आदमी के शरीर का बंधन
मेरा जन्म एक पुरुष के रूप मे हुआ था और मेरे माता-पिता ने मेरा इसी रूप मे पालन पोषण किया, हालांकि कभी-कभी वो मुझे लड़कियों की तरह ज़रूर तैयार करते थेI मैंने सोलह साल की उम्र मे उस झूठ के साथ जीना छोड़ने का फैसला किया जो मेरे ऊपर जन्मजात थोपा गया था। मैंने हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के द्वारा लिंग परिवर्तन करवाया।
एक परम्परागत दक्षिण भारतीय परिवार मे पैदा होने के कारण मेरे पिता के लिए नई बेटी को स्वीकार करना आसान नही रहा। उन्हें लगा कि मुझे कोई मानसिक बीमारी है और इसीलिए वो मुझे एक मनोवैज्ञानिक के पास भी ले गएI हालांकि इस दौरान मेरी माँ और बहन मेरे फैसले के साथ खड़ी रहीं।
सपने : नए और पुराने
मेरे पिता चाहते थे कि मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनूँ। मैंने एक बार फिर उनका दिल तोड़ा जब मैंने डॉक्टरी की जगह फैशन डिजाइनिंग को चुना। मैंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी मे दाखिला लिया और फिर खुद का मेकअप लेबल लांच किया।
स्नातक करने के बाद मैं अपनी जेंडर आइडेंटिटी(लैंगिक पहचान) के साथ और अधिक सहज महसूस करने लगी थी। अब तक मेरे पिता ने भी इस बदलाव को स्वीकार कर लिया था और वो हर तरह से मुझे सहयोग करते थेI मैं भी अपने पिता को गौरान्वित महसूस करवाना चाहती थी इसलिए बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन मे डॉक्टरेट करने का फैसला किया। मै यह चाहती थी कि पापा मेरे नाम के आगे डॉक्टर लिखा हुआ देखें और इस दिन का इंतज़ार मुझे बड़ी बेसब्री से था।
खुशकिस्मत
मैं इस मामले में बहुत खुशकिस्मत रही हूं क्योंकि परिवार और दोस्तों से मुझे भरपूर सहयोग मिला। हम लोग एक स्वस्थ, संपन्न और स्वतंत्र परिवार से हैं। मैंने लंदन स्कूल ऑफ़ फैशन से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और मुझे नहीं लगता कि मेरे परिवार की आर्थिक और भावात्मक मदद के बिना यह संभव था। मैं इस मामले में भी अपने आपको खुशकिस्मत समझती हूँ कि हमारे पास इतना पैसा था कि मैं कनाडा से सर्जरी करा सकूँ - जहाँ शल्य चिकित्सा के बाद की सुविधाएं भारत से बहुत ज्यादा अच्छी थी।
प्लस साइज़
सर्जरी करवाने के बाद मैं कुछ समय के लिए कनाडा मे ही रही। दवाइयों और सर्जरी से मेरा वजन बहुत बढ़ गया था लेकिन मैंने इन सब का अपने ऊपर कोई भी नकारात्मक असर नहीं पड़ने दिया और अपने फैशन ब्रांड के लिए मन लगाकर काम करती रही।
मैंने अपने आपको एक प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट के रूप मे स्थापित किया। इस दौरान मुझे कनाडा मे उन फैशन ब्रांडो के लिए रैंप पर वाक करने का अवसर मिला जो अपने ब्रांड के लिए थोड़े मोटे मॉडल ढूंढ रहे थेI कुछ सालों के बाद मैं भारत वापस आ गयी और मैंने खुद का मेकअप स्टूडियो खोला जहां मैं अब कई सेलिब्रिटीज के साथ काम करती हूं।
जीवन मे बदलाव लाने वाला पल
यह एक सुखद संयोग था कि मेरे लौटते ही लैक्मे फैशन वीक ने ट्रांसजेंडर मॉडलों से आवेदन स्वीकार करना शुरू कर दिया था। मुझे कनाडा मे रैंप पर वाक करना अच्छा लगता था और बचपन से ही मैं यही करना चाहती थी। अब मुझे मेरे मनपसंद काम के लिए पैसे भी मिल रहे थेI शायद ही इससे अच्छा कुछ और हो सकता हैI
मैं खुद इस बदलाव की शुरुआत करना चाहती थी और प्लस साइज मॉडलिंग मे भी अगुआ बनना चाहती थी। मैंने लैक्मे फैशन वीक के लिए ऑडिशन दिया और 2017 मे मुंबई मे होने वाले फैशन वीक के लिए मेरा चुनाव भी हो गयाI लेकिन सबसे कमाल की बात यह थी कि मुझे मशहूर डिज़ाइनर वेंडेल रॉड्रिक्स के लिए शो करने का मौका मिला।
अपने शारीरिक बनावट पर नाज
जब भी हम फैशन के बारे मे सोचते हैं तो हमारे दिमाग मे पेंसिल जितनी पतली मॉडल की तस्वीर सामने आती है जो अपने फिगर पर इठलाती हुयी रैंप पर वाक करती हैं। लेकिन फैशन वर्ल्ड ने ना केवल मेरी शारीरिक बनावट को बल्कि मेरी लैंगिक पहचान को भी स्वीकार किया। चूंकि भारतीय फैशन समुदाय में बदलाव की हवा चल रही थी तो मेरा ट्रांसजेंडर(किन्नर) और ज्यादा वजन होना मेरे पक्ष मे गयाI इन दोनों कारणों की वजह से फैशन इंडस्ट्री ने अपने दरवाज़े मेरे लिए खोले दिएI
शायद मेरा रास्ता और मुश्किल होता अगर मैं पतली होती क्योंकि हजारों पतली लड़कियां हर साल इंडस्ट्री मे अपना भाग्य आजमाती हैं और उस भीड़ में मैं कहीं खो जाती।
जिस आदमी को मैं डेट करूंगी उससे सबको जलन होगी
डेटिंग मेरे लिए उतनी ही सामान्य और आसान है जितनी किसी और के लिए। मुझे अपने लिए पुरुष पार्टनर खोजने में कभी कोई समस्या नही हुयीI ऐसे कई पुरुष हैं जिन्हे मैं डेट कर चुकी हूँ और अगर आपको उनके नाम पता चले तो आपको हैरानी और जलन दोनों ही होगीI
अपने दिल की सुने
मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने कभी यौन-हिंसा का सामना नही किया, लेकिन सब इतने खुशकिस्मत नहीं होतेI मुझे अपने अपने परिवार और दोस्तों से भरपूर सहयोग मिला जो अपने दिल की सुनने और समाज की दकियानूसी मानसिकता तोड़ने में एक एहम किरदार निभाता हैI उन सभी के लिए जो अपने दिल की सुनते हैं, मेरी एक ही सलाह है कि 'खुद पर विश्वास रखें'I जो हो वही बनो और किसी से ना डरो।'
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