अभय जयपुर में रहने वाला 25 वर्षीया मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव है।
मैंने बातों बातों में शायद तारा को गोरी लड़कियों के प्रति अपने आकर्षण कि बात बता दी और कहते ही मुझे आभास हो गया कि मैंने ये शब्द बोल कर मुसीबत मोल ले ली है! अब तक तारा के अनुसार मैं आधुनिक विचारों वाला, फेयरनेस क्रीम का मज़ाक उड़ने वाला व्यक्ति था। लेकिन मेरा ये सच सामने आते ही अचानक मेरी आधुनिक विचारधारा एक 'नाटक' बन गयी। उसे दो और दो चार करने में ज़रा भी वक़्त नहीं लगा। मेरी पसंदीदा हीरोइन गोरी थी, मेरे कंप्यूटर के पोर्न विडियो में गोरी लड़कियां थी और शायद सड़क चलते मेरी नज़र जिन लड़कियों पर ठहरती थी वो भी गोरी ही थी। ये सभी बातें अचानक तारा को एक साथ याद आ गयीं।
'अनछुआ' रंग
आखिरकार मैंने ईमानदारी से गोरे रंग के प्रति अपने आकर्षण को स्वीकार लिया। जब तक तारा कि इस बात पर नाराज़गी नहीं हुई थी, मैंने कभी ये सोचने कि कोशिश नहीं कि थी कि आखिर मेरे इस आकर्षण के पीछे वजह क्या है? मैंने कोई जानबूझ कर तो गोरे रंग के लिए आकर्षण पैदा नहीं किया था, ये प्राकर्तिक रूप से मेरी पसंद बन गया। शायद कई सालों से आसपास के लोगों को कहते हुए सुना था, "वो कितनी गोरी है, कितनी सुन्दर है।"
या फिर शायद टीवी और मैगजीन्स में दिखने वाले इश्तेहार जिनमे गोरी लड़कियों को आत्म्विश्वास से भरा हुआ दिखाया जाता है और सांवली लड़कियों को निराश और नाकामयाब. गोरी त्वचा को इतना साफ़ और अनछुआ प्रस्तुत किया जाता है कि शायद बरबस ही उसे छूने कि इच्छा मन में जाग्रत होने लगती है।
'गोरी' लालसा
मुझे इस बात पर ज़रा भी संदेह नहीं कि मुझे तारा के प्रति आकर्षण है। गोरे रंग को छोड़ कर मेरी पसंद के सभी मापदंडों पर तारा खरी उतरती है। और महत्व्पूर्ण बात ये है कि हम दोनों कि आपस कि समीकरण बहुत ही अच्छी है, और हम एक दुसरे से बेहद प्यार करते हैं।
लेकिन तारा ने कुछ सही सवाल उठाये। जैसे कि क्या सेक्स के दौरान मैं दूसरी गोरी लड़कियों के बारे में सोचता था? क्या मैं उसकी गोरे रंग वाली सहेलियों कि तरह आकर्षित था? क्या मेरे मन में कोई ऐसी लालसा थी जो पूरी करने के लिए मैं तड़प रहा था?
गोरी कल्पनाएं
और जब मैंने इस बारे में सोचा, तो मैनेजना कि सच दरअसल यही था। मेरे मन में एक बार नहीं बल्कि बार बार गोरी लड़कियों के साथ सेक्स करने के ख्याल आते रहे, लकिन मैंने कभी ऐसा करने कि दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। मैं ऐसा करने कि कोशिश कर सकता था लेकिन तारा के लिए मेरे मन में जो प्यार था, उसने मुझे कभी ऐसा करने नहीं दिया।
"अगर किसी दिन तुम अपनी इच्छा पर काबू न रख पाये तो?" तारा ने गुस्से में मुझसे पूछा। और मेरे लाख समझने के बावजूद उसे मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ कि मैं ऐसा नहीं करूँगा।
'भारी भूल'
हम अभी के लिए एक दुसरे से नहीं मिलेंगे। "अगर हम मान भी लें कि तुम मुझे धोखा नहीं दोगे तो भी तुम्हारे मन में ये मलाल हमेशा रहेगा कि तुम अपनी पसंद के लड़की के साथ नहीं हो। इस बात कि भड़ास हमारे रिश्ते पर देर सवेर ज़रूर निकलेगी। अगर वक़्त ने हमें साथ लेन का फैसला किया होगा तो हम फिर मिलेंगे। लेकिन अभी के लिए हमारे बीच कुछ नहीं है," तारा ने आखिरी मुलाकात में कहा।
मुझे बिलकुल अंदाज़ा नहीं था कि मेरी छोटी सी परिकल्पना मेरे गहरे रिश्ते को इतना नुक्सान पहुंचा सकने में सक्षम थी। मेरे दोस्तों को आज भी लगता है कि रिश्ते के ख़त्म हनी कि वजह सही नहीं थी। मुझे हर दिन अपराध बोध होता है और ये अफ़सोस भी कि मुझे तारा जैसी अच्छी लड़की कभी नहीं मिलेगी।
हालाँकि मेरे चचेरे भाई आशीष कि सलाह आज के दिन मुझे सबसे ज़यादा\व्यवहारिक लगती है," बाद में पछतावा करने से अच्छा है अलग हो जाना। तुम दोनों इस हालत में खुश नहीं रह पाते। अगर मेरी मानो भाई तो अपने दिमाग से गोरे रंग का फितूर एक बार में हमेशा के लिए निकाल दो। और ऐसा करने के लिए जाओ अपने अरमान किसी गोरी लड़की के साथ पूरे कर लो। और अगर फितूर उतर जाये तो तारा को सच्चे दिल से वापस बुला लेना, वो ज़रूर आ जायेगी।"
इस तस्वीर में अभय नहीं है।
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