दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली 23 वर्षीय पूजा ने पार्टनर्स इन लॉ डेवलवमेंट को अपनी आपबीती सुनायी।
प्यार करने के लिए कोई ज़गह नहीं थी
लुधियाना के एक छोटे से शहर की रहने वाली पूजा बताती हैं कि जब मैं पहली बार दिल्ली आयी तो बहुत उत्साहित थी। मैं अपने कॉलेज के पास ही एक पीजी में रहने लगी और दिल्ली जैसे बड़े शहर की जीवनशैली में जल्द ही ढल गयी। पूजा बताती हैं कि दिन ढलने के बाद हम पीजी से बाहर भी नहीं जा सकते थे। पीजी की सभी लड़कियों को वहां का यह नियम मालूम था। शाम 8 बजे के बाद पीजी के गेट में ताला लग जाता था।
वैसे तो सुहास से मेरी मुलाक़ात शुरुआती कुछ महीनों में ही हो गयी थी लेकिन हमें एक दुसरे को समझते जानते एक साल लग गया और फिर हमने एक दूसरे को डेट करना शुरू कियाI हम दोनों एक हे क्लास में थे और क्लास के अन्य जोड़ो की तरह हमें भी प्यार करने के लिए ऐसी कोई जगह नहीं मिलती थी जहां हम बिना किसी शर्म के एक दूसरे को प्यार कर सकें और जहाँ हमें कोई टोकने वाला ना होI हमारा कोई ऐसा दोसर नहीं था जिसके कमरे पर हम जा सकें और होटल का खर्च हम दोनों की जेब नहीं उठा सकती थीI ऐसे तो चोरी छिपे हम एक दूसरे को किस कर लेते थे लेकिन अब हम किस के अलावा भी बहुत कुछ करना चाहते थे और इसके लिए हमें सिनेमा हॉल जाना पड़ता था।
एक दिन सुहास के दिमाग में एक आइडिया आया और वह चोरी छिपे हॉस्टल की दीवार चढ़कर मेरी बालकनी में आ गया। हालांकि इसके बहुत ख़तरे थे लेकिन अगले कुछ दिनों तक हमनें इसी तरह मिलने का फैसला किया और हम इसमें कामयाब भी रहे। आख़िर हमें एक ऐसी जगह मिल ही गयी जहां हम एक दूसरे के साथ सेक्स कर सकते थे। हमारे ये अच्छे दिन करीब तीन महीनों तक चले।
रंगे हाथ पकड़े गए
एक रात पीजी की सुपरवाइजर ने सुहास को दीवार पर चढ़ते हुए देख लिया। पहले तो उन्हें लगा कि कोई चोर है लेकिन वह जल्द ही समझ गयीं कि वह मेरे कमरे में आने की कोशिश कर रहा था। वह काफी गुस्से में थी। हमने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश कि हमने ऐसा पहली बार किया है और आगे से ऐसा नहीं करेंगे। लेकिन उन्होंने हमारी एक न सुनी और सीधे मेरे मम्मी पापा को फोन कर दिया।
इसके बाद मुझे तुरंत घर बुला लिया गया और पेरेंट्स ने कहा कि अब वे मुझे दिल्ली वापस नहीं भेजेंगे और ना ही सुहास से दोबारा मिलने देंगे। मेरे बहुत माफ़ी मांगने और गिड़गिड़ाने के बाद जाकर वो किसी तरह मुझे दोबारा दिल्ली भेजने के लिए राज़ी हुए। मैंने उनसे वादा किया कि मैं सुहास से दोबारा कभी नहीं मिलूंगी। वे मान तो गए लेकिन मेरी मम्मी मेरे साथ ही दिल्ली आयीं।
मेरी मम्मी बहुत सख्तमिजाज थीं और हर समय मेरे ऊपर निगरानी रखती थी। हमेशा उनकी नज़रें मेरे फोन पर ही लगी रहती लेकिन मैं किसी तरह सुहास से बात करने में कामयाब रही और रोजाना चोरी छिपे कुछ देर उससे बातें कर ही लेती थी। दिन प्रतिदिन चीजें मेरे लिए और मुश्किल होती जा रही थीं और एक दिन मैंने सुहास को सब कुछ बता दिया। अब मैं उसके साथ ब्रेकअप करना चाहती थी।
नीचे के वीडियो में देखें पूजा की कहानी उन्हीं की ज़ुबानी
रिश्ता ख़त्म करना पड़ेगा
अगर मेरे मम्मी पापा को इस बात की जरा भी भनक लग जाती कि मैं अभी भी सुहास से बात करती हूं तो वे बिना सोचे समझे मेरे कॉलेज जाने पर ही पाबंदी लगा देते। मैंने सुहास को यह समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माना। इसलिए मैंने ख़ुद ही उससे मिलना जुलना बंद कर दिया।
लेकिन सुहास ऐसा नहीं चाहता था, वह पूरी रात मुझे मैसेज करता और मेरे ऊपर हक जमाने की कोशिश करता। यदि मेरा नंबर किसी वजह से व्यस्त रहता तो ताने मारता कि तुम्हें दूसरों से बात करने की फ़ुर्सत है लेकिन मुझ से दो मिनट बात करने में तुम्हे नानी याद आ जाती हैI बॉलीवुड के हीरो की तरह कभी-कभी वह मेरे पीजी के बाहर पूरी रात खड़ा रहता, यहां तक कि जब मेरी मम्मी पीजी में थीं तब भी।
एक दुखद अंत
सुहास ने मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज भेजना शुरू कर दिया जिसमें लिखा होता था कि ‘मैं खुद को मार डालूंगा।’ शुरू में मैंने सोचा कि हम अलग हो गए हैं शायद वह इसलिए ऐसा कर रहा है और समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसने अपनी कलाई काटकर एक फोटो भेजा।
मेरे लिए यह बहुत ही ज्यादा डरावना था और मैं एकदम सदमें में आ गयी। मैंने उसके दोस्तों को फोन लगाया और उनसे विनती की कि इससे पहले वो अपने साथ कुछ ग़लत ना कर ले, वो लोग उसके पास चले जाएI उस घटना के बाद सुहास पूरी तरह से टूट गया था। अपनी पढ़ाई पूरी करे बिना ही वो वापस अपने घर चला गया।
उस दिन के बाद से मैंने आज तक सुहास से बात नहीं की लेकिन इस रिश्ते की कड़वी यादें मुझे ज़िंदगी भर याद रहेंगीI
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर के लिए मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
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