हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की ज़रुरत किसे है?
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) क्या है इसे पूरी तरह जानने के लिए हमें यह जानना जरूरी है कि ये थेरेपी किसके लिए है। एचआरटी दरअसल उन लोगों के लिए है जो जन्मजात मिली लैंगिकता को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। अगर इसे सरल भाषा में कहा जाए तो मिसाल के तौर पर मानिए कि मुझे बचपन से बताया गया कि मैं एक पुरुष हूं, जबकि बड़े होने के दौरान मैंने महसूस किया कि मैं एक स्त्री हूं। हालांकि महिलाओं जैसा महसूस होने के बावजूद भी मेरे शरीर से पुरुष हार्मोनों का उत्पादन बन्द नहीं हुआ। इसलिए एक स्त्री की पहचान पाने के लिए मैं चिकित्सकीय विकल्प चुन सकता हूं। इस क्षेत्र में लिंग परिवर्तन सर्जरी और एचआरटी, दो सबसे प्रचलित विकल्प हैं। जन्मजात मिली लैंगिकता में परिवर्तन की प्रक्रिया संक्रमण या ट्रांजिशनिंग कहलाती है। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह लिंग परिवर्तन सर्जरी का विकल्प अपनाता है या एचआरटी का या फिर वह जैसा था वैसा ही बने रहना चाहता है।
एचआरटी क्या है?
एचआरटी की प्रक्रिया, ट्रांसमेन (ऐसे व्यक्ति जिनका जन्म स्त्री के रूप में हुआ हो और अब वे पुरुष के रूप में परिवर्तित होना चाहते हों) और ट्रांसवीमेन (ऐसे व्यक्ति जिनका जन्म पुरुष के रूप में हुआ हो और वे स्त्री में बदलना चाहते हों) दोनों के लिए अलग-अलग होती है। इस प्रक्रिया में, अगर आपका जन्म स्त्री के रूप में हुआ है तो ट्रांजिशनिंग के लिए आपको पुरुषों वाले हार्मोनों जैसे टेस्टोस्टेरोन आदि का इंजेक्शन दिया जाएगा जिसके परिणामस्वरूप आपके दाढ़ी आना शुरू हो जाएगी साथ ही आपकी मांसपेशियों का वजन बढ़ेगा और आपकी आवाज भी भारी हो जाएगी। इसके अलावा और भी कई पुरुषों वाले लक्षण नज़र आने लगेंगे। ट्रांसवीमेन (जिनका जन्म पुरुष के रूप में हुआ हो) के मामले में आपको फीमेल हार्मोनों जैसे एस्ट्रोजन आदि का इंजेक्शन दिया जाता है जिससे आपके शरीर में स्तनों का विकास होगा, वीर्य का उत्पादन घटेगा साथ ही साथ शरीर और दाढ़ी के बालों का विकास धीमा हो जाएगा।
इन हार्मोनों का अलग अलग तरीकों से लिया जा सकता है, चाहे तो इसे दवा के तरह खाया या निगला जाए या फिर मलहम की तरह त्वचा पर लगाया जाए या फिर इसे इंजेक्शन के रूप में दिया जाए। यहां तक कि इन हार्मोनों को लेने का तरीका भी ट्रांसवीमेन और ट्रांसमेन दोनों के लिए अलग अलग होता है। इस थेरेपी से अपेक्षित परिणाम आने में एक से पांच साल तक का समय लग सकता है।
क्या एचआरटी की प्रक्रिया जटिल है?
एचआरटी की प्रक्रिया बहुत हद तक व्यक्ति पर निर्भर करती है। यह प्रक्रिया ना केवल ट्रांसवीमेन और ट्रांसमेन के लिए अलग-अलग है बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी यह प्रक्रिया अलग-अलग लोगों की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग है। एचआरटी की प्रक्रिया लम्बी भी चलती है। शुरुआत में, मनोचिकित्सक व्यक्ति की लैंगिक असंतुष्टि (लैंगिक असंतुष्टि या जेंडर डिस्फोरिया का आशय उस असहजता या तकलीफ से जो जन्मजात मिलने वाली लैंगिकता और व्यक्ति द्वारा महसूस की जाने वाली लैंगिकता में अंतर के कारण किसी व्यक्ति को झेलनी पड़ती है ) का अच्छी तरह से परीक्षण करते हैं। इसके बाद संबंधित व्यक्ति की रज़ामन्दी ली जाती है और फिर व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य भी जांचा जाता है। तनाव और आपके बारे में समाज की नकारात्मक सोच से आपके अंदर मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मनोचिकित्सक द्वारा प्रमाणपत्र जारी करने के बाद ही कोई प्रशिक्षित एंडोक्राइनोलॉजिस्ट एचआरटी कर सकता है। एक बार एचआरटी शुरू होने के बाद व्यक्ति को जिंदगीभर इन हार्मोनों को लेना पड़ता है, हालांकि बीतते वक़्त के साथ ख़ुराक कम होती जाती है।
एक बात जान लें कि ऐसा ज़रुरी नहीं है कि वे सारे लोग जो अपनी जन्मजात लैंगिकता को स्वीकार नहीं कर पाते, जेंडर डिस्फोरिया को महसूस करें। इसके साथ यह भी ध्यान देने वाली बात है कि अपनी जन्मजात लैंगिकता को स्वीकार न कर पाना अपने आप में किसी तरह की बीमारी नहीं है। अगर आप ऐसा कुछ महसूस करते हैं कि आपका जन्मजात शरीर वैसा नहीं है जैसा आप चाहते हैं तो इस तरह के भाव बिल्कुल सामान्य हैं और आपको यह भी जानना चाहिए कि बहुत सारे लोग आप जैसे हालातों से गुजर रहे हैं। आप इस बारे में उन लोगों से बात कर सकते हैं जो आपको और आपकी बात को समझ सकें। इसके अलावा आप वेबसाइटों की भी सहायता ले सकते हैं।
क्या एचआरटी जरूरी है ?
संक्रमण या ट्रांजिशनिंग अपने आप में बहुत लम्बी प्रक्रिया है इसलिए ये आप पर निर्भर करता है कि आप ट्रांजिशनिंग की प्रक्रिया को कहां तक जारी रखना चाहते हैं। कुछ लोग क्रॉस-ड्रेसिंग (जब आदमी, औरतों की तरह कपड़े पहनता है या औरतें,आदमियों की तरह कपड़े पहनती हैं तो इसे क्रॉस-ड्रेसिंग कहा जाता है) से संतुष्ट हो जाते हैं। जबकि कुछ लोग जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी (एस.आर.एस) करवाते हैं जिससे कि वे शरीर और लैंगिक पहचान में साम्यता महसूस कर सकें। इसलिए सब कुछ व्यक्ति पर निर्भर करता है। फिर भी अगर आप एस.आर.एस करवाना चाहते हैं तो डॉक्टर पहले आपको कम से कम एक साल के लिए एचआरटी लेने की सलाह देता है । इस दौरान सावधानी पूर्वक एचआरटी दी जाती है और नए हार्मोनों के प्रति आपके शरीर की प्रक्रिया देखी जाती है। अगर एचआरटी आपके लिए कारगर साबित होता है तो इसके बाद ही डॉक्टर एस.आर.एस करते हैं। यह व्यक्ति को खुद की त्वचा के साथ सहज होने का मौका भी देती है।
निश्चित रूप से यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह ट्रांजिशनिंग की प्रक्रिया को कहां तक जारी रखना चाहता है। आप जिस लैंगिकता को अपने करीब पाते हैं उसके अनुरूप आप व्यवहार कर सकते हैं या उसी के अनुरूप कपड़े पहन सकते हैं। या आप एचआरटी ले सकते हैं और फिर उसके बाद एस.आर.एस भी करवा सकते हैं । इसमे कोई सही या गलत तरीका नहीं है।
क्या एचआरटी आसानी से उपलब्ध है ?
एचआरटी की उपलब्धता कई बातों पर निर्भर करती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि क्या आपके आसपास प्रशिक्षित एंडोक्राइनोलॉजिस्ट है या नहीं। ये आमतौर पर बड़े शहरों में ही उपलब्ध रहते हैं । इसके साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में एचआरटी का हर महीने का खर्च 3000-4000 रुपये तक होता है । इसमें मनोचिकित्सक और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की फीस एवं इस दौरान होने वाली जांचों का खर्च शामिल नहीं है । इस तरह हम पाते हैं कि एचआरटी केवल उन लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, जो थेरेपी के लिए कहीं भी आ-जा सकते हैं और जिसे अच्छे डॉक्टर के साथ-साथ परिवार और दोस्तों का भी सहयोग मिले ।
एचआरटी के दुष्प्रभाव अर्थात साइड इफ़ेक्ट क्या क्या हैं?
थेरेपी मे होने वाले खर्च के अलावा इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह बात आपको हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि आपका शरीर बदलाव के दौर से गुजर रहा है और इस तरह का बदलाव शरीर के अंदर स्वतः नहीं हो रहा है बल्कि करवाया जा रहा है तो इसके कुछ न कुछ दुष्प्रभाव होंगे ही। कुछ लोगों को मांसपेशियों में होने वाली कमी के कारण कमजोरी महसूस होती है तो कुछ को दर्द झेलना पड़ता है तो कुछ का वजन बढ़ता है । ये सब होना आम बात है और ये सब आपकी उम्र, और आपके द्वारा ली जाने वाली हार्मोनों की मात्रा पर निर्भर करता है। थेरेपी लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपको इस थेरेपी से पड़ने वाले हर तरह के असर का पता हो और पूरी प्रक्रिया के दौरान आप लगातार डॉक्टरों की निगरानी में रहें। यह शरीर आपका है इसलिए इस पर आपका पूरा नियंत्रण होना चाहिए।
क्या एचआरटी करवाना उपयोगी और फायदेमंद है ?
ट्रांजिशनिंग एक जटिल प्रक्रिया है और एचआरटी इसका केवल एक भाग है । यह हमेशा आप पर निर्भर करता है कि आप किस उम्र में ट्रांजिशनिंग करवाना चाहते हैं, आप किस तरह ट्रांजिशनिंग करवाना चाहते हैं और किस हद तक ट्रांजिशनिंग करवाना चाहते हैं। आपको वही फ़ैसला लेना होगा जो आपके लिए सबसे अच्छा हो। अगर आप इस प्रक्रिया में शामिल डॉक्टरों से बेझिझक होकर पूरी ईमानदारी से बात करते हैं तो आपको फ़ैसला लेने में आसानी होगी । डॉक्टर इस सम्बन्ध में आपका मार्गदर्शन करेंगे और आपको उनसे सहायता लेने में शर्म नहीं करनी चाहिए ।
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