लगभग 6 फीट की दूरी बनाए रखने से हम,संक्रमित व्यक्ति से एक स्वस्थ व्यक्ति तक रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स (सांस से निकलने वाली बहुत ही छोटी बूँदें) को पहुंचने से रोक सकते हैं। ये बूंदे ही कोरोना के वायरस को फैलाती हैं। 6 फ़ीट की दूरी दूरी रखने से ये बूँदें एक व्यक्ति से दूसरे तक नहीं पहुँचती। इसलिए दूरी बनाये रखे से संक्रमण का प्रसार कम होता है और इंफेक्शन के नए मामलों में कमी आती है।
कोविड-19 के मामले में सोशल डिस्टेंसिंग काफ़ी सफल साबित हुआ है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस के लक्षण नज़र आने में दो हफ्तों का समय लगता है। यही कारण है कि ज़्यादातर देशों ने अपने राज्यों में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कहा है जैसे कि इंडिया में लॉकडाउन किया गया है।
इस महामारी के दौरान जब हर कोई सोशल डिस्टेंसिंग रख रहा है तो यह भी बताना ज़रूरी है कि यह सिर्फ़ कोरोना वायरस से बचने के लिए ही उपयोगी नहीं है। यदि इसे अपनी जीवनशैली में शामिल किया जाए तो यह स्वाइन फ्लू, इंफ्लूएंजा, सर्दी-जुकाम सहित अन्य संक्रामक बीमारियों से भी बचाव करता है।
दूसरों से सबक
दुनिया के कई देशों में पब्लिक में दूरी बनाये रखना आम बात है (उत्तरी यूरोप और जापान) और कोरोना के दौरान इन्फेक्शन रेट को कम रखने में इस आदत ने इन देशों की बहुत मदद की।
आईये जानते है उन देशों के लोग आमतौर पर सोशल डिस्टेंसिंग के किन नियमों का पालन करते हैं?
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लोग आमतौर पर बड़े समूहों में कहीं आने जाने से बचते हैं।
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अजनबियों से दूरी बनाए रखना वहां एक सामान्य नियम है।
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बहुत कम लोग दूसरों के साथ अपना कमरा शेयर करते हैं यहां तक की स्टूडेंट और प्रोफेशनल भी ऐसा नहीं करते हैं।
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लोग दूसरों से हर समय दूरी बनाए रखते हैं चाहे वह कोई सामाजिक कार्यक्रम हो या कोई भीड़भाड़ वाली जगह।
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अभिवादन करते समय भी एक दूसरे के संपर्क में न आना सोशल डिस्टेंसिंग रखने का एक बेहतर तरीका है जैसे कि भारत में लोग नमस्ते बोलकर बिना संपर्क में आए अभिवादन करते हैं।
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फ्लू या जुकाम होने पर सर्जिकल मास्क पहनना यहां का नियम है। यह न केवल संक्रमण को फैलने से रोकता है बल्कि संक्रमित व्यक्ति से अपनी दूरी बनाए रखने के लिए दूसरों को संकेत देता है।
सोशल डिस्टेंसिंग - एक ज़रूरी आदत
महामारी के इस भीषण दौर में हमें इन नियमों का पालन और भी कड़ाई से करना चाहिए और आगे आने वाले कुछ समय तक इनमे से किसी में भी ढील नहीं बरतनी चाहिए।:
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हाथों की साफ-सफाई पर ध्यान दें।
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बीमार पड़ने पर अपने पास रुमाल या टिशू रखें।
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यदि आपके पास रुमाल या टिशू नहीं है तो खांसते या छींकते समय मुंह पर हाथ रखने की बजाय कोहनी में छींकें।
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यदि आपको सर्दी खांसी है तो मास्क ज़रूर पहनें।
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मार्केट, स्टोर, जिम और एलिवेटर में सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
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यदि आपको इंफेक्शन है तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
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अपने सहकर्मी, क्लाइंट और दोस्तों से बात करते समय जितना संभव हो 6 फीट की दूरी हमेशा बनाए रखें।
जब लोग इन नियमों का पालन करेंगे तो जीवन जल्द ही फिर से अपनी रफ्तार पकड़ लेगा। तब तक घर के अंदर रहें, सुरक्षित रहें।
पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है।
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