Fat model
Shutterstock/Yulia Grigoryeva

मैं हमेशा एक अच्छी दोस्त रही लेकिन कभी प्रेमिका नहीं बन पायी

द्वारा Sraboni Basu सितम्बर 24, 05:04 बजे
दिल्ली की रहने वाली करिश्मा की उम्र 30 साल के आसपास है। उन्होंने लव मैटर्स से अपनी जिंदगी का किस्सा साझा करते हुए बताया कि कैसे उनकी जिंदगी में आए हर लड़के ने उनकी हाज़िर जवाबी, गर्मजोशी और आत्मविश्वास को अहमियत देने के बजाय उनके 80 किलो वजन के कारण उनमें दिलचस्पी नहीं दिखायी, जिसके कारण जाने कितनी बार उनका दिल टूटा।

मोटू, गोलूमोलू, हाथी

मुझे अच्छी तरह से याद है, जब मैं स्कूल में थी तब मुझे इन्हीं नामों से बुलाया जाता था। कुछ सालों तक लगातार इन शब्दों को सुनते हुए ऐसा लगने लगा था कि मैं बदसूरत, बेवकूफ और बद्ददिमाग,बेडौल और  किसी भी काम के लायक नहीं हूं। इसकी वज़ह से मैं स्कूल में कोई दोस्त नहीं बना पायी और अकेली ही रह गई।

स्कूल खत्म होने के बाद मैं बंगलौर आ गई। यहां मैंने अपनी ज़िंदगी नए सिरे से शुरू करना चाहती थी। इसलिए मैंने कॉलेज में दोस्त बनाने के लिए पूरी कोशिश करनी शुरू कर दी। जल्द ही मुझे एक दोस्त मिल गया। यहां लोग मुझे मोटू, गोलू मोलू के अलावा भी कुछ समझते थे। मैं मजाकिया, बुद्धिमान और दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने वाली लड़की थी।

पहला प्यार

रघु मेरा सहपाठी था। लेकिन मेरे लिए वह इससे भी बढ़कर कुछ था। हम दोनों साथ में घूमते और मस्ती करते। रघु की वज़ह से मेरी जिंदगी में सबकुछ बदलने लगा और वह मेरे लिए हमेशा तैयार रहता था। मुझे यह लगने लगा था कि सिर्फ़ मैं ही रघु की जिंदगी में हूं। लेकिन अपने जन्मदिन पर उसने मुझे ग़लत साबित कर दिया।

रघु ने अपने जन्मदिन पर मुझे तारा नाम की एक लड़की से मिलवाया। जिस तरह से रघु ने तारा को पकड़ा हुआ था, मुझे समझ आ गया था कि वो दोनों उस तरह के दोस्त नहीं हैं, जैसे कि मैं और रघु हैंI रघु जिस तरह से तारा को देख रहा था, उसने उस तरह से मुझे कभी नहीं देखा था। यहां तक कि उसने मुझे कभी इस तरह से पकड़ा भी नहीं था। यह सब देखकर अचानक ही मुझे बहुत अज़ीब सा महसूस होने लगा।

जब मैंने रघु को तारा से यह कहते हुए सुना की करिश्मा मेरी प्यारी दोस्त है तब मुझे वहां से तुरंत चले जाने का मन हुआ। एक सच्ची दोस्त! सच में मैं एक सच्ची दोस्त ही थी  इससे ज्यादा कुछ नहीं, क्योंकि मैं 75 किलो की थी। लड़के अपने लिए जैसी गर्लफ्रेंड की चाह रखते हैं, शायद मैं वैसी नहीं थी।

सच्चा प्यार?

कॉलेज के बाद मुझे नौकरी मिल गई और मैं हैदराबाद चली आयी। यहां मेरी मुलाकात जयन्त से हुई। वह मेरे दोस्त का दोस्त था और हम अक्सर एक साथ मूवी, पार्टी और नाटकों में जाया करते थे। धीरे-धीरे हम एक दूसरे से फोन पर भी बातें करने लगे और जल्दी ही यह जान गए कि हम दोनों को ही थिएटर, शास्त्रीय संगीत, किताबें और फाइन आर्ट्स पसंद है।

जयंत कभी कभी मेरे घर भी आता था और पहली बार मुझे किसी ने 'ख़ास' महसूस करवाया थाI मैं जानती थी कि जयन्त सच में मेरी परवाह करता है। हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बनने लगे। जयन्त के किस करने का तरीका मुझे बहुत पसंद था। जयन्त उम्र में मुझसे कुछ साल बड़ा था।

एक शाम हम दोनों साथ बैठे थे और वह अपनी मां से फोन पर चिल्लाकर बातें कर रहा था। वह अपनी मां से चिल्लाते हुए कह रहा था कि वह अपनी जिंदगी और करियर के इस मोड़ पर शादी के बारे में सोचना भी नहीं चाहता है। मैंने उससे कहा कि वह अपनी मां से हम दोनों के रिश्ते के बारे में बता दे, इससे उसकी मां दोबारा शादी का जिक्र नहीं करेंगी। बेशक, इतनी जल्दी शादी की बात करना ठीक नहीं था, मेरे लिए भी नहीं।

लेकिन उस दिन जयन्त ने मेरी आंखों से पर्दा हटा दिया। उसने मुझसे कहा कि करिश्मा मैं तुमसे प्यार करता हूं लेकिन माफ करना मैंने तुमसे शादी नहीं कर सकता। एक मिनट के लिए तो मुझे समझ में ही नहीं आया कि मैं क्या बोलूं। वह बोलता रहा और अंत में उसने कहा कि यहां तक कि मैं तुम्हारे साथ सेक्स करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। वास्तव में मुझे तुममें कोई रूचि नहीं है।

उसकी बातों को सुनकर मेरे दिल, दिमाग और आत्मा को इतनी चोट पहुंची जैसे किसी ने मेरे ऊपर  ख़ंजर चला दिया हो। मैं कुछ नहीं बोली। हालांकि जयन्त तुरंत पश्चाताप करने लगा कि उसने क्या कह दिया लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी। मैंने उसे वहां से तुरंत चले जाने को कहा और वह चला गया। उस रात मैं अपनी ज़िंदगी खत्म कर लेना चाहती थी। मैं पूरी रात रोती रही और सुबह होने का इंतजार करती रही। मैंने अपने आप को यह कहकर समझाया कि ज़िंदगी में प्यार और बॉयफ्रेंड से बढ़कर भी बहुत कुछ है।

अब मिस्टर राइट का इंतज़ार नहीं

अगले कुछ वर्षों में मुझे यह अच्छी तरह समझ में आ गया कि मैं हमेशा एक अच्छी इंसान, एक अच्छी दोस्त और यहां तक कि एक अच्छी बहन रही लेकिन कभी एक अच्छी गर्लफ्रेंड नहीं बन पायी। सिर्फ़ इसलिए कि सुंदर चेहरे के बावज़ूद मैं शरीर से दूसरे लड़कियों की तरह नहीं दिखती हूं। हालांकि शुरू में इससे मुझे दुख होता था लेकिन एक समय के बाद फ़र्क पड़ना बंद हो गया। फिर मैंने अपने करियर पर अधिक ध्यान देना शुरू किया।

अब मेरे रास्ते में कोई बाधा नहीं है और मुझे अपने जीवन में किसी मिस्टर राइट का इंतजार भी नहीं है। आखिर उसकी ज़रूरत ही किसे है?

*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।

क्या आपको भी लगता है कि शारीरिक बनावट की वज़ह से आपको भी प्यार पाने में मुश्किलें आती हैं? नीचे कमेंट करिये या हमारे फेसबुक पेज पर लव मैटर्स (एलएम) के साथ अपने विचार हमसे साझा करें। यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर एलएम विशेषज्ञों से पूछें।

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

Comments
नई टिप्पणी जोड़ें

Comment

  • अनुमति रखने वाले HTML टैगस: <a href hreflang>