आंटी जी कहती हैं... और पुत्तर सेक्स के लिए पहल करने की ज़िम्मेदारी तो सिर्फ़ एक लड़के की ही होती हैं ना?
दकियानूसी बातें
बेटा जी मुझे तो समझ ही नहीं आता कि तुम लोगों की समस्या क्या है? वैसे तो तुम नए ज़माने की बातें करते हो और बड़े ही 'कूल' बनते हो लेकिन जब प्यार और सेक्स की बात आती है तो वही सदियों पुरानी दकियानूसी सोच तुम लोगों को याद आ जाती हैI अब भला यह क्या बात हुई?
लेकिन अच्छी खबर यह है कि तुझे भी इस बात का एहसास है कि तुम लोगों के लिए भी चीज़ें इतनी आसान नहीं है जितनी कि नज़र आती है - सबसे अलग चलना अब होता तो मुश्किल हीI
सबका नज़रिया
तू जानती है कि उससे यह बात कहना इतना मुश्किल क्यों लग रहा है? क्यूंकि हम डरते हैंI डरते हैं यह सोचकर कि लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगेI वो यह तो नहीं सोचेंगे कि मैं कितनी चालु हूँ? और बस यही डर तुझे तेरे हक़ से दूर रख रहा हैI हाँ पुत्तर, शानदार सेक्स तेरा हक़ है और उसे तुझसे कोई नहीं छीन सकताI
संवाद और सहमति
तो पुत्तर यह लाज शर्म को ज़रा ताक पर रखI सीधा अपने मतलब की बात पूछI नहीं समझी? मतलब यह कि उसके साथ साफ़ शब्दों में अपनी यौन इच्छाओं के बारे में बात करI तुम दोनों का आपस में बात करना इसलिए भी ज़रूरी है क्यूंकि सेक्स के लिए तुझे उसकी सहमति और सहयोग, दोनों की ज़रुरत है! उससे बात कर और उसे बता कि वो तुझे कितना सेक्सी लगता है और तू उसे कितना चाहती हैI
उसे बता कि तुझे इस रिश्ते में सेक्स की कमी खल रही हैI और यह भी कि तू उसके लिए तैयार है (तैयार है ना तू? बस यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लेना) फ़िर देखते हैं कि अपना शर्मीला हीरो क्या कहता है!
अब हम आते हैं एक बड़े मुद्दे परI अपना हीरो, हीरा होगा अगर वो तेरी बातें सुनकर कहता है, "याहू बेबी, मैं जाने कब से यह करने और सुनने के लिए मरा जा रहा थाI तो फ़िर तुम्हारे घर या मेरे घर?" लेकिन अगर उसकी सोच थोड़ी अलग हैI जैसे कि वो बोले, 'यह कैसे हो सकता हैI तुम ऐसी बातें कैसे कर सकती हो? एक लड़की का ऐसी बातें करना शोभा नहीं देताI" तो सेहर पुत्तर तुझे एक और चीज़ के बारे में सोचना पड़ेगा - तुझे पता है ना की मेरा इशारा किस तरफ़ है?
किसी को भी अपने बारे में राय नहीं बनाने दो
बेटे जान मैं यह नहीं कह रही कि शादी से पहले सेक्स करना 'कूल' हैI यह इस बारे में है कि लोग इस बारे में क्या सोचते हैंI क्या तेरे यह कहने से तुझे किसी ख़ास 'श्रेणी; में डाला जा रहा है? या फ़िर तेरा साथी यह कह रहा है कि मैं इसके लिए अभी तैयार नहीं हूँI अगर दोनों में से कोई भी साथी यह कहता है कि वो अभी पूरी तरह तैयार नहीं है तो यह फ़िर भी सही हैI लेकिन अगर लड़का यह बोले कि तुम वैसी लड़की नहीं हो जैसी मैंने सोचा था, अब मैं तुम्हे अपनी माँ से कैसे मिलवाऊंगा? तो उसके जवाब में तू भी यही कहना, "भाई मुझसे गलती हो गयी, तू भी वैसा नहीं है जैसा कि मैंने सोचा था!
'सोलहवी सदी की सदमावती' मत बनो- भगवान् के लिए! अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीखोI फ़िर चाहे वो लड़ाई मेट्रो मैं अपनी सीट को लेकर हो या फ़िर सेक्स के दौरान अपनी इच्छाओं के बारे में हो - दोनों ही सही हैं पुत्तरI वैसे भी दिल्ली की सर्दी बड़ी ही कड़ाके की होती है पुत्तरI अब यह फैसला तुझे करना है कि उसे मिटाने के लिए तूने स्वेटर पहनना है या फ़िर तेरे बॉयफ्रेंड को कंडोमI क्यों सेहर पुत्तर, सही है ना?
नाम बदल दिए गए हैं। यह लेख पहली बार 14 दिसंबर, 2017 को प्रकाशित हुआ था।
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