एक महिला के मूत्र छेद के चारों ओर, उसकी योनि के ऊपर, एक उत्थानशील ऊतक होता है - कॉर्पस स्पोंगिओसम नाम का - जो वास्तव में आनंद और चरमोत्कर्ष की खान हैI फोरप्ले के दौरान अगर इस क्षेत्र के आसपास उँगलियाँ या जिह्वा को फ़िराया जाए तो वातावरण में काफ़ी गर्मी पैदा होने की आशंका हैI
चिकित्सकीय रूप से, शिश्निका को लिंग का महिला संस्करण माना जाता है। यह एक तरह से तंत्रिकाओं के अंत में मौजूद एक छिपा हुआ खजाना है जहां तंत्रिकाएं समाप्त होती हैं, और खुशी शुरू! महिला के मूत्रमार्ग के ठीक ऊपर मौजूद इस छोटे बटन जैसी चीज़ पर मुख मैथुन करने या लिंग को हलके मारने से एक महिला के अंदर खुशी और प्रसन्नता का भूकंप उत्पन्न हो सकता है!
कभी-कभी निशाना चूकना भी फ़ायदेमंद हो सकता हैI योनि के दोनों तरफ, वेस्टिब्युलर बल्ब होते हैं। उत्तेजना होने पर वे रक्त से भर जाते हैं और भगशेफ की ही तरह ही उत्थानक्षम होने के लायक हैंI कई बार ओर्गास्म होने पर यहां फंसा हुआ रक्त निकल जाता है, जिसके परिणामवश एक महिला को अतुलनीय आनंद की अनुभूति होती हैI
आगे बढ़ते हुए नीचे जाना हमेशा एक अच्छा विचार होता हैI जांघों के अंदरूनी हिस्से में नसों के अंत में एक गठरी होती है और इसी वजह से यह हिस्सा किसी भी प्रकार के संपर्क के प्रति अति संवेदनशील होता हैI अगली बार अपने साथी से ज़रूर पूछ लें कि क्या वो गुदगुदी भरे चरमोत्कर्ष के लिए तैयार है!
एक महिला के शरीर पर जी-स्पॉट, शायद सबसे मशहूर लेकिन साथ-साथ बेहद बदनाम अंग है जिसको रगड़ने भर से ओर्गास्म हो सकता हैI योनि के कुछ 5-7 सेमी अंदर मौजूद उबड़-खाबड़ हिस्से के बारे में माना जाता है कि इसको उत्तेजित करने से महिला को असाधारण यौन सुख की प्राप्ति होती हैI उंगली की मदद लेना बेहतर है लेकिन अगर आप शिश्न के द्वारा जी-स्पॉट को उत्तेजित करना चाहते हैं तो 'डॉगी स्टाइल' और 'काऊ गर्ल' सेक्स मुद्राएं उपयुक्त रहेंगीI
लिंग के नीचे, जहाँ मूठ और मुंड मिलते हैं, एक परत होती हैI मुख मैथुन के दौरान जब उंगलियों से लगातार स्पर्श या जिह्वा से लगातार चूसा जाए तो आपके पुरुष साथी के शरीर में आनंद की सूनामी आ सकती हैI ऐसा इसलिए भी होता है क्यूंकि शरीर के अन्य किसी भी हिस्से की तुलना में इस हिस्से में सर्वाधिक नसें एक दूसरे के आर-पार जाती हैं!
वीर्यकोष पर भी कभी-कभी कुछ प्यार दिखाएं! एक आदमी के अण्डों के मध्य में बहुत सारी परतें होती हैं, निचले हिस्से पर कुछ ज़्यादा होती हैंI अगर इस हिस्से में जीभ का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो आप अपने पुरुष साथी को परीलोक की सैर करवा सकते हैं!
उन ख़ास स्थानों पर जहाँ उनके लिंग का मूठ, अंडकोश से जुड़ा होता है और जहां उसकी अंडकोशिका उसके शरीर से जुड़ी होती है, को जब एक साथ उत्तेजित किया जाए तो आपका साथी बावला हो सकता हैI इस हिस्से को उत्तेजित करने के लिए आप अपनी कल्पना का भी उपयोग कर सकते हैंI आप मोम, गर्म पानी, पंख -किसी का भी उपयोग कर अपने पुरुष साथी को आनंद दे सकते हैं!
बाहर से मजबूत, लेकिन अंदर से गुदगुदी भरे, कान एक पुरुष के शरीर के सबसे सीधे-साधे दिखने वाले 'चरम-स्थान' हैंI उन्हें पुचकारें, दुलारें, काटें, यहाँ तक कि उनमें धीरे से फुसफुसाकर अपनी यौन कल्पनाएं बताएंI आगे क्या होगा, यह आप खुद ही सुन लेंगे, हमारा मतलब जान जायेंगे!
अखरोट के आकार वाली पुरःस्थ ग्रन्थि जो गुदा और अंडकोष के बीच आंतरिक रूप से स्थित होती है, को पुरुषों के लिए जी-स्पॉट कहा जाता है। इसको आप उँगलियों की मदद से गुदा के अंदर ढूंढ सकते हैंI हो सकता है थोड़ा समय लग जाए लेकिन अगर आप इसे ढूंढ पाए तो यह एक 'स्विच' की तरह काम करेगाI जब मज़े चाहिए तो स्विच दबा दोI लेकिन यहाँ कम दबाव से ज़्यादा ख़ुशी मिलेगी तो ज़्यादा दबाने की ज़रुरत नहीं है! यहां तक कि जब वे प्रदर्शन समस्याओं से झूझ रहे हों तब भी आप इसे दबा कर उनकी सम्पूर्ण मनोदशा को ठीक कर सकते हैंI
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लेखक के बारे में: मुंबई के हरीश पेडाप्रोलू एक लेखक और अकादमिक है। वह पिछले 6 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। वह शोध करने के साथ साथ, विगत 5 वर्षों से विश्वविद्यालय स्तर पर दर्शनशास्त्र भी पढ़ा रहे हैं। उनसे लिंक्डइन, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर संपर्क किया जा सकता है।