पाखी, 24, अमृतसर में एक छात्रा है।
मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
सब कुछ तब शुरू हुआ जब मेरे कॉलेज के क्रश ध्रुव ने मुझे इंस्टाग्राम पर मैसेज किया, और मैं खुशी से झूम उठी। हमने बिना थमे बातें की, अपनी रुचियाँ, पसंदीदा फिल्में और सपने साझा किए। कुछ हफ्तों इस ऑनलाइन चैट के बाद, उसने पूछा, "क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?" क्योंकि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था, तो मैंने उत्सुकता से हां कह दी।
हमारा रिश्ता शुरू हो गया था। हम रोज़ कॉलेज में और फिर शाम को ट्यूशन क्लासेज में मिलते थे, और दिन भर हमारे फोन बजते रहते थे। यह सपनों की तरह था। लेकिन ऐसे कई कहानियों में होता है, जहां कुछ अच्छा शुरू होता है और फिर कुछ अनदेखी बातें सामने आती हैं।
सब छोटी-छोटी बातों से शुरू हुआ - शुरुआत में तो यह सब मौजमस्ती की तरह लगता था। वह मुझ पर हँसता जब मुझे फुटबॉल से जुड़े किसी शब्द का मतलब नहीं समझ आता या सोशल मीडिया के कुछ मीम्स को समझने में देर लगती। पहले तो मैंने नज़रअंदाज़ किया, सोचा कि यह सब मजाक है। हालांकि ये दिखने में छोटी बातें थीं, धीरे-धीरे मुझे यह सब बातें मेरे दिमाग में बैठ गयी।
क्या मैं सच में इतनी बुद्धू थी?
जब भी मेरे मन में किसी चीज़ को लेकर सवाल होते या मेरे को कोई बात समझ नहीं आती तो वह मुझ पर हँसता और मुझे बेवकूफ और नालायक बोलता। मुझे लगा ऐसे ही प्यार से कहता है। जब मेरे कुकिंग अकाउंट पर 5,000 फॉलोवर्स हो गए, तो उसने बोला - अरे यह कोई ख़ास बात नहीं है - किसी के भी हो जाते हैं आजकल; इतना क्यों खुश हो रही हो!
मेरे लक्ष्यों के साथ भी ऐसा हुआ; जब मैंने उसे बताया की मैं वकील बनना चाहती हूँ तो उसने मुझे एक मीम भेजा - जिस पर लिखा था - तुम से न हो पायेगा! ये सब छोटी छोटी बातें थी लेकिन इन्होंने मेरे स्वाभिमान पर बहुत असर डाला।
धीरे-धीरे, मैं उसके सामने चुप रहने लगी।मुझे उससे बात करने से ही डर लगने लगा। मैं किसी भी ग्रुप से दूर रहने लगी, यह मानकर कि मेरी बात का कोई फायदा नहीं होगा, मैं तो गलत हे बोलती हूँ। मैं स्पर्धाओं से बचती और अपनी क्षमताओं को हमेशा कम मानती रही। धीरे धीरे मैं अपने और नजदीकी दोस्तों से भी दूर होने लगी।
तभी मेरी बहन ने मेरे मूड में हुए परिवर्तन को नोटिस किया और मेरे से बात की मैंने उसे सब कुछ बता दिया, और हमारी बहुत देर बातचीत हुई। उसने मुझे समझाया कि मेरा ध्रुव के साथ रिश्ता एक स्वस्थ रिश्ता नहीं है। जब तुम्हारा पार्टनर तुम्हे हर बात पर नीचा दिखाए और छोटी छोटी बातों पर तुम्हारा मज़ाक बनाये, तो यह मानसिक स्वस्थ के लिए ठीक नहीं है और ऐसा रिश्ता टॉक्सिक रिश्ता भी कहलाता है, उसने मुझे बताया।
अपने पहले पहले प्यार से ब्रेकअप?
उस बातचीत के बाद मैंने ध्रुव के साथ रिश्ते को तोड़ देने का कठिन निर्णय लिया। यह मेरी आत्म-मूल्य और आत्म-सम्मान को वापस पाने की ओर मेरा पहला कदम है। मुझे पता है कि मुझे अपना खोया हुआ कॉन्फिडेंस फिर से वापिस लेन के लिए समय लग सकता है, लेकिन मैंने खुद से वादा किया है: मैं किसी को भी अपने आप को नीचा नहीं दिखाने दूंगी।
मैं आज सभी लड़कियों से बस यही बात कहना चाहूंगी - अपने आप को काम मत समझो और अपने कॉन्फिडेंस को कभी गिरने मत देना! किसी को भी कोई हक़ नहीं बनता की वह तुम्हे नीचे दिखाए या तुम्हे यह बताये की तुम कुछ कर सकती हो या नहीं। मज़ाक और दिल दुखाने में फर्क होता है। और जिस रिश्ते में पार्टनर तुम्हारा दिल दुखाये - उस रिश्ते से ज़्यादा देर किये बिना निकल जाना चाहिए।
तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।नाम बदल दिए गए हैं।
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