आप अपने दोस्तों के साथ फिल्म देखने जाना चाहते हैं लेकिन आपको इस बात की चिंता सता रही है कि जब वह ऑफिस से लौटकर घर आएगा या आएगी तो उसके लिए डिनर कौन बनाएगा? इसलिए आप अपना प्लान रद्द कर देते हैं और घर पर रूक जाते हैं। ख़ास बात यह कि आपने ऐसा पहली बार नहीं किया हैI
हालांकि यह भी सच है कि आपके पार्टनर का आपके जीवन में एक विशेष स्थान है लेकिन अपने पार्टनर को अपने जीवन की एकमात्र प्राथमिकता बनाना कई बार ना सिर्फ़ आपके लिए बल्कि आपके साथी के लिए भी जोखिम भरा हो सकता हैI किसी एक व्यक्ति का आदी होना उस समय चिंता का एक बड़ा कारण बन सकता है जब एक दूसरे से अनबन हो जाती है।
क्या आपको लगता है कि अक्सर आपकी नज़र अपने पार्टनर के फोन पर लगी रहती है? क्या आप अपने पार्टनर को उस व्यक्ति से बात करने के लिए मना करते हैं जिसे आप पसंद नहीं करते हैं? क्या आप अपने पार्टनर को बिना किसी ख़ास वज़ह के ऐसी जगह पर जाने के लिए महज इसलिए मना करते हैं क्योंकि आपका उस ज़गह से ख़राब अनुभव जुड़ा हुआ है।
यह एक दूसरे पर निर्भर रहने का एक छोटा रूप है। अधिक हावी होने की आदत, आत्मविश्वास की कमी और सीमा रेखा तय करने वाले लोग अक्सर अपने पार्टनर से अनुचित मांग कर बैठते हैं। इसे मनोवैज्ञानिक हिंसा भी कहा जा सकता है।
किसी दिन आप ऑफिस से थककर देर से घर लौटते हैं और आप बाहर से खाना ऑर्डर करना चाहते हैं। लेकिन आपका पार्टनर आपसे मूवी देखने चलने के लिए कहता है। आप उसे मना करना चाहते हैं लेकिन आप इस डर से उसे मना नहीं कर पा रहे हैं कि वह नाराज़ हो जाएगा या उसका मूड खराब हो जाएगाI
“ना “ कहना ऐसे लोगों के लिए और तनावपूर्ण होता है जो दूसरों पर पूरी तरह निर्भर होते हैं। वे आमतौर पर अपने पार्टनर की मांग को पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं और अक्सर अपनी इच्छाओं से भी समझौता करते हैं।
आपके पार्टनर ने कोई ऐसी शर्ट पहनी है जो आपको पसंद नहीं है, क्या आप उसे इसके बारे में बताते हैं? यह कहने की बजाय कि इस शर्ट का रंग आपको पसंद नहीं है आप ऐसा दिखावा करते हैं कि सब ठीक है।
अपने पार्टनर पर निर्भर रहने वाले लोगों को तब बहुत मुश्किल होती है जब उन्हें यह बताना पड़ता है कि वे कैसा महसूस करते हैं। सच बताने में उन्हें इस बात का डर होता है कि कहीं वे अपने पार्टनर का मूड ना ख़राब कर दें। जब आप अपने पार्टनर के डर में जीते हैं आपसी बातचीत बहुत झूठी होती है।
आप एक गृहिणी हैं और आपका पार्टनर आगे पढ़ाई करना चाहता है। वह चाहता है कि आप नौकरी करें ताकि वह अपनी उच्च शिक्षा पूरी कर सके। लेकिन आप नौकरी करने में सक्षम नहीं हैं और अपने पार्टनर की आगे पढ़ाई करने की इच्छा को पूरा ना करने के पीछे खुद को दोषी मानती हैं?
यह याद रखना ज्यादा महत्वपूर्ण है कि एक दूसरे पर निर्भर रहने वाले रिश्तों में अपने पार्टनर के डर या धमकी के कारण उसकी हर बात मानना ज़रुरी नहीं है। ज्यादातर मामलों में लोग ऐसा ख़ास ज़रुरत पड़ने पर करते हैं और यह ख़ास ज़रुरत प्यार और स्नेह से पैदा होती है।
हालांकि कई मामलों में लोग अपने पार्टनर की अनुचित और कभी-कभी अनैतिक मांगों को पूरा करने में असफल होने पर ख़ुद को नाकाम मानने लगते हैं और अधिक
अपराधबोध और मानसिक आघात से ग्रसित हो जाते हैं। जब एक व्यक्ति अपने पार्टनर की अनुचित मांगों को पूरा करने की कोशिश करता है तो वह अपने विवेक और आत्मविश्वास को भी कमजोर करता है।
याद रखें, एक स्वस्थ रिश्ते का अर्थ आपसी सम्मान, साझेदारी और एक दूसरे के प्रति सम्मान और ईमानदारी है। यदि आप यह सोचते हैं कि आपका पार्टनर आपकी इज्जत नहीं करता है और रिश्ते को बनाए रखने के लिए उस तरह से कोशिश नहीं करता है जैसा आप करते हैं तो आपको उससे इस बारे में बात करनी चाहिए।
गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
क्या आप भी अपने पार्टनर पर हद से ज्यादा निर्भर हैं? नीचे टिप्पणी करके हमें बताएं या हमारे फेसबुक पेज पर लव मैटर्स (एलएम) के साथ उसे साझा करें। यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर एलएम विशेषज्ञों से पूछें।
लेखक के बारे में: मुंबई के हरीश पेडाप्रोलू एक लेखक और अकादमिक है। वह पिछले 6 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। वह शोध करने के साथ साथ, विगत 5 वर्षों से विश्वविद्यालय स्तर पर दर्शनशास्त्र भी पढ़ा रहे हैं। उनसे लिंक्डइन, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर संपर्क किया जा सकता है।