वीर्य की सिर्फ़ एक बूँद
रात के 1 बजे मायरा ने घबराकर वियान को फोन किया, उस समय वह गहरी नींद में था। मायरा रो रही थी। उसका पीरियड रुके एक हफ्ता हो गया था।
वियान ने मायरा को भरोसा दिलाया कि उस दिन मेरा ejaculation vagina के अंदर नहीं हुआ था। अब तुम सो जाओ, मैं सुबह कोई रास्ता निकालता हूं।
लेकिन मायरा ने इंटरनेट पर पढ़ा था कि प्रेगनेंट होने के लिए वीर्य की एक बूंद ही काफी है। उसने दुखी होकर फोन काट दिया।
वियान और मायरा ने कुछ महीने पहले ही डेटिंग शुरू की थी और दोनों ने पिछले महीने पहली बार सेक्स किया था। एक के बाद एक चीज़ें होती गयी और उन्होंने गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करने के बारे में सोचा ही नहीं। लेकिन पीरियड रुकने से दोनों डर गए।
आधी रात को मायरा का फोन आने पर वियान का रुम मेट और अच्छा दोस्त अबीर भी जग गया था। उसने वियान की बातें सुनी थी और ज़रूरत पड़ने पर मदद के लिए भी बोला था। वियान भी अबीर से यह कहते हुए रोने लगा कि पता नहीं ये सब कैसे हो गया।
'वियान ने अबीर से कहा कि ‘मुझे बहुत डर लग रहा है भाई। मैं नहीं चाहता कि मायरा गर्भवती हो। समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या करुं।’
'अबीर ने वियान को भरोसा दिलाते हुए कहा कि ‘चिंता मत करो, मेरे अंकल डॉ. कुमार गायनेकोलॉजिस्ट हैं। मैं उनसे तुम्हारी बात कराता हूं। बस उनके क्लिनिक पर जाओ, वो तुम्हारी मदद कर सकते हैं।’
क्या करें, क्या नहीं?
वियान ने राहत की सांस ली और मायरा को मैसेज किया। मायरा गायनेकोलॉजिस्ट के पास नहीं जाना चाहती थी। उसे डर था कि कहीं उसके मम्मी- पापा को पता चल गया तो क्या होगा? अगर किसी ने मुझे वहां देख लिया तो? वियान ने उसे भरोसा दिलाया मैं तुम्हारे साथ हूं, कुछ नहीं होगा। दोनों उसके कॉलेज के बाहर मिलने के लिए तैयार हो गए।
मुझे भी डर लग रहा है मायरा। लेकिन हमें मिलकर कोई रास्ता निकालना होगा। हम दोनों एक हफ्ते से भी अधिक समय से स्ट्रेस में हैं। हमें कुछ जल्दी करना होगा। बेहतर यह होगा कि हम किसी भरोसेमंद व्यक्ति से इसके बारे में बात करें। चलो डॉक्टर के पास चलते हैं, मुझे यकीन है कि वह हमारी मदद करेंगे, वियान ने कहा।
मायरा डॉक्टर के पास जाने के लिए तैयार हो गई। दोनों सुबह जल्दी हॉस्पिटल पहुंच गए, उस समय वहां कम ही मरीज थे। रिसेप्शन पर मायरा ने अपने सारे डिटेल्स दिए, फिर दोनों इंतज़ार करने लगे।
क्लिनिक में बच्चों की लगी तस्वीरों को देखकर वियान को चक्कर आने लगा लेकिन किसी तरह उसने ख़ुद को संभाला। उसके दिमाग में अजीब से ख्याल आ रहे थे जिससे वह परेशान था- अगर मायरा सच में प्रेगनेंट हो गई तो क्या होगा? क्या डॉक्टर मायरा का ब्लड टेस्ट करेंगे? मैं अभी शादी नहीं करना चाहता, उम्मीद है कि प्रेगनेंट होने के बाद भी मायरा मुझसे शादी के लिए नहीं कहेगी। मैं अभी सिर्फ 22 साल का हूं। मैनें तो अभी कॉलेज भी खत्म नहीं किया है। क्या वह एबॉर्शन के लिए तैयार होगी? कहीं सबको पता न चल जाए।
ये डरावने ख़याल वियान के दिमाग में चलते रहे और वह मायरा को लेकर डॉ. कुमार की क्लिनिक के अंदर गया।
लंबा इंतज़ार
डॉ. कुमार मायरा और वियान से मिले और उनकी समस्या को इत्मिनान से सुने। उन्होंने मायरा को क्लिनिक में तुरंत प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए कहा। उन्होनें मायरा को एक किट दिया और कहा कि जाओ बाथरूम में टेस्ट कर लो। उसे गाइड करने के लिए एक नर्स भी वहां थी। मायरा किट पर अपना यूरीन लेकर बाहर निकल आयी।
इस दौरान डॉ. कुमार ने वियान से कहा कि, अंतरंग होना जीवन का एक ख़ूबसूरत हिस्सा है लेकिन सेक्स के साथ में प्रेगनेंसी भी जुड़ा हुआ है। महज एक स्पर्म से अनचाही प्रेगनेंसी हो सकती है। मैं तुम्हें डराना नहीं चाहता, उत्तेजना के उन पलों में गर्भनिरोधक भूलना आम बात है लेकिन एक छोटी सी भूल आपको परेशानी में डालने के लिए काफी है।
वियान ने कहा कि ‘मैं इसके लिए माफ़ी चाहता हूं डॉक्टर। मुझे कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए था’ लेकिन अभी भी वियान का दिमाग तो मायरा के टेस्ट रिजल्ट के इंतज़ार में ही लगा हुआ था।
एक एक पल बहुत भारी लग रहे थे, लेकिन जब मायरा लौटी तो काफी ख़ुश दिख रही थी। नर्स ने उसे बताया कि उसका प्रेगनेंसी टेस्ट निगेटिव है। उसका पीरियड तनाव या किसी अन्य कारण से लेट हुआ है।
दोनों के लिए इससे बड़ी राहत क्या हो सकती थी!
सुरक्षित सेक्स
डॉ. कुमार ने कहा ‘अब आप दोनों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है लेकिन आपको सुरक्षित सेक्स के बारे में अपनी जानकारी बढ़ानी चाहिए, है कि नहीं?
बिल्कुल! ’, दोनों ने हंसकर कहा।
बाद में माफ़ी मांगने या पछताने से बेहतर है कि सुरक्षा अपनाई जाए। सुरक्षित सेक्स करें और अपनी पसंद की गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करें। डॉक्टर ने बताया कि अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए महिला और पुरुष दोनों के पास बहुत से ऑप्शन हैं। आइये इनके बारे में विस्तार से जानें।
पुरुषों के लिए गर्भ निरोध के विकल्प - कंडोम और बहुत कुछ?
डॉ. कुमार ने कहा कि गर्भनिरोध या कंट्रासेप्शन की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ महिलाओं की ही नहीं है। अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए पुरुष भी कंडोम जैसे आसान तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। कंडोम सस्ता और आसानी से उपलब्ध हो जाता है। खास बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
कंडोम रबर का एक खोल होता है जो पेनिस को पूरी तरह कवर कर लेता है और स्पर्म को योनि (वजाइना) में जाने से रोकता है। यह छोटा सा ट्यूब जैसा बैग है जिसका बंद सिरा निप्पल के आकार जैसा होता है। स्खलन के बाद इसी निप्पल वाले हिस्से में स्पर्म जमा होता है।
कंडोम अलग-अलग साइज, स्टाइल और शेप में उपलब्ध है। कंडोम लैटेक्स, पॉलीयूरेथेन या लैम्बस्किन का बना होता है। ये ल्यूब्रिकेटेड और अनल्यूब्रिकेटेड दोनों तरह के होते हैं।
कंडोम की कीमत भी कम होती है और किसी भी मेडिकल स्टोर पर ये आसानी से मिल जाते हैं। ख़ास बात यह है कि कंडोम आपको यौन संचारित बीमारियों (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) से भी बचाते हैं। अपनी सेक्स लाइफ को मजेदार बनाने के लिए अलग-अलग फ्लेवर और वैरिएशन जैसे अल्ट्रा थिन, चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी कंडोम ट्राई करें।
वियान ने पूछा कि मेरे लिए और क्या विकल्प मौज़ूद हैं?
कंडोम सबसे आसान है और फायदेमंद हैं। मगर इसके अलवावा भी कुछ तरीके है।
पुल आउट विधि : बहुत कारगर नहीं !
इस विधि में सेक्स के दौरान पुरूष स्खलित (Ejaculate) होने से पहले ही अपने लिंग को योनि से बाहर खींच लेता है जिससे योनि के अंदर स्पर्म ना जाए।
डॉ. कुमार ने कहा कि ‘हालांकि स्पर्म को योनि में जाने से रोकने का यह एक सुरक्षित तरीका नहीं है क्योंकि प्री कम/प्री इजैकुलेट के जरिए भी कुछ स्पर्म योनि के अंदर जा सकते हैं।’
बेशक, इस तरीके पर भरोसा नहीं करना चाहिए। हम इस तरीके का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं देते हैं। इस तरीके से सेक्स करने के बाद मुझे हमेशा ही प्रेगनेंसी का डर लगा रहता है, मायरा ने कहा।
डॉ. कुमार मुस्कुराए। उन्होंने कहा कि पुरुषों के लिए प्रेगनेंसी से बचने का एक दूसरा तरीका है नसबंदी, जो कि गर्भनिरोधक का एक स्थायी उपाय है। यह एक सर्जिकल प्रोसीजर है जिसमें पुरुषो के जननांग के अंदर वास डेफरेन्स नाम की एक ट्यूब को काट दिया जाता है या ब्लॉक कर दिया जाता है जिससे स्पर्म, वीर्य (सीमेन) में नहीं मिल पाता है। यह गर्भनिरोध का एक स्थायी तरीका है। यदि आप भविष्य में बच्चे नहीं चाहते तो बेशक आप नसबंदी करा सकते हैं।
महिलाओं के लिए गर्भनिरोध के विकल्प
डॉ. कुमार ने कहा मायरा तुम्हारे लिए भी बहुत से ऑप्शन मौजूद हैं। चलों मैं तुम्हें इनके बारे में बताता हूं।
वियान : 'मैं भी ध्यान से सुन रहा हूं!'
डॉ. कुमार : ‘मायरा, क्या तुम्हें पता है कि महिलाओं के लिए भी कंडोम उपलब्ध है?’
मायरा : 'अरे वाह, सच में? मुझे नहीं मालूम था।'
वियान : ‘मुझे भी नहीं पता था।'
डॉ. कुमार: 'फीमेल कंडोम, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह प्रेगनेंसी से बचने के लिए महिलाओं द्वारा उपयोग किया जाता है। यह न सिर्फ गर्भनिरोधक की तरह काम करता है बल्कि एसटीआई और एसटीडी से बचाने में भी मदद करता है।'
'फीमेल कंडोम की बनावट पुरुषों के कंडोम की तरह ही होती है। फीमेल कंडोम को महिलाएं सेक्स से पहले अपनी योनि के अंदर लगाती हैं। फीमेल कंडोम के सिरे का आकार रिंग जैसा होता है जो सेक्स के दौरान स्पर्म को योनि के अंदर जाने से रोकता है। अब भारतीय बाजारों में भी यह कई मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है।'
मायरा ने कहा, ‘मैं फीमेल कंडोम ज़रूर खरीदूंगी। अब मुझे वियान पर नहीं निर्भर रहना पड़ेगा। मैं भी अपना कंडोम यूज कर सकती हूं।’
वियान ने मायरा की तरफ़ देखते हुए कहा कि यह कई ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर भी उपलब्ध है। मैंने अभी एक फीमेल कंडोम अपने कार्ट में रख लिया है।
अब बात करते हैं गर्भनिरोधक गोलियों की
डॉ. कुमार: 'प्रेगनेंसी से बचने के लिए महिलाओं को रोजाना गर्भनिरोधक दवा का सेवन करना पड़ता है। गर्भनिरोधक दवाइयां, दो हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन से संयुक्त रुप से बनी होती हैं। ‘मिनी पिल्स’ या ‘प्रोजेस्टिन ओनली पिल्स’ में सिर्फ़ प्रोजेस्टिन होता है।'
'गर्भ निरोधक गोलियां प्रेगनेंसी से बचाने में मदद करती हैं। जब आप प्रेगनेंट होना चाहें, इन गोलियों का सेवन बंद कर सकती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने से सेक्स के दौरान कोई परेशानी नहीं होती है।'
ये कैसे काम करती हैं?
गर्भ निरोधक दवाएं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन का स्राव करती हैं 'और गर्भावस्था से बचाने में मदद करती है। ये हार्मोन्स, ओव्यूलेशन को रोक देते हैं और स्पर्म द्वारा एग को फर्टिलाइज होने से रोकते हैं। ओव्यूलेशन तब होता है जब ओवरी से एक अंडा रिलीज होता है और यह स्पर्म से फर्टिलाइज होने के लिए तैयार होता है।'
'गर्भ निरोधक दवाओं में पाये जाने वाले हार्मोन गर्भाशय ग्रीवा के म्यूकस को गाढ़ा कर देते हैं जिससे स्पर्म को एग से मिलने में कठिनाई होती है। साथ ही महिलाओं की पुरुषों पर प्रजनन संबंधी निर्भरता भी कम होती है। जैसे कुछ बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने से पीरियड हल्का हो जाता है और पीरियड के दौरान दर्द कम होता है।'
गोली के साइड इफेक्ट
मायरा बहुत ध्यान से सुन रही थी, जब वियान ने पूछा कि क्या इन गोलियों के साइड इफेक्ट भी हैं?
डॉ. कुमार: 'वहीं बर्थ कंट्रोल पिल्स का दूसरा पहलू यह है कि यह यौन संचारित रोगों से बचाने में मदद नहीं करती है। इसका नियमित सेवन करना पड़ता है। एक गोली मिस करने पर प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा बर्थ कंट्रोल की अन्य विधियों की अपेक्षा यह काफी महंगा भी है।'
डॉ. कुमार ने बताया कि इन हार्मोनल बर्थ कंट्रोल से कुछ महिलाओं में जी मिचलाने और वज़न बढ़ने जैसे साइड इफेक्ट भी नज़र आते हैं। इसके अलावा बाज़ार में ‘सहेली’ जैसे कुछ नॉन हार्मोनल किस्म की बर्थ कंट्रोल दवाएं भी उपलब्ध हैं।
'लेकिन हर किसी की बॉडी अलग होती है। इसलिए कोई भी गर्भ निरोधक चुनने से पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए।'
महिलाओं के लिए इंजेक्शन और आईयूडी
डॉ. कुमार ने कहा ‘अब मैं महिलाओं के लिए गर्भ नि रोधक इंजेक्शन के बारे में बता रहा हूं।’
'डेपो प्रोवेरा कंट्रासेप्टिव इंजेक्शन का एक प्रचलित ब्रांड है जिसमें प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है। यह इंजेक्शन हर तीसरे महीने दिया जाता है। इसमें मेड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन एसिटेड मौजूद होता है जो ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को रोकता है. इसके कारण ओवरी से अंडे रिलीज नहीं होते हैं। इसके अलावा यह सर्वाइकल म्यूकस को गाढ़ा कर देता है जिसके कारण स्पर्म अंडों तक नहीं पहुंच पाते हैं।'
'यदि आप रोज गर्भनिरोधक दवाइयां नहीं लेना चाहती हैं तो डेपो प्रोवेरा आपके लिए सबसे बेहतर उपाय है। हालांकि इससे कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।'
वियान: तो क्या यह सिर्फ़ तीन महीने ही काम करता है? इससे अधिक नहीं? ''
डॉ. कुमार : 'हां बिल्कुल। अभी तक इसे सिर्फ तीन महीने इस्तेमाल करने का ही विकल्प है।
वियान : अरे वाह, मायरा के पास इतने विकल्प हैं। क्या कुछ और भी ऑप्शन हैं डॉक्टर?
डॉ. ने मुस्कुराते हुए कहा : ‘हां, बस कुछ और। फिर आप जा सकते हो।'
'अब बात करते हैं इंट्रायूटेरिन डिवाइस या आईयूडी के बारे में। यह एक छोटी कंट्रासेप्टिक डिवाइस है जिसे गर्भाशय में डाला जाता है। यह डिवाइस लंबे समय तक काम करती है और मार्केट में बिकने वाली सबसे प्रभावी रिवर्सिबल बर्थ कंट्रोल मानी जाती है।'
'आईयूडी दो तरह के होते हैं- कॉपर आईयूडी और हार्मोनल आईयूडी। कई हार्मोनल आईयूडी जैसे कि मिरेना, केलीना आदि और नॉन हार्मोनल आईयूडी जैसे कि कॉपर टी, 5 से 10 सालों तक काम करती हैं।'
'कॉपर-टी आईयूडी : यह एक नॉन हार्मोनल बर्थ कंट्रोल डिवाइस है जिसे महिला के गर्भाशय में फिट किया जाता है। बाज़ार में यह मल्टीलोड नाम से बिकती है। यह टी-शेप का प्लास्टिक का एक टुकड़ा होता है जो कॉपर वायर की क्वायल से लिपटा होता है। कॉपर टी आईयूडी कंट्रासेप्शन का रिवर्सिबल रुप है। इसे आप कभी भी बाहर निकलवा सकती हैं और उसके बाद गर्भवती हो सकती हैं।'
'आईयूडी में लगा कॉपर, नैचुरल स्पर्मिसाइड की तरह काम करता है और वजाइना में आने वाले स्पर्म को नष्ट कर देता है। इस तरह अंडा फैलोपियन ट्यूब में फर्टिलाइज नहीं हो पाता है और आप प्रेगनेंट नहीं हो पाती हैं।'
मायरा ने कहा ‘भविष्य में प्रेगनेंसी से बचने के लिए कॉपर-टी आईयूडी एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। एक बार कॉपर टी लगवाओ और 5 सालों तक छुट्टी वो भी बिना किसी हार्मोन के।
डॉ. कुमार ने कहा कि हां बिल्कुल, लेकिन हार्मोनल वाले का भी उपयोग किया जा सकता है।
'यह माचिस की तीली जितना लंबा छोटा सिलेंडर जैसा होता है जिसे महिला के गर्भाशय या बच्चेदानी के अंदर डॉक्टर द्वारा फिट किया जाता है। यह डिवाइस महिला के शरीर में पांच सालों तक रह सकती है। इससे धीरे-धीरे बहुत ही कम मात्रा में प्रोजेस्टोजेन हार्मोन (लेवोनोर्गेस्ट्रेल) निकलता रहता है।'
अन्य विकल्प?
डॉ. कुमार : 'मायरा, ओव्यूलेशन चक्र की निगरानी भी प्रेगनेंसी से बचने का एक तरीका है। विड्रॉल मैथड की तरह यह भी बहुत भरोसेमंद नहीं है। लेकिन मैं तुम्हें इसके बारे में बताता हूं।'
'इसे ओव्यूलेशन चक्र की निगरानी कहते हैं। महिलाएं ओव्यूलेशन के समय सबसे अधिक फर्टाइल होती है अर्थात अगला पीरियड शुरू होने से 12 से 14 दिन पहले ओवरी से अंडे निकलते हैं और यही वो समय है जब गर्भधारण की संभावना सबसे ज़्यादा रहती है। यदि आप प्रेगनेंसी से बचना चाहती हैं तो आपको इस पूरे अवधि (पूरे फर्टाइल विंडो) के दौरान असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए।'
मायरा : 'थैंक्स डॉक्टर! लेकिन मेरा पीरियड अनियमित है और मुझे नहीं लगता कि यह ऑप्शन मेरे लिए सही है।'
डॉ. कुमार : 'हाँ, इस विधि पर भरोसा नहीं करना चाहिए। यह तरीका अपनाकर कई महिलाएं प्रेगनेंट हो चुकी हैं।'
मायरा : 'क्या महिलाओं के लिए भी गर्भनिरोधक का कोई स्थायी उपाय नहीं है? जिस तरह पुरुषों के लिए नसबंदी है?'
डॉक्टर : 'बिल्कुल है। ट्यूबल लिगेशन का सामान्य अर्थ है "ट्यूब को बांधना"। ये ट्यूब फैलोपियन ट्यूब हैं, जो हर महीने ओव्यूलेशन के दौरान एग रिलीज करते हैं और यह अंडा फैलोपियन ट्यूब से होते हुए गर्भाशय में पहुंचता है।'
'यह प्रेगनेंसी रोकने का इरिवर्सिबल और सर्जिकल तरीका है। इसे ‘महिला नसबंदी’ भी कहा जाता है। अगर आप भविष्य में बच्चे पैदा करना नहीं चाहती हैं तो यह ऑप्शन चुन सकती हैं।'
इमर्जेंसी कंट्रासेप्शन- आई पिल या अनवांटेड ७२
वियान : 'डॉक्टर, यदि सभी सावधानियां बरतने के बावजूद यदि सेक्स के दौरान कंडोम फट जाए तो क्या फिर भी प्रेगनेंसी से बचने का कोई तरीका है?'
मायरा : 'हां, मैंने कई जगह अनवांटेड 72 के विज्ञापन देखे हैं।'
डॉक्टर : 'बिल्कुल, इसे इमरजेंसी कंट्रासेप्शन पिल (आपातकालीन गर्भनिरोधक) कहते हैं। ऐसी स्थिति में यह प्रेगनेंसी से बचने का एक रास्ता है लेकिन यह ध्यान रखें कि यह सिर्फ़ आपातकाल (इमरजेंसी) के लिए है। इसका सेवन नियमित नहीं किया जाता है।'
फिर डॉक्टर ने इमरजेंसी कंट्रासेप्शन के बारे में विस्तार से बताया।
'इमरजेंसी कंट्रासेप्शन तब काम आता है जब आप गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किए बिना सेक्स करती हैं और प्रेगनेंट नहीं होना चाहती हैं। या आपको लगता है कि आपका गर्भनिरोधक सही तरीके से काम नहीं कर पाया, आप गोली लेना भूल गई या सेक्स के दौरान कंडोम फट गया। इसे मॉर्निंग ऑफ्टर पिल्स भी कहते हैं। ये दवाएं तब ली जाती हैं जब आपने असुरक्षित सेक्स किया हो और आपको लगता हो कि आप प्रेगनेंट हो जाएंगी। तब प्रेगनेंसी से बचने के लिए असुरक्षित यौन संबंध बनाने के 24 घंटे के भीतर इन दवाओं का सेवन करना ज़रुरी होता है। इसके बाद ये दवाएं कम प्रभावी होती हैं।'
'भारत में ये दवाएं कई नामों से उपलब्ध हैं-आई पिल, अनवांटेड 72 आदि। इन दवाओं को डॉक्टर के पर्चे के बिना भी किसी भी फार्मेसी से खरीदा जा सकता है।'
'ईसीपी के हल्के साइड इफेक्ट भी होते हैं। इसका मतलब यह है कि सामान्य गर्भनिरोधक की तरह इसका उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि सिर्फ इमरजेंसी में ही इसका सेवन करना चाहिए।'
'ईसीपी ऐसा क्या करता है, जिससे प्रेगनेंसी नहीं होती?' मायरा ने पूछा।
डॉ. कुमार : 'अच्छा सवाल। जब तक स्पर्म महिला के शरीर में होता है तब तक यह अंडाशय से अंडे को रिलीज नहीं होने देता है। इसलिए 72 घंटे के अंदर इसका सेवन करना जरुरी होता है। यह शरीर में स्पर्म का रास्ता बदल देता है जिससे स्पर्म एग से मिल नहीं पाता है। लेकिन एक बार अंडा जब फर्टिलाइज हो जाता है तब यह काम नहीं करता है।'
डॉक्टर कुमार :' ये तुम दोनों के लिए था। उम्मीद है आगे से तुम दोनों सावधानियां बरतोगे और सुरक्षित सेक्स करोगे। गर्भनिरोधक चुनने से जुड़ी किसी भी सहायता के लिए मुझे बेझिझक कॉल कर सकते हो।'
'आपने बहुत अच्छी जानकारी दी डॉक्टर, आपका बहुत धन्यवाद', दोनों ने कहा।
वियान और मायरा डॉक्टर को थैंक्स बोलकर ढ़ेर सारी जानकारियों के साथ ही राहत की सांस लेकर बाहर निकल आये। इसके बाद वे एक फार्मेसी पर रुके जहां से उन्होंने स्ट्रॉबेरी और चॉकलेट फ्लेवर कंडोम खरीदा - मायरा का फेवरेट ।
पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।
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