आंटी जी कहती हैं- बेटा तू तो डीडीएलजे के शाहरुख खान की तरह बात कर रहा हैी हैं ना? चलो इस पर बात करते हैं।
एक परंपरा
शमित बेटा हमारे सभी भारतीय रीति रिवाज़ और परंपराओं के पीछे कोई न कोई अच्छा कारण जुड़ा होता है। करवा चौथ एक ऐसा त्योहार है जिसमें लड़कियां अपने पार्टनर के लिए पूरे दिन भूखे प्यासे रहती हैं। जिस तरह डीडीएलजे मूवी में काजोल शाहरुख खान के लिए रहती है। सुनने में रोमांटिक लगता है ना?
इस तरह की परंपराएं और रिवाज़ कभी-कभी पार्टनर के साथ संबंध को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। लड़की लड़के के लिए अच्छे कपड़े पहनती है, सजती संवरती है, उसे ख़ास महसूस कराती है और उसके लिए व्रत रखती है और बदले में वह उसे बाहर ले जाता है और कुछ गिफ्ट देता है।
इस तरह जोड़ा एक दूसरे के करीब आता है और यह ज़िंदगी भर के लिए एक यादगार लम्हा बन जाता है।
हालांकि, यह सब सिर्फ़ तभी अच्छा लगता है जब ऐसा करने के लिए किसी को मजबूर ना किया जाए। एक लड़की या कोई भी अपनी मर्जी से व्रत रखने का फ़ैसला करती है। लेकिन जब वह मजबूर होकर व्रत रखती है तो इस त्यौहार का आकर्षण ही ख़त्म हो जाता है।
समय बदल रहा है
शमित बेटा मैं समझ सकती हूं कि करवा चौथ के व्रत का ख्याल तुम्हारे दिमाग में कहां से आया है। तुमने अपनी मम्मी, मौसी और चाची को अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत करते देखा होगा और तुम इसे प्यार जताने का अच्छा तरीका मानते हो। है ना?
पुत्तर हमारी परवरिश ही ऐसी है। मुझे लगता है कि यही वज़ह है कि तुम भी अपनी गर्लफ्रेंड से वही चाहते हो जो तुमने बचपन से देखा या सीखा है।
लेकिन बेटा, समय बदल रहा है। आज सिर्फ़ पुरुष ही घर की रोजी रोटी नहीं चलाते और ना ही सिर्फ़ महिलाओं के ऊपर घर संभालने की जिम्मेदारी रह गयी है। अब इसमें दोनों की मिली जुली भूमिका होती है। इसलिए उनसे हर क्षेत्र में उम्मीद रखनी चाहिए। करवा चौथ सिर्फ़ एक उदाहरण है।
फिर क्यों सिर्फ महिला ही पुरुष के लिए व्रत रखे? तुमने भी यह ज़रूर सुना होगा कि बहुत से लड़के अपनी गर्लफ्रेंड के लिए करवा चौथ का व्रत रखते हैं। है ना?
यह उसकी मर्जी है
चलो मान लो कि तुम्हारे कुछ दोस्तों की गर्लफ्रेंड उनके लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। इसमें उनकी मर्जी है। वह व्रत रखना चाहे या ना चाहे लेकिन आपकी तरफ से कोई दबाव नहीं होना चाहिए।
यदि तुम उससे अपने लिए व्रत रखने के लिए कहते हो तो तुम सच में उसपर दबाव डाल रहे हो। हो सकता है कि वह प्यार जताने के इस पारंपरिक तरीकों को न मानती हो और उसे कोई दूसरा तरीका पसंद हो - वह ज़रूरत पड़ने पर तुम्हारा साथ देना चाहती हो, तुम्हें अपना समय देना चाहती हो, निर्णय लेने में तुम्हारी मदद करना चाहती हो और रिश्ते को लेकर प्रतिबद्ध हो।
क्या यह पूरे दिन भूखे प्यारे रहने से कम महत्वपूर्ण है। जरा सोचो शमित।
प्रेम का कोई प्रमाण नहीं होता
पुत्तर मुझे लगता है कि तुम उससे करवा चौथ का व्रत रखने के लिए इसलिए कह रहे हो क्योंकि तुम इस मानसिकता के साथ बड़े हुए हो कि यही प्यार का प्रमाण है। हम दिल दे चुके सनम और कभी खुशी कभी ग़म जैसी फिल्में इसके लिए दोषी हैं।
लेकिन वास्तविकता फिल्मों से अलग है, तुम इसे समझो। व्रत प्रेम का प्रमाण नहीं है। इसलिए शमित जिस तरह तुम्हें रोज मंदिर जाकर भगवान के प्रति अपने प्यार को साबित करने की ज़रूरत नहीं होती, ठीक उसी तरह तुम्हारी गर्लफ्रेंड को भी भूखे प्यासे रहकर अपना प्यार साबित करने की जरूरत नहीं है। समझे?
अब तुम्हारी बारी
बेटा, अगर तुम करवा चौथ के व्रत में विश्वास रखते हो तो अपनी गर्लफ्रेंड के लिए तुम क्यों नहीं व्रत रखते? अगर तुम उसके लिए व्रत रखोगे तो दो चीजें हो सकती हैं। पहला यह कि वह तुम्हारी बातों, भावनाओं और विश्वास को समझेगी और तुम्हारे इस कदम की तारीफ़ भी करेगी।
और दूसरी चीज यह हो सकती है कि तुम्हें भी एहसास होगा कि पहले पेट पूजा, फिर काम दूजा। तुम्हें लगेगा कि किसी के लिए इतनी देर तक भूखे प्यासे रहना कितना मुश्किल है। हो सकता है कि तुम बीच में ही व्रत तोड़ दो।
अगर तुम उससे बहुत प्यार करते हो तो क्या तुम उससे पूरे दिन भूखे प्यासे रहने और जबरदस्ती व्रत रखने की उम्मीद करोगे?
मैं तुम्हें एक तरीका बताती हूं- तुम करवा चौथ के दिन अपनी गर्लफ्रेंड को उसके पसंदीदा रेस्टोरेंट में डेट पर लेकर क्यों नहीं जाते और उसकी पसंद का खाना खाकर त्योहार क्यों नहीं मनाते? व्रत के कारण इस दिन ज़्यादातर रेस्टोरेंट में बहुत भीड़ भी नहीं होती है।
चलो अब बताओ करवा चौथ के दिन तुम क्या करने जा रहे हो- व्रत या फिर दावत।
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं।
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