रवि गुडगाँव कि एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत 24 साल का युवक है।
मैं पिछले एक साल से अपनी काम करने वाली बाई के साथ सेक्स करता रहा हूँ। कामकाज के व्यस्त टाईमटेबल के चलते अधिकतर समय ऑफिस में बीतता है और शायद इसीलिए कभी सामान्य रोमांटिक रिश्ते के लिए न समय मिला और न हौसला।
मेरे वर्जिन होने का असर मेरे आत्मविश्वास पर कुछ ख़ास नहीं पड़ा। मेरे मन में हमेशा से सेक्स के बारे में कल्पनाएं कि। फोरेप्ले, ओरल सेक्स और फिर मदमस्त करदेने वाला सम्भोग, इन् सभी के सपने मैंने देखे। बस एक ही मुश्किल थी, किसी लड़की से पहल करने के नाम से सिट्टी पिट्टी गुल होने लगती थी।
दिलासा देने वाला सेक्स
निशा ने मेरे घर 2 साल पहले सफाई और रसोई का काम करना शुरू किया था। वो शादीशुदा और काफी आकर्षक थी। शुरू में हमारी बातचीत बिलकुल औपचारिक थी जैसे कि आम तौर पर लोगों कि अपने घर काम करने वाली महिला से होती है।
एक दिन मैंने उसे किचन में रोते हुए देखा और पूछने पर उसने मुझे उसके पति के शराब पीकर मारपीट करने कि समस्या के बारे में बताया। मेरा इरादा उसका ढांढस बांधने का था लेकिन थोड़ी ही देर में हम दोनों किस कर रहे थे। और ये कहने कि ज़रूरत शायद नहीं है कि प्राकर्तिक अगला कदम सेक्स ही था। जल्द ही हम हफ्ते में 6-7 बार, कभी कभी दिन में 2 बार सेक्स करने लगे। आखिरकार मुझे अपने व्यस्त रूटीन कि भरपाई भी तो करनी थी।
वेश्यावृति से बेहतर
मैं उसके साथ अलग अलग मुद्राएं और प्रयोग करता हूँ, वो सब जो मैंने पोर्न फिल्मो में देखे थे। मैं महिला के शरीर को अब समझने लगा हूँ और साथ ही अपने सेक्स आनंद को भी। शुरुआत में तो सेक्स कुछ ही देर चल पता था क्यूंकि मेरा स्खलन (वीर्यपात) जल्दी हो जाता था। लेकिन समय के साथ सेक्स बेहतर हो रहा है।
निशा मेरी सेक्स कि ज़रूरत तो पूरी करती ही है, साथ ही वो मुझे मेरे सेक्सुअल प्रदर्शन के लिए निर्णायक नहीं होती। मुझे लगता है कि ये व्यवस्था देह व्यापर से हज़ार गुना बेहतर है। मैं उसे तन्खवाह के अलावा पैसे कि मदद कर देता हूँ और कभी कभी तोहफे भी दे देता हूँ। वो इस सब से संतुष्ट लगती है और उसने कभी मुझसे कोई मांग नहीं कि।
रेप!
मेरा बेस्ट फ्रेंड नवीन इस हकीकत से वाकिफ है। हालाँकि वो स्थिति को समझता है लेकिन उसके अनुसार ये गलत है। "हम पुराने युग में नहीं रेह रहे जहाँ राजा महाराजा अपनी दसियों से साथ सेक्स किया करते थे और उन्हें नतीजे का कोई डर नहीं होता था। निशा के मन में लालच आ सकता है और वो अगेय चलकर तुझे ब्लैकमैल कर सकती है। इतना ही नहीं, अगर वो चाहे तो कल तेरे खिलाफ बलात्कार और सेक्स उत्पीड़न का मामला भी दर्ज कर सकती है।"
सच कहूं तो नवीन कि बात सुनकर थोडा डर तो मेरे मन में ज़रूर आ गया था। मुझे कभी कभी ये ख्याल आता है कि निशा के शराबी पति को हमारी सचाई पता चली तो कहीं वो चाकू लेकर मेरे पीछे न आ जाये। इसलिए मैं थोडा सावधान ज़रूर हो गया हूँ। न मुझे उससे प्यार है और न ही कभी उसने ऐसा कुछ दर्शित किया है। और मैं हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करता हूँ।
मुझे विश्वास है कि हमारी ये व्यवस्था जल्द ही खुदबखुद ख़त्म हो ही जायेगी। लकिन जब तक ये चल रहा है, मैं इससे खुश हूँ। मुझे अपने भविष्य के लिए अच्छा अभ्यास मिल रहा है। सम्भव है कि मैं अर्जित अनुभव से अपनी भावी पार्टनर को सेक्स का अच्छा एहसास दे पाऊंगा!
Additional photo credit: Gamut Stockimages
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