oral sex first time

ओरल सेक्स...ना बाबा ना!

जब मयंक और पल्लवी ने पहली बार ओरल सेक्स करने की कोशिश की, तो कुछ ऐसा हुआ की मयंक का मन ओरल सेक्स से उठ गया। उन्होंने लव मैटर्स इंडिया के साथ अपनी कहानी और मुश्किल साझा की।

18 साल के मयंक दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीएससी फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं।

मेरा एक सपना है 

वैसे तो मेरी क्लास में कई लड़कियां थीं लेकिन पल्लवी की बात ही अलग थी, खूबसूरती ऐसी कि उसे देखने के बाद और कुछ देखने का मन ही ना करे। बात चाहे उसके कपड़ों की हों या उसके उठने-बैठने के सलीके की, ऐसा लगता जैसे उसकी हर एक चीज एलीगेंट है। 

मेरा इतना मन था कि किसी तरह उससे बात हो जाए लेकिन कोई रास्ता ही नहीं मिल रहा था! एक दिन पता चला कि मेरी फ्रेंड दीपिका ...कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में पल्लवी की रूममेट है। जैसे ही यह पता चला मैं अक्सर दीपिका से पल्लवी के बारे में पूछने लगा कि उसे क्या पसंद है, कैसी लड़की है ...कभी हम लड़को की बात करती भी या नहीं? बातों-बातों में एक दिन दीपिका ने बताया कि पल्लवी को अपनी पीपीटी प्रेजेंटेशन बनाने में दिक्कत आ रही है लेकिन वो किसी से कह नहीं रही है।

बस फिर क्या था मेरी तो मानों लाटरी लग गयी, कभी सोचा भी नहीं था कि ये पढ़ाई लिखाई भी इश्क में मददगार होती है। शाम होते होते मैं, पल्लवी और दीपिका एक टेबल पर बैठे पीपीटी डिजाइन कर रहे थे।

मैं नहीं चाह रहा था कि वो मुझे खुद को घूरते हुए पकड़ ले लेकिन दिल ने दिमाग की सुनी ही कब है और नज़र उसी के चेहरे पर बार-बार टिक जा रही थी। इस पीपीटी के सिलसिले में हम अगले 3-4 दिन कई बार मिले और अब हमारी अच्छी दोस्ती हो गई थी। कई बार मैं शाम को हॉस्टल के गेट तक उसे छोड़ने गया। 

नंबर होने के बावजूद भी शुरूआती दो हफ़्तों तक हम बात करने से कतराते रहे और बस वाट्सऐप पर चैट ही करते रहे। फिर एक शाम उसकी तबियत थोड़ी खराब थी उस दिन मैंने उसे फोन किया और उस दिन के बाद से हम रेगुलर फोन पर भी बात करने लगे। वह अक्सर शाम को नोट्स लेने के लिए भी मुझे हॉस्टल के गेट पर बुलाया करती थी। अब हम सिर्फ दोस्त नहीं थे बल्कि हमारी रिलेशनशिप आगे बढ़ चुकी थी। मुझे चांद सी वह महबूबा मिल गई थी।

घर पर मुलाकात 

हमारे हाफ-इयरली एग्जाम करीब थे और अब हम दोनों का मिलना-जुलना काफी बढ़ चुका था। मेरे मम्मी पापा दो दिनों के लिए कहीं बाहर जा रहे थे तो मैंने सोचा क्यों न आज पल्लवी को अपने घर बुलाया जाये और साथ में पढ़ाई की जाए। मैंने डरते-डरते सुबह ही पल्लवी को मेसेज कर दिया कि ‘आज शाम को नोट्स लेकर घर पर ही आ जाना, मम्मी-पापा बाहर गए हैं”। यह पहली बार था, जब मैंने उसे अपने घर पर बुलाया था। उसे घर बुलाना अजीब तो लग रहा था लेकिन उस से अकेले में मिलने की खुशी भी उतनी ही थी।

शान को ग्रीन कलर की कुर्ती और ब्लैक प्लाजो में खड़ी पल्लवी को देखकर मेरे होश ही उड़ गए। उसे सोफे पर बिठाकर मैं उसके लिए कुछ चॉकलेट और पानी लेकर आया और उसके सामने बैठ गया। लेकिन वो तुरंत उठी और मेरे बगल में आकर बैठ गई… मेरा दिल उसे इतने करीब देखकर अपने कंट्रोल में ही नहीं था। उसका पूरा शरीर चमक रहा था। उसने मुझे अपनी नशीली आंखों से देखा और फिर आगे जो कुछ हुआ, वह पहली बार हो रहा था।

अभी नोट्स खुले भी नहीं थे और मेरी टी-शर्ट और उसकी कुर्ती खुल चुकी थी। हम एक दूसरे को किस करने लगे। मैंने यह सोचा ही नहीं था कि हम इतने करीब आ जाएंगे यहाँ तक कि मेरे पास तो उस समय कॉन्डोम भी नहीं था लेकिन हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। इसलिए हमने सिर्फ ओरल सेक्स करने के सोची। 

वह गुलाबी पैंटी 

हमारा फोरप्ले कब शुरू हो गया हमें खुद भी नहीं पता चला ..अगले ही पल मैंने उसकी प्लाजो उसके शरीर से अलग कर दी..मैं मदहोश हुआ जा रहा था और वो भी...मैं उसे हर जगह किस करना चाहता था कि अचानक मुझे अजीब सी सीलन भरी गंध महसूस हुई। 

पल्लवी की पिंक कलर की पैंटी से अजीब सी बदबू आ रही थी। देखकर यकीन ही नहीं हुआ कि अपने कपड़ों और फैशन का इतना ख्याल रखने वाली लड़की अपने अंडर गारमेंट्स की साफ-सफाई को लेकर इतनी लापरवाह कैसे है। 

मेरा कुछ और करने का तो जैसे मूड ही नहीं रहा तो मैंने बस उसे चूमा और थोड़ा बहुत और फोरप्ले किआ और बाकी मैंने उसे हे सब कुछ करने दिया। हम दोनों को काफी गर्म लग रहा था और पसीना भी आया, इसलिए मैंने उससे पूछा कि क्या वह मेरे साथ नहाएगी? मैं यही चाहता था कि वो हाँ कह दे क्योंकि गंध अब असहनीय थी।वह खुशी से सहमत हो गई और हमारे दोनों ने एक दूसरे के साथ अच्छा टाइम बिताया।  

देख ही कौन रहा है!  

अगली सुबह जैसे ही वह निकलने वाली थी, मैंने उससे ऐसे ही पूछा कि क्या वह चेंज करने के लिए कपड़े और अंडरगारमेंट्स लायी है? 

‘मेरे बैग में एक कुर्ती है, लेकिन हर दिन अंडरवियर कौन बदलता है? मैंने रोज़ नहीं बदलती!' उसने उत्तर दिया। 

'क्यों? कपड़े धोने का समय नहीं मिलता?’ मैंने पूछा। अब समझ में आया कि उसकी पैंटी की बदबू इतनी तेज़ क्यों थी।

‘हर दिन अंडरगारमेंट्स कौन धोता है? उन्हें देखता ही कौन है... हमारे हॉस्टल में तो कई लड़कियां हफ़्तों नहीं धोती इन्हे', पल्लवी ने मुझे कहा और मुझे गुडबाय किस दिया। उस दिन से ओरल सेक्स से मेरा मन ही उचट गया। एक वो दिन था और एक आज का दिन है अब मेरा ओरल सेक्स करने का दिल ही नहीं करता। और मेरा और पल्लवी का क्या हुआ? वो कहानी फिर कभी! 

पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।

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लेखक के बारे में: अनूप कुमार सिंह एक फ्रीलांस अनुवादक और हिंदी कॉपीराइटर हैं और वे गुरुग्राम में रहते हैं। उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह हेल्थ, लाइफस्टाइल और मार्केटिंग डोमेन की कंपनियों के लिए हिंदी में एसईओ कंटेंट बनाने में एक्सपर्ट हैं। वह सबस्टैक और ट्विटर पर भी हैं।

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Razib beta pahli baar sex karte samay kya karna hai kya nahi karna hai, aur first sex ko kese theek tarah se kiya jaye is bare mein aap yaha detail mein padh lijiye: https://lovematters.in/hi/news/first-time-sex-top-five-facts https://lovematters.in/hi/making-love/virginity/first-time-sex Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain to hamare discussion board “Just Poocho” mein zaroor shamil ho! https://lovematters.in/en/forum
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