दूसरों की परेशानी सुन सुन कर भी टेंशन बढ़ जाती है - इसका क्या करें?
हां यह सच है। पॉजिटिव रहने की कोशिश करें और पॉजिटिव लोगों की संगत में रहें और उनसे रोज बातें करें। जरूरतमंद लोगों की मदद करने की कोशिश करें (सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर)। आप प्रार्थना, मेडिटेशन, योग या कोई अन्य एक्सरसाइज रोजाना करें। इससे तनाव कम होता है।
बीमारी की बात सुन सुन के ही ऐसा लगता है की हम बीमार हो गए हैं, टेंशन हो गयी है चाहे कोरोना हो या नहीं! क्या करें?
आप कोरोना से जुड़ी जानकारी खासतौर से सोशल मीडिया पर न पढ़ें। किसी भरोसेमंद अखबार या विश्वसनीय इंस्टाग्राम या यूट्यूब चैनल से सटीक जानकारी हासिल करें। लेकिन इसके अलावा, आप व्हाट्सएप फॉरवर्ड या यूट्यूब वीडियो ना देखकर भी कोरोना से संबंधित जानकारी से खुद को दूर रख सकते हैं। यदि आप इसके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं तो आप दूसरों को भी विनम्रता से मना कर सकते हैं। वे इसे समझेंगे। किसी अन्य विषय पर बात करने से उन्हें भी मानसिक शांति मिलेगी।
नार्मल सर्दी बुखार से भी आजकल टेंशन हो जाती है - कही कोरोना ना बोल दें! इसका क्या करें?
हां, सामान्य सर्दी/बुखार और कोरोना दोनों के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं। लेकिन अगर आपको संदेह है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में थे, जिसे कोविड -19 था, या आप बिना मास्क आदि के बाहर गए थे तो अपना टेस्ट करवाकर रिजल्ट देख लें। क्योंकि हर समय चिंता करने से बेहतर है अपना निगेटिव रिजल्ट देखना। अगर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव है तो भी यह याद रखें कि ज्यादातर लोग घर पर ही कोरोना से ठीक हो जाते हैं और बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। टेस्ट से ही यह पता चल पाएगा कि आपकी क्या स्थिति है।अपने स्वास्थ्य के लिए टेस्ट एक बेहतर डिसीजन है और इससे दूसरे भी सुरक्षित रहते हैं।
डॉक्टर के पास नहीं जाते की कहीं कोरोना पॉजिटिव ना आ जाये?
इसे पॉजिटिव तरीके से सोचें। अगर आप वाकई कोरोना पॉजिटिव हैं, तो डॉक्टर आपको जल्दी ठीक कर सकते हैं और आप अपने घर पर अन्य लोगों को संक्रमित नहीं करेंगे। इससे न केवल आप पहले ठीक हो जाएंगे बल्कि आपके परिवार के अन्य सदस्य भी आपसे संक्रमित नहीं होंगे। लेकिन, अगर आप डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं या टेस्ट नहीं कराते हैं, तो इससे न केवल आपकी हालत बिगड़ सकती है बल्कि आप अपने आसपास के अन्य लोगों में भी संक्रमण फैला सकते हैं।
कोरोना काल में इच्छाएं दब कर रह गई, शादी में उत्साह नहीं हुआ, ऐसे फीलिंग में क्या करें?
जान है तो जहान है - यह तो आपने सुना ही होगा। कोरोना वायरस महामारी ने हमें एक जरूरी बात सिखाई है - स्वास्थ्य ही धन है। यदि आपका स्वास्थ्य अच्छा है, आप रोग मुक्त हैं, तो आप इस जीवन में कुछ भी कर सकते हैं। इसमें अपनी इच्छाओं को पूरा करना, शादी ब्याह का आनंद लेना इत्यादि शामिल है। चीजें सामान्य होने के बाद आप हमेशा अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिल सकते हैं या फिर से खुशियाँ मना सकते है । इस महामारी में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है और अपनों को खोया है। हमें ईश्वर का शुक्रगुजार होना चाहिए कि हम सब यहां हैं, एक-दूसरे से बात कर रहे हैं और इस महामारी से बचे हैं। ये दो साल बेशक कठिन रहे हैं लेकिन उम्मीद पर ही जीवन चलता है। हम दृढ़ हैं कि हम फिर से उठेंगे और बुलंदियों को छूएंगे। अपने परिवार, अपनी सेहत, प्रियजनों को महत्व देने और कम से कम जीवित रहने के बारे में इन पिछले दो वर्षों से सीख लें और इसे बर्बाद साल समझने के बजाय एक कीमती अनुभव मानें।
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