आंटी जी कहती हैं, बेटा नीता, निस्संदेह यह एक गंभीर मुद्दा है - क्योंकि हम सभी जानते हैं कि एक विवाह बहुत सारी उम्मीदों के साथ आता है और इनमे से कई उम्मीदें सेक्स से जुड़ी होती हैंI
कमर कस ले
तो पुत्तर तू करती क्या है - मेरा मतलब क्या आपके पास एक नौकरी है? क्या आप अपनी ज़रूरतों के लिए पैसे खुद कमा रही हो? बेटा पता है कि यह सब क्यों पूछ रही हूं - क्योंकि जब आप आर्थिक रूप से स्वतंत्र होते हैं तो शादी सम्बंधित चर्चाओं में अपनी बात खुल कर रख सकते हैंI मेरे ख्याल से तू यह तो समझती होगी कि शादी के लिए मना करना सिर्फ़ सर हिला कर माना करने जितना आसान नहीं होगाI तुझे अपने माता-पिता से लेकर चाचा- चाची, मौसा-मौसी, मामा-मामी वगैरह को भी समझाना पड़ेगाI तो पुत्तर सबसे पहले तो अपनी कमर कस लेI
मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था
नीता बेटे तुझे कुछ चीजें करनी पड़ेंगी और उस सूची में सबसे पहले है - उन्हें बता दे, शायद तू पहले यह कर चुकी होगी, कि, 'मैं अभी शादी नहीं करना चाहती - मैं तैयार नहीं हूं'। वैसे कोई भी तेरी बात सुनेगा नहीं और हर किसी के पास तुझे बताने के लिए अपनी ज़िंदगी का कोई ना कोई किस्सा ज़रूर होगा - '.. अरे मैं भागने वाला था', मैं पूरे दिन रोती रही',' मेरी माँ भूख हड़ताल पर बैठ गयी थी' वगैरह-वगैरहI आखिर में सबका यही कहना होगा कि "पुत्तर बाद में सब कुछ ठीक हो जाता है, मुझे और अपनी चाचा जी को ही देख ले, हम कितने खुश हैं"! इस कथन का अर्थ जो भी हो, इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि उनका यौन जीवन कितना अच्छा या सक्रिय है! वैसे ऐसा भी नहीं है कि हम यह जानने के लिए मरे जा रहे हैंI
इस बारे में बात कर
तुझे इस बारे में किसी से बात करनी पड़ेगी - कोई तो होगा या होगी जो तेरी बात को समझ पायेगा/पाएगी? तो उनसे मिलकर उन्हें अपनी बात समझाI यह सब इस शादी के माहौल से दूर होना चाहिएI शायद किसी रेस्त्रां या कॉफ़ी शॉप में मिलना ठीक रहेगाI उन्हें कह देना कि "मुझे किसी भी तरह के यौन सम्बन्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है, और इसीलिए मैं शादी नहीं कर सकतीI" यह बात सुनने में मुंहफट लगेगी लेकिन तुझे कहना इसी तरह से पड़ेगा, सीधा और स्पष्ट! वो फ़िर भी अपनी बात रखना चाहेंगे - तेरी बात को यह कह कर मज़ाक में उड़ाने की कोशिश करेंगे कि "तू शादी नाम से बेकार में घबरा रही है", " अरे यह सब के साथ होता है", या फ़िर यह भी कह सकते हैं "पुत्तर तू लेस्बियन-शेस्बियन तो नहीं है ना?"! उनकी बातें सुनने के बाद तू अपना पक्ष रखना - "अब शादी तो मुझे करनी नहीं है, अब बताओ क्या करना है?"
पुत्तर, 'चक्कर' और 'लफड़ा' जैसे शब्द बार-बार सुनने के लिए भी तैयार हो जानाI नीता पुत्तर, हमारे समाज में माता-पिता के सर पर 'अपनी बेटी की शादी करने का दबाव' बहुत ज़्यादा होता हैI माता-पिता सचमुच सामाजिक दबाव के तहत टूट जाते हैं इसलिए, तेरे लिए उसे पहचानना और समझना भी बेहद महत्त्वपूर्ण हैI उनकी ज़िन्दगी में वैसे ही बहुत कुछ चल रहा होगा तो यह समय गुस्सा करने, धमकियाँ देने या उनके सामने कुछ अनुचित मांगे रखने के लिए उपयुक्त नहीं होगाI तू शांत रहकर और अपने पर काबू रखकर उन्हें कुछ ऐसे समाधान देना जो वो कर पाएंI
अपने शरीर पर अधिकार
क्या तू इस बात को लेकर चिंतित हैं कि तुझे यौन संबंध नहीं बनाना? यह चिंता छोड़ दे पुत्तरI यह तेरा शरीर है और इसके साथ क्या करना है और कब, इसका फैसला लेने का अधिकार सिर्फ़ तेरा ही होना चाहिए - बस वो करने के तेरे कारण सही होने चाहिएI अच्छी बात यह है कि जब आप नौकरी कर रहे होते हैं और आर्थिक रूप से किसी और के ऊपर निर्भर नहीं होते और अपनी बात दृढ़ता पूर्वक और स्पष्ट तरीके से कह सकते हैं तो आपके ऊपर शादी के लिए दबाव डालना इतना आसान नहीं होताI
लेखक की गोपनीयता बनाये रखे के लिए तस्वीर में एक मॉडल का एस्तेमाल किया गया हैI
क्या आप भी ऐसी ही स्थिति से गुज़र चुके हैं या ऐसे किसी को जानते हैं जिसके साथ ऐसा हुआ है? अपने कहानी हमारे फेसबुक पेज पर हमसे संपर्क कर या नीचे टिप्पणी कर हम तक पहुंचाएंI अगर आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर जाएंI