21 साल के अनीश दिल्ली के एक मीडिया हाउस में इंटर्न हैं।
दोस्त से बढ़कर
कॉलेज के अपने सेमेस्टर प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पर एक साथ तीन महीने से अधिक समय तक काम करने के बाद मैं और निशा अच्छे दोस्त बन गए थे। हम दोनों फोन पर रोज़ बातें करते और हर हफ़्ते के अंत में शहर के अलग-अलग जगहों पर एक साथ घूमा करते। हम दोनों जब साथ में होते तो खूब मज़े किया करते थे।
एक दिन जब हम दोनों कॉलेज की कैंटीन में बैठे थे, तब मैंने निशा से कहा कि मैं तुम्हारे साथ घूमने और काम से परे एक अलग तरह का रिश्ता रखना चाहता हूं। वह ख़ुशी-ख़ुशी राजी हो गई और उसके बाद से हमारे बीच चीज़ें बदल गईं।
वह सर्द रूमानी शाम
शाम को घर लौटते समय एक दूसरे को कसकर गले लगाना और चूमना, मानो दिनचर्या का हिस्सा बन गया थाI समय के साथ हम एक दूसरे के बेहद करीब आते गए। सर्दी की उस शाम हम दोनों उसके दोस्त के फ्लैट पर थे और वहां एक दूसरे के करीब लेटकर फिल्म देख रहे थे। एहसास ही नहीं हुआ कि कब हम एक दुसरे में खो गयी और एक दूसरे के जननांगों को छूना शुरू कर दिया। अगले कुछ मिनटों में ही हम दोनों के बदन पर पड़े कपडे गायब हो चुके थेI
कमरे में छोटा सा बल्ब ही जल रहा था जो माहौल को और भी कामुक बना रहा थाI हम दोनों निर्वस्त्र हो कर एक दूसरे से लिपटे हुए थेI
निशा ने मुझे बताया कि अब तक वह वर्जिन थी। उसकी बात सुनकर मैंने उसे प्यार से चूमा और संभोग से पहले उसकी योनि में नमी उत्पन्न करने के लिए उसकी योनि और क्लोटोरिस को देर तक चूमता रहा। जब मैंने अपने बैग से कंडोम निकाला तो यह देखकर उसने मेरे लिंग को अपने हाथ में पकड़ लियाI लेकिन उसके बाद जैसे सब रुक सा गयाI
जिन्दगी भर के लिए
मैं इंतजार करता रहा कि निशा मेरे गुप्तांगों के साथ सहज महसूस करे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं समझ गया कि यह उसका पहली बार हैI जब मैंने कंडोम लगाया और उसकी योनि में प्रवेश करने वाला ही था कि वह चिल्लायी और गद्दे से उठ खड़ी हुई। वह रोने लगी और मुझे रुकने के लिए कहा।
मैं रुक गया और उसे गले से लगा लिया। निशा ने रोते हुए कहा कि वह केवल उसी लड़के के साथ सेक्स का दर्द सहन करेगी जो उसके साथ जीवन भर रहेगा।
यह सुनकर मुझे थोड़ा अजीब लगा। लेकिन वह यही चाहती थी। इसलिए हमने अपने कपड़े पहने और मैंने उसे घर छोड़ दिया।
साथ रहने का वादा नहीं कर सकता था
हम दोनों उस दिन के बाद भी मिले लेकिन हमारे बीच रोमांस खत्म हो चुका था। वो सेक्स के लिए बिल्कुल सहज महसूस करे इसका इंतज़ार करने को मैं राज़ी था ताकि हम एक-दूसरे के साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकें। लेकिन पूरे जीवन उसका साथ निभाने का वादा मैं नहीं कर सकता था। वह दुखी थी लेकिन मैं झूठ के दम पर एक रिश्ते की शुरुआत नहीं कर सकता था।
निशा के लिए पहली बार सेक्स दर्द और सुरक्षा का मामला था और वह मेरे साथ अंतरंग होने के लिए कभी सहमत नहीं थी। दूसरी ओर, मैं उस व्यक्ति के साथ अंतरंग होना चाहता था जिसके साथ मैं सहज महसूस करूं और जिस पर मुझे पूरा भरोसा हो।
मैंने उस शाम के बाद उसके साथ कभी भी शारीरिक संबंध नहीं बनाया। निशा और मैं धीरे-धीरे अलग हो गए। हम एक-दूसरे की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, हालांकि हमें एक-दूसरे का साथ अच्छा लगता था, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चला।
गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
यह लेख पहली बार 26 मार्च, 2019 को प्रकाशित हुआ था।
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लेखक के बारे में: अर्पित छिकारा को पढ़ना, लिखना, चित्रकारी करना और पॉडकास्ट सुनते हुए लंबी सैर करना पसंद है। एस आर एच आर से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखने के अलावा, वह वैकल्पिक शिक्षा क्षेत्र में भी काम करते हैं। उनको इंस्टाग्राम पर भी संपर्क कर सकते हैं।