मैं अस्वस्थ हूं (पेट में दर्द / सिरदर्द), लेकिन मुझे कोरोना वायरस इन्फेक्शन नहीं है। आज मेरी वैक्सीनेशन (टीकाकरण) के लिए अपॉइंटमेंट है, क्या मैं जा सकता हूं?
अगर आप ठीक महसूस कर रहे हैं (और कोरोना जैसे कोई लक्षण नहीं हैं) तो वैक्सीन लगवा सकते हैं। लेकिन, यदि आपको शक है कि आप कोरोना वायरस पॉजिटिव किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और आपको तेज बुखार, लगातार खांसी, गंध या स्वाद में परिवर्तन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो वैक्सीन बुक करने से पहले लक्षण शुरू होने के बाद 4 हफ्तों तक इंतजार करें।
यदि कोई व्यक्ति कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन आदि बीमारियों की दवा ले रहा है, तो क्या वह कोविड -19 वैक्सीन लगवा सकता है?
हां, दरअसल, ऐसे व्यक्तियों को जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी या समस्या (कोमोरबिडिटी) है उन्हें ज्यादा जोखिम रहता है। उन्हें टीका जरूर लगवाना चाहिए।
किन लोगों को वैक्सीन लगवाने से परहेज करना चाहिए?
यदि आप कोविड -19 से संक्रमित हैं और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है और आपको एंटीबॉडी (बीमारियों से लड़ने में मदद वाला प्रोटीन) थेरेपी दी जा चुकी है, तो आपको वैक्सीन लगवाने के लिए कम से कम 90 दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा।
कैंसर या ट्यूमर जैसी कुछ अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी एंटीबॉडी थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे व्यक्तियों को वैक्सीन लेने या न लेने की से जुड़ी सलाह के लिए अपने डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए।
मैं गर्भवती हूं, क्या वैक्सीन मेरे लिए सुरक्षित है?
हां, यदि आप गर्भवती हैं, तो आप अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने के बाद वैक्सीन लगवाने का निर्णय ले सकती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, यह कहना जल्दबाजी होगी कि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने से अधिक खतरा हो सकता है। वैक्सीन से जुड़े विशेष जोखिमों की पहचान करने के लिए और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।
एजेंसी का कहना है कि ऐसी गर्भवती महिलाएं को कोरोना वायरस का खतरा अधिक है जो स्वास्थ्यकर्मी हैं और जिन्हें पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या अन्य ऐसी गंभीर बीमारियाँ हैं। ऐसी परिस्थितियों में पीड़ित महिलाओं को अपने डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही वैक्सीन लगवाना चाहिए।
शुरूआती शोधों में भ्रूण के विकास पर वैक्सीन के किसी भी नकारात्मक प्रभाव का संकेत नहीं मिला है।
अमेरिकी सरकार की केंद्रीय स्वास्थ्य एजेंसी, सीडीसी, के अनुसार वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित है और हाल ही में हुई एक स्टडी के अनुसार यह वास्तव में वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी (बीमारियों से लड़ने में मदद वाला प्रोटीन) देकर भ्रूण की सुरक्षा करने में मदद करता है।
हालांकि, कुछ अध्ययनों से यह भी कहा गया है कि यदि गर्भवती महिला को पहले से कोई बीमारी (कोमोरबिड समस्या) नहीं है और वह मास्क पहनकर, नियमित हाथ धोकर और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर अपना बचाव कर सकती है, तो उसे बच्चे के जन्म के बाद ही वैक्सीन लगवाना चाहिए।
मैं स्तनपान कराती हूं, क्या वैक्सीन मेरे लिए सुरक्षित है?
अमेरिकन जर्नल ऑफ गाइनेकोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक हालिया शोध से पता चलता है वैक्सीन लगवाने के बाद एंटीबॉडी (बीमारियों से लड़ने में मदद वाला प्रोटीन) माँ के दूध में पहुँच जाते हैं और वहां से बच्चे के शरीर में आते हैं। हालांकि, इस शोध में कम संख्या में लोग शामिल हुए और स्तनपान से शिशुओं पर वैक्सीन के प्रभाव को जानने के लिए आगे अभी और शोध करने की जरूरत है।
मैं गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही हूं, क्या मुझे वैक्सीन लगवाना चाहिए?
वर्तमान में ऐसा कोई शोध या अध्ययन नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि हाल के कोविड -19 वैक्सीन सहित कोई भी टीके, प्रजनन संबंधी समस्याएं पैदा करते हैं।
बच्चों को कब टीका लगाया जा सकता है?
अभी वैज्ञानिक बच्चों पर टीके की सुरक्षा और प्रभाव का आकलन करने के लिए क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं। शोधकर्ता अभी भी बच्चों के लिए सही खुराक खोजने पर काम कर रहे हैं।
क्या वैक्सीन लगवाने से रूटीन हेल्थ चेकअप या ब्लड टेस्ट प्रभावित होता है?
अमेरिकन जर्नल ऑफ रोएंटजेनोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार वैक्सीन लगवाने के बाद महिलाओं के मैमोग्राम की गलत पॉजिटिव रिपोर्ट आने की कई ख़बरें देखी गई हैं।
वैक्सीन लगाने के बाद महिलाओं ने अपने मैमोग्राम में आर्मपिट (कांख) में बढ़े हुए लिम्फ नोड्स देखे। महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे कोविड-19 का वैक्सीन लगवाने की तारीख से चार से छह हफ्ते बाद रूटीन चेकअप और मैमोग्राम स्क्रीनिंग कराएं।
अगर कोई पहले से दवाई ले रहे हो किसी बीमारी के लिए तो क्या वो वैक्सीन ले सकते हैं?
ऐसे व्यक्ति, जो अन्य बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप/ब्लड प्रेशर, शुगर, थायराइड आदि के लिए दवाएं ले रहे हैं, उनको कोरोना होने का खतरा ज़्यादा है। एक स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तुलनात्मक रूप से कम होती है। उन्हें टीकाकरण अवश्य और जल्द करवाना चाहिए। आपके द्वारा ली जाने वाली दवाएं टीके के असर को प्रभावित नहीं करती हैं।