आंटी जी कहती हैं, हे भगवान्! मैं समझ सकती हूँ कि तुझ पर क्या बीतती होगीI चल देखते हैं कि तुझे ऐसा क्या करना चाहिए जिससे लोग वो ना करें जो वो कर रहे हैंI
बद्तमीज़, बददिमाग
अंकुश - क्या तुझे भी लगता है कि तू लड़कियों की तरह बात करता है, उनकी तरह चलता है और उनकी तरह लोगों के सामने पेश आता है? तो इसमें क्या गलत है? अब तू ऐसा ही है और हो सकता है कि लोगों को लगता है कि तू लड़कियों जैसा हैI मेरी नज़र में तो इसमें कुछ भी गलत नहीं हैI यहाँ जो चीज़ गलत हो रही है वो यह है कि तुझे इस बात के लिए चिढ़ाया और परेशान किया जा रहा हैI
पुत्तर आजकल यह जो तेरी आयु वर्ग के बच्चे हैं ना, उनमे से कुछ बेहद बद्तमीज़, घटिया और निर्दयी हो सकते हैंI इनके बारे में जितना भी कहा जाये कम हैI यह जो लोग तुझे परेशान कर रहे हैं वो बहुत मतलबी हैं और यह समझने के बजाय कि तेरे लिए यह दौर कितना कठिन हो सकता है, वो तुझे परेशान करके तुझे और भी बुरा महसूस करवा रहे हैंI
म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के
वैसे एक बात जो मुझे कभी भी समझ नहीं आयी वो यह कि लड़की होने या लड़की जैसा होने में खराबी क्या है? जहाँ तक मैं समझती हूँ, इसमें शर्मिन्दा होने जैसा या तुच्छ महसूस करने जैसा तो कुछ भी नहीं हैI
यह तो कोई कभी नहीं कहता कि 'लड़को की तरह' व्यवहार मत करो - लड़को की तरह मतलब? शायद लड़ो मत, गुस्सा मत करो और बेकार की बहस में मत पड़ोI
अगर परेशान करना, डराना, लड़को की तरह व्यवहार करना है तो क्या सच में हमें लड़को की तरह बनने में गर्व महसूस करना चाहिए? शायद नहींI लेकिन ऐसे कोई कहता नहीं है क्यूंकि शायद लड़को के लिए कोई परिभाषित व्यवहार नहीं हैI तो भले मानस फ़िर लड़कियों के लिए कैसे हो सकता है?
अपने अधिकारों की लड़ाई खुद लड़ो
तो अब बात आती है इस सबका सामना करने कीI यह सब रोकने का एक ही तरीका है! अगली बार उदंड लोगों का यह समूह तुझे परेशान करे तो डट कर उनका सामना कर, मौखिक रूप से भी और शारीरिक रूप से भीI उनकी आँखों में आँखें डाल कर उनसे बात करना और देखना कैसे डर कर भाग जाते हैंI
हो सकता है कि वो तुझे और ज़्यादा परेशान करने की कोशिश करेंI जानता है क्यों? क्यूंकि तादाद में वो तुझसे कहीं ज़्यादा हैं और तू अकेला हैI लेकिन तू अपना संघर्ष जारी रखना, पूरी गरिमा बनाये हुए - और फ़िर वहां से चले जानाI बस तेरा काम खत्म!
उनसे सुरक्षित दूरी बनाये रखनाI उनसे किसी भी तरह का संपर्क मत रखना और ना ही उनके साथ घुलने मिलने का प्रयास करनाI तुझे उनसे सारे रिश्ते तोड़ लेने हैं क्यूंकि वो तेरे लायक नहीं हैं पुत्तरI हो सकता है वो फ़िर भी तुझे परेशान करने का प्रयत्न करें क्यूंकि ऐसा लोगों को पता ही नहीं होता कि कब रुकना हैI इसलिए उन्हें अनदेखा किया जाना और उनकी औक़ात याद दिलाना ही उनसे निपटने का सही तरीका हैI
मदद लें
लेकिन, जैसे ही तुझे एहसास हो कि तू यह सब अकेला और नहीं झेल सकता या तुझे लगे कि तुझे कोई ख़तरा हो सकता है तो तुझे तुरंत अपने स्कूल अधिकारियों के पास जाकर इन लोगों के बारे में बता देना हैI कोई रोना-धोना नहीं, कोई नौटंकी नहीं, बस सब सच बता कर उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करनी हैI आजकल स्कूलों ने इस तरह के व्यवहार के ख़िलाफ़ सख्त रवैया अपनाया हुआ है और वे इस पर तत्काल कार्रवाई करते हैंI
इसके अलावा पुत्तर, अपने परिवार को भी इस बारे में बता कर रखनाI यह भी बता दूँ कि इससे तेरी समस्या का समाधान नहीं होगा, हो सकता है कि बात और बिगड़ जाए लेकिन यह ज़रूरी हैI हो सकता है कि यह तेरी ज़िंदगी का पहला परीक्षण हो जो तुझे आगे ऐसे व्यवहार और इससे जुड़े संघर्ष केलिए तैयार कर देगाI
यह तो हुआ कि तुझे क्या करना हैI अब उस बारे में भी बात कर लेते हैं कि तुझे क्या नहीं करना हैI सबसे पहले तो याद रख कि तुझे अपने आपको बदलने की और 'मर्दाना' बनने की कोई कोशिश नहीं करनी हैI क्या करेगा 'मर्दाना' बनकर? तेरे दोस्तों की तरह तुझे भी लोगों को परेशान करना है? क्या तुझे सच में उनकी तरह बनना है? किसी की भी तरह बनने की कोई ज़रूरत नहीं हैI जैसा है अच्छा हैI बस अपने जैसा बनI
याद रख - यह सब कोरी बकवास है और तुझे इससे परेशान होने की कोई ज़रुरत नहीं हैI बस अपने आपको सुरक्षित रख और दृढ़ता से डटा रह - बिलकुल एक लड़की की तरह!
पहचान की रक्षा के लिए, नाम बदल दिए गए हैं और यह लेख पहली बार 21 जून, 2018 को प्रकाशित किया गया था।
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