28 साल के अभिषेक दिल्ली में एक एनजीओ के संस्थापक हैं।
बेमेल मैच
मेरे मम्मी पापा चाहते थे कि मैं मैट्रिमोनियल साइट पर अपनी प्रोफाइल बनाऊं। वैसे तो मैं कई सारे डेटिंग एप का इस्तेमाल करता था, लेकिन मैट्रिमोनियल साइट पर प्रोफाइल बनाने में मुझे थोड़ी हिचक हो रही थी। यहां लड़के-लड़कियां सिर्फ़ शादी करने के लिए बात करते हैं, शायद इसी कारण से मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था। हालांकि इसमें कुछ गलत नहीं था लेकिन मुझे यहां शादी के बारे में सीधे-सीधे बात करने में हिचक महसूस हो रही थी।
खैर, एक दिन मैंने एक झटके में सबसे मशहूर मैट्रिमोनियल साइट पर अपनी प्रोफाइल बनायी और अपनी सबसे अच्छी फोटो और बायोडेटा अपलोड कर दिया। क्या शादी का बिगुल बजा फिर? बिलकुल नहीं जी! उल्टा मेरा वास्ता हकीकत से हो गया!
एक दिन मैं एक लड़की की प्रोफाइल देख रहा था। लड़की के परिवार को एक ऐसे वर की तलाश थी जो 50 लाख से 1 करोड़ सालाना कमाता हो। क्या ऐसी उम्मीद सही है? वह भी तब जब फोटो में दिख रही लड़की सालाना 6-7 लाख ही कमाती थी।
मैं सोचने लगा कि वो लड़कियाँ कहां गयी हो हमेशा बराबरी की बातें करती हैं। क्या यह ऐसा नहीं लग रहा, जैसे ज़िम्बाब्वे की टीम विराट कोहली को अपना कैप्टन बनने के लिए कह रही हो? शायद आपको मेरी ये तुलना सही ना लगे लेकिन मैंने भी जो पढ़ा, वो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा।
मुझे लगा ऐसे बेमेल मैच वाले प्रपोजल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इक्का दुक्का ही होंगें, लेकिन नहीं, मैं गलत था। मैंने अखबार के क्लासिफाइड मैट्रिमोनियल विज्ञापन में भी ऐसा ही कुछ देखा। उन्होंने विज्ञापन दिया था कि लड़की फिलहाल सिविल सर्विसेज एक्जाम की तैयार की रही हैं और उसके लिए आईएएस/आईपीएस वर की तलाश है। क्यों भाई? दूल्हा क्या एग्जाम और इंटरव्यू की तैयारी में उसकी मदद करेगा?
आमने-सामने मुलाकात
मैं इस बात से बिल्कुल इनकार नहीं करता कि लड़के वालों की भी लड़की वालों से बड़ी-बड़ी और नाजायज़ उम्मीदें होती हैं। जैसे कि लड़की की उम्र लड़के से कम हो, लड़की लंबी, पतली, गोरी और कामकाजी/घरेलु इत्यादि हो।
मैट्रिमोनियल साइट पर एक लड़की की प्रोफाइल मुझे अच्छी लगी। एक दिन मैंने उससे मिलने का फैसला किया। सबसे अच्छी बात यह थी की हमारी इनकम लगभग बराबर थी। तुम्हारी हॉबी क्या है, तुम कहां पढ़ती हो जैसे कुछ सवाल पूछने के बाद मेरा मन हुआ कि मैं उससे अपने दिल की बात पूछूं।
‘रिया, यह बताओ, लगभग सभी मैट्रिमोनियल विज्ञापनों में मैं यही देखता हूं कि लड़की का परिवार उसके लिए ऐसा वर ढूँढता है जो लड़की से ज्यादा कमाता हो। ऐसा क्यों? मैंने ज्यादा कुछ सोचे बिना ही उससे यह सवाल पूछ लिया।
रिया ने शान्ति से जवाब दिया। उसने मुझे बताया कि वह पिछले साल किसी के साथ डेटिंग कर रही थी लेकिन लड़का उससे कम कमा रहा था और उसका परिवार उनकी शादी के लिए तैयार नहीं था। वह अपने मम्मी-पापी की इकलौती बेटी थी। उसके माता-पिता नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी भविष्य में किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना करे।
इसलिए उसने अपने ब्वॉयफ़्रेंड से रिश्ता तोड़ लिया। हालांकि उसने माना कि लड़का भविष्य में बहुत अधिक कमा सकता था और उसे अब अपने फैसले पर पछतावा है।
हम्म ..अब वो आई थी असली मुद्दे पर, तभी मैंने सोचा मैं तो इसके बराबर ही कमाता हूँ यही मौका है मुझे इससे बात आगे बढ़ानी चाहिए। मैंने उसे बताया कि कैसे एक एनजीओ में काम करने के अपने जुनून के कारण मैंने मोटी तनख्वाह वाली नौकरी ठुकरा दी थी।
मैंने आगे उसे बताया कि जैसा कि उम्मीद ही थी, इस फैसले से मेरा वेतन कम हो गया। लेकिन अब मैं जो कर रहा था उससे मैं बहुत खुश था। हालाँकि, मेरी नौकरी जल्द ही अस्थायी मान ली गई और पहले की तुलना में अब जो रिश्ते अब मुझे मिल रहे थे उसमें इसका असर साफ दिख रहा था।
लेकिन क्या रिया सुन रही थी? उसने अपनी घड़ी देखी और कहा, ‘अंधेरा हो रहा है। मुझे जाना चाहिए।'
उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा
मैंने रिया को कॉल और मैसेज किया लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। मुझे अब यकीन था कि वह या उसके माता-पिता किसी स्थायी नौकरी वाले व्यक्ति की तलाश में होंगे, जो रिया से अधिक कमाता हो! मैं रिया का नंबर अपने मोबाइल से डिलीट करने की सोच रहा था कि तभी रोहन का फोन आ गया। वह मेरा लंगोटिया दोस्त है।
दो साल पहले उसने परी से शादी की थी। वे अक्सर लड़ते थे और फिर रोहन रात में मेरे यहाँ ही रूक जाता और हम दोनों खूब ड्रिंक करते थे। मुझे इस बार भी यही उम्मीद थी। लेकिन रोहन ने जो बताया उससे मुझे शॉक लगा। परी पिछले एक महीने से अब अपने माता-पिता के साथ रह रही थी और उसने तलाक का नोटिस भेजा था।
रोहन ने सुबकते हुए कहा, “भाई, मैंने अपनी आमदनी के बारे में परी और उसके माता-पिता से झूठ बोला। मम्मी और पापा ने मुझ पर अपनी सैलरी के बारे में झूठ बोलने के लिए दबाव डाला था क्योंकि लड़की अच्छी थी। लेकिन उसकी मांग बहुत अधिक है। मेरे क्रेडिट कार्ड के बिल जेब पर भारी पड़ रहे हैं। मैं बर्बाद हो गया हूं भाई।”
मुझे रोहन पर परी से झूठ बोलने पर बहुत गुस्सा आ रहा था। लेकिन मैं अभी उसे डांट नहीं सकता था। यह सही समय नहीं था। मैंने रोहन से कहा, ‘कुछ नहीं होगा भाई। चिंता मत करो। हम इसे संभाल लेंगे। '
बहुत ज्यादा उम्मीदें
एक साल बाद रोहन और परी का तलाक हो गया। यह उसके झूठ बोलने का मामला था और शायद रोहित को अपनी सैलरी छुपाने को लेकर धोखेबाज़ साबित कर दिया गया था। हालांकि, मैं व्यक्तिगत रूप से कई लोगों को जानता हूं जो खुद शर्मिंदगी महसूस करते हैं जब महिलाएं उनसे अधिक कमाती हैं। यहां तक कि वे महिलाओं की कमाई को कम करने और पारंपरिक अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पुरुषों की आय को बढ़ाने के लिए कुछ भी कर जाते हैं।
मेरी चचेरी बहन शालिनी दीदी की शादी कुछ साल पहले हुई थी। वह सागर जीजू से अधिक कमाती थी। शुरू में तो जीजू के परिवार को यह ठीक लगा!)। लेकिन, समय के साथ चीजें बदल गईं। सागर जीजू के दोस्तों और रिश्तेदारों ने उनका मज़ाक उड़ाना शुरू कर दिया, जिससे वह खुद को कमतर समझने लगे। क्योंकि उनकी पत्नी उनसे अधिक कमाती थी।
सागर जीजू ने अपनी मर्दानगी साबित करने के लिए दीदी पर धौंस जमाना शुरू कर दिया। वह उसे फैसले भी नहीं लेने देते थे। यह दिखाने के लिए कि दीदी उनके कंट्रोल में है, उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों के सामने उसे प्रताड़ित करना भी शुरू कर दिया। काश मैं शालिनी दीदी के लिए कुछ कर पाता!
काश, हम परिवार की रोजी रोटी चलाने वाले सभी पुरुषों पर इस सामाजिक दबाव को कम करने के लिए कुछ कर पाते। क्यों नहीं लोग समझ पाते कि अपने पार्टनर से कम कमाने से मर्दानगी कम नही हो जाती हैं। क्या आपको लगता है कि हम पुरुषों से बहुत ज्यादा उम्मीद कर रहे हैं?
पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।
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