

एक घंटे बाद तरुण का फोन आया और उसने कहा कि उसकी मेड घर पर है। इसलिए मुझे कुछ देर और इंतज़ार  करना होगा।

कभी-कभी मैं सोचती हूं, काश भगवान ने हम जैसे बेबस प्रेमियों के लिए कुछ सुरक्षित और सुंदर जगहें बनाई होतीं। फिर ज़िंदगी कितनी आसान लगती, है ना?

लेकिन सच्चाई तो अलग ही होती है और मैं वहीं इंतज़ार करती रही।

उसने फिर से फोन किया और कहा कि वह रास्ते में है और बस पहुंचने ही वाला है।

लेकिन हम तब भी मिलने वाले नहीं थे। कॉलेज की एक जूनियर मुझे मार्केट में मिल गई और उसने मेरी मदद मांगी तो अब मैं उसे मना नहीं कर पायी। अब मैंने तरुण को मैसेज किया कि मुझे थोड़ा टाइम और चाहिए, प्लीज अब तुम थोड़ा इंतज़ार करो। जब तक वह गई तब तक शाम के 7:30 बज चुके थे।

मैं तेजी से पार्किंग की तरफ गई जहां तरुण मेरा इंतजार कर रहा था। इधर-उधर देखे बिना मैं सीधे गाड़ी के अंदर बैठ गई। हम दोनों ने अब राहत की सांस ली। समस्या सिर्फ इतनी थी कि हम दोनों ने इतनी चीजों के के बारे में सोचा ही नहीं था।

क्या होता अगर…

तरुण के मम्मी पापा अगले ही दिन लौटने वाले थे लेकिन वे पहले भी आ सकते थे। मैं रात 9 बजे के बाद वापस हॉस्टल नहीं जा सकती थी और हम एक साथ रहना चाहते थे। हमने रिस्क लेने का फैसला किया। उस रात मैं तरुण के घर रुक गई।

हम उसके घर पहुंच गए। मैं चुपचाप घर के अंदर चली गई ताकि पड़ोसियों को पता न चले। हमने पहले भी ऐसा किया था लेकिन उस दिन के लंबे इंतज़ार से मैं थोड़ी सचेत थी।

बिन बुलाए मेहमान

अंदर से हम दोनों एक ही चीज चाहते थे लेकिन दोनों से कोई पहल नहीं करना चाहता था। उसने मुझे पानी के लिए पूछा और फिर हम दोनों जोश में आ गए।

हम उसके बिस्तर पर लेटे थे, लगभग नंगे। तभी अचानक दरवाज़ा खुला।

मेरी तो सांस ही रूक गई।

लेकिन यह किसी आदमी की लंबी परछाईं नहीं थी बल्कि तरुण का कुत्ता बुजो था। वैसे तो हम शरमा गए लेकिन उस दिन हमने ज्यादा परवाह नहीं की। बुजो अंदर आया और अपने फेवरेट सोफा कुर्सी पर बैठ सो गया। 

यह इतना अजीब अनुभव था कि मैं इसे कभी नहीं भूल सकती। आज बेशक हम कह सकते हैं कि हमने 'तीसरे' व्यक्ति की मौजूदगी में प्यार किया और हमने उसकी परवाह भी नहीं की।

तस्वीर में मौजूद व्यक्ति एक मॉडल है। पहचान छिपाने के लिए नाम बदल दिए गए हैं।

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