आंटी जी कहती हैं, 'अहा पुत्तर क्या वदिया सवाल कित्ता तुस्सीI तेरे सवाल का जवाब देने से पहले मैं तुझे यह बता देती हूँ कि कोई हिजड़ा बनता नहीं हैI तू सोच रही होगी यह कैसे हो सकता है? चल तुझे अच्छे से समझाती हूँI
अजीब
अच्छा पुत्तर एक बात बताI जब वो हिजड़ा तेरे घर आया तो तुम लोगों ने क्या किया? तुम सब उसके साथ कैसे पेश आ रहे थे? सब का व्यवहार थोड़ा अजीब था ना? जैसे कोई अंतरिक्ष से उतरा होI
जब कि पुत्तर वे लोग भी हमारी तरह ही हैंI या यूँ कहूं कि हम भी उनके जैसे हैंI दुर्भाग्यवश, हमारे समाज में इस हिजड़े शब्द साथ इतना रहस्य और इतनी गोपनीयता जुड़ी हुई है कि किसी को भी ढंग से इस बारे में पता नहीं है और फ़िर भी कोई इसके बारे में स्पष्ट रूप में बात नहीं करताI हैं ना?
कई रूपों में अद्वितीय
असल में बेटा, 'हिजड़े' एक ऐसी लैंगिक पहचान है जो दुनिया भर में केवल हमारे हिस्से - दक्षिण एशिया- के लिए अद्वितीय हैI
ट्रांसजेंडर वर्ग के लोगों को कई विभिन्न नामों से पुकारा जाता है और हिजड़ा भी उन्हीं नामों में से एक नाम हैI हिजड़े का मतलब है वे लोग जो जन्म के समय मिली अपनी लैंगिक पहचान से अपना मानसिक तालमेल नहीं बिठा पातेI नहीं समझी? अरे पिक्चरों में नहीं देखा क्या - बच्चे के जन्म के बाद नर्स भागती हुई आती है और कहती है कि, 'मुबारक हो आपको लड़का हुआ है, मुबारक है आपको लड़की हुई है! लेकिन तब क्या हो जब आपका जन्म तो लड़के के रूप में हुआ हो और आप अंदर से एक लड़की की तरह महसूस करते हैं या फ़िर आप एक लड़की हैं लेकिन अंदर से अपने आपको लड़का समझते हैं? बस यही है सरल भाषा में हिजड़े शब्द की परिभाषाI
लेकिन यहां स्थिति और भी पेचीदा हैI सभी ट्रांसजेंडर व्यक्ति हिजड़े नहीं होतेI जैसा कि तेरी आंटी ने पहले भी कहा है 'हिजड़ा' ट्रांसजेंडर समुदाय का वो वर्ग है जहां लोग (ज्यादातर पुरुष) जन्म के समय मिले लिंग से अलग महसूस करते हैं और यह असल में एक लड़की बनना चाहते हैंI वे अपने आपको एक महिला ही समझते हैं और लोगों के सामने अपने आपको उसी रूप में पेश करते हैंI
हमने अक्सर उन्हें सामाजिक समारोह जैसे शादी-ब्याह और बच्चो के जन्म के समय नाचते-गाते और पैसे कमाते हुए देखा हैI यह लोग आमतौर पर सुव्यवस्थित और संगठित समुदायों में रहते हैं। हिजड़ा वर्ग के लिए अक्सर 'छक्के' शब्द का प्रयोग किया जाता जो बेहद अपमानजनक है और किसी भी कीमत पर इसके उपयोग से बचना चाहिए।
हमेशा उपस्थित लेकिन नहीं स्वीकृत
अक्षरा तुझे यह जानकार आश्चर्य होगा कि हिजड़े हमेशा से हमारे समाज का हिस्सा रहे हैं लेकिन ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़ी गलत धारणाओं और गोपनीयता की वजह से इन्हें हमेशा भेदभाव का सामना करना पड़ता हैI और यही कारण है कि सदियों से, कई परिवार अपने ट्रांसजेंडर बच्चों को स्वीकार नहीं कर पाए हैं और इस वर्ग के लोगों के लिए कभी भी सार्थक रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हो पाए हैंI इसीलिए ट्रांसजेंडर लोगों को अपने आपको व्यवस्थित करने की पहल उठानी पड़ीI
बरसों से एक मिथक हिजड़ा वर्ग से जुड़ा हुआ है और वो यह कि वे अच्छी किस्मत लाते हैंI इसीलिए शादी ब्याह और जन्म समारोह में उन्हें नाचने और गंवाने की परम्परा चली आ रही है - उनके लिए जीवन जीने के लिए उपलब्ध बहुत कम साधनों में से एक यही है। चूंकि साधन कम होते हैं इसीलिए हिजड़ो को मजबूरी में वैश्यावृत्ति में भी लिप्त होना पड़ता हैI बरसों से चले आ रहे इस आर्थिक और सामाजिक पार्श्वीकरण का मतलब है कि ज्यादातर लोग हिजड़ो से डरते हैं और मानते हैं कि वे बेशर्म और अश्लील होते हैंI
एक नयी दुनिया
लेकिन आज हमारे समाज में कई नए बदलाव देखें जा सकते हैंI ज़्यादा से ज़्यादा माता-पिता अपनी ट्रांसजेंडर सन्तानो की परवरिश सामान्य रूप से कर रहे हैं और उन्हें सक्षम बना रहे हैं कि वो समाज में अपनी एक ऐसी पहचान बना सकें जो उनकी लैंगिक पहचान पर ना तो निर्भर हो और ना ही उससे सम्बंधितI यहां तक कि ट्रांसजेंडर लोग, जो औपचारिक रूप से हिजड़ा समुदाय का हिस्सा बने हुए हैं, सदियों पुरानी रूढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ते हुए समाज में उचित अधिकार और अपनी एक ठोस जगह बनाने के लिए कार्यरत हो चुके हैं! तीसरे वर्ग के लिए बना नया कानून भी इसी बदलाव का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैI लेकिन बेटा जी अभी भी बहुत कुछ है जो होना चाहिएI
खुद बनो इस बदलाव का हिस्सा
अक्षरा तू और तेरे दोस्त इस नई दुनिया के अधिनायक हैंI तुम्ही को यह सुनिश्चित करना है कि इस बदलाव की रफ़्तार धीमी ना हो! यहाँ सबसे ज़्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको सबके साथ वैसे ही पेश आना है जैसा व्यवहार आप चाहते हैं कि आपके साथ होI हिजड़े दिखने और बर्ताव में हमलोगों से अलग नज़र आते हैं लेकिन इसका मतलब कतई यह नहीं है कि उन्हें अपमानित किया जाए या उन्हें नीचा दिखाया जायेI हैं ना?
पुत्तर कुछ लोगों की एक अलग दुनिया है - वे लोग इस बात के इंतज़ार में हैं कि उन्हें गले से लगाया जाये और उन्हें अपना जीवन अपने तरीके से जीने की आज़ादी होI यहाँ मैं सिर्फ ट्रांसजेंडर लोगों की बात नहीं कर रही हूँ बल्कि विभिन्न धर्मो, जातियों, रंग और यौनिक पहचान के लोगों के बारे में कह रही हूँI बस पुत्तर यही एक छोटी से गल्ल है! परिवर्तन लाना इस बात पर निर्भर करता है कि तेरी पीढ़ी क्या बदलाव लाना चाहती है और कैसेI
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए तस्वीर के लिए मॉडल का इस्तेमाल हुआ है नाम बदल दिए गए हैंI
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