* 25 साल की आकृति मुंबई में मीडिया प्रोफेशनल हैं।
घर आ जाओ
हिमांशु और मैं इस बारे में बात कर रहे थे कि अपने मनमाफिक रोमांटिक पार्टनर ढूंढना कितना मुश्किल होता है। मैंने थोड़ा अफ़सोस जताते हुए कहा कि मैंने अभी तक किसी दूसरे मर्द के साथ सेक्स भी नहीं किया है।
तब उसने कहा कि अरे ‘ऐसी बात है तो कभी घर आ जाओ’ और उसकी बात सुनकर मैं बहुत जोर से हंसी। वह भी हंस पड़ा। हम दोनों को इसका मतलब पता था।
यह सोचकर ही मेरी धडकनें बढ़ गयी। हम दोनों पिछले दो साल से एक अच्छे दोस्त थे लेकिन अब जाकर हम सेक्स के बारे में बात कर रहे थे।
हिमांशु करीब एक दशक से यौन रुप से सक्रिय था लेकिन मैं पहली बार किसी के साथ संभोग करने जा रही थी। मेरी उम्र भी तकरीबन 20-22 साल थी।
मैं पहले किसी ख़ास शख्स के साथ सेक्स करने के बारे में सोचा करती थी लेकिन अंदर ही अंदर उसके साथ भी हमबिस्तर होने की इच्छा थी। हम दोनों स्टेशन गए और अलग अलग ट्रेन से अपने घर पहुंचे।
वह दिन आ गया
हम दोनों अपने परिवार के साथ रहते थे, इसलिए हम जो करना चाहते थे, वास्तव में वह करना काफी कठिन था। लेकिन हम मैसेज से एक दूसरे से बात करते रहे और अक्सर इसकी योजना भी बनाते रहे।
सर्दियों का पूरा मौसम तो मैसेज भेजने और इंतजार में ही गुजर गया। मार्च में एक रात उसने मुझे बताया कि उसका परिवार अगले दिन कहीं जाने वाला है। तो हमने फ़ैसला किया, यही सही समय है! मैंने उस पूरी रात उसके साथ व्हाट्सएप पर चैट किया।
उसने मुझसे कहा कि मुझे पता है कि पहली बार संभोग करना तुम्हारे लिए तकलीफदेय हो सकता है, लेकिन इसे आसान बनाने के तरीके हैं और मैं कुछ लुब्रिकेंट खरीद सकता हूं।'
वैसे तो यह बहुत सेक्सी सोच थी लेकिन ज़्यादा अच्छा मुझे इस बात का लगा कि उसे मेरी परवाह है।
हम दोनों ने अगले दिन काम से छुट्टी ले ली और मैं अगली सुबह एक घंटे के सफ़र के बाद उसके घर पहुंची।
क्या होगा अगर?
उसके घर पहुँचने से ठीक पाँच मिनट पहले मैं सब चीजें सोचकर घबराने लगी। अगर उसके पास कंडोम न हुआ तो क्या होगा? अगर मैं गर्भवती हो गयी तो क्या होगा?
मैंने ऑटो रिक्शा एक मेडिकल स्टोर पर रुकवाया और वहां से कंडोम और लुब्रिकेंट की बोतल खरीदने अंदर गयी। मैं यह सब पहली बार कर रही थी और मेडिकल स्टोर के पुरुष कर्मचारियों से यह सब मांगने का एक अलग अनुभव रहा।
किसी महिला के मुंह से कंडोम शब्द सुनना अब उन्हें उतना अजीब नहीं लगा क्योंकि वे पहले भी ऐसा सुन चुके होंगें। लेकिन सबसे ज़्यादा मुश्किल तब हुई जब उन्हें यह बताना पड़ा कि मुझे लुब्रिकेंट चाहिए जिसका उपयोग यौन क्रियाओं में किया जाता है।
मैंने आखिरकार एक कंडोम कंपनी के ब्रांड का नाम भी बताया जो लुब्रिकेंट भी बनाती है, और तब जाकर उन्हें मेरी बात समझ आयी। कंडोम खरीदने के बाद मैंने राहत की सांस ली और मेडिकल स्टोर से बाहर आ गयी।
बाकी रास्ते में मुझे ऐसा महसूस होता रहा जैसे मैं अपने बैग में गोला-बारूद लेकर जा रही हूं। मुझे ऐसा लग रहा था कि सारी दुनिया मुझे ही देख रही है जैसे कि मेरा बैग पारदर्शी हो और सबको ये लग रहा हो कि मैं सेक्स करने जा रही हूं। जैसे तैसे करके मैं जल्दी से उसके घर पहुंची।
दोहरी तैयारी
हम कुछ देर तक इधर उधर की बातें करते रहे। फिर उसने टीवी पर कुछ गाने चलाए और मेरे सामने घुटनों पर बैठ गया।
क्या अब हमें शुरू करना चाहिए? ' उसने पूछा
उसके होंठ मेरे होठों पर थे जैसे वे मेरे ही शरीर का हिस्सा हों। मुझे उसका स्पर्श बहुत अच्छा लगा। हम लिविंग रूम से उसके बेडरूम में चले गए। मैंने बटन खोली और उसके शर्ट उतार दिए। उसने मेरा टॉप और ब्रा उतार दिया। हम दोनों नंगे थे। मैं इससे पहले कभी किसी के सामने नंगी नहीं हुई थी।
हम बिस्तर पर एक दूसरे को महसूस करते रहे। पंद्रह मिनट के बाद, उसने मुझसे पूछा कि मैं शुरू करूं? '
जैसे ही वह बेड के बगल में रखे मेज से कंडोम लेने गया मैंने उसे अपनी जीन्स की जेब से कंडोम निकालकर दिया और वह जोर से हंसते हुए बोला कि तुम्हें क्या लगा कि मैंने कोई तैयारी नहीं की है?
‘दोगुना तैयार होने में क्या हर्ज़ है?’ मैंने मुस्कुराते हुए ज़वाब दिया। उसके बिस्तर पर सोने से पहले हमने दो बार सेक्स किया।
जब मेरी नींद खुली तो मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट थी। मेरा पहली बार सेक्स का अनुभव बहुत ख़ास रहा, इसलिए नहीं कि मैंने किसी ख़ास व्यक्ति का इंतजार किया, बल्कि इसलिए क्योंकि सब कुछ बहुत आसानी से हो गया।
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
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