- यह कैसे किया जाता है?
गुदा मैथुन करते समय दो बातों का ध्यान रखना चाहिए- पहला यह कि गुदा मैथुन आराम से और बहुत धीरे धीरे करना चाहिए, दूसरा पर्याप्त मात्रा में चिकने पदार्थों का उपयोग करना चाहिए। योनि के विपरीत गुदा में प्राकृतिक रूप से चिकनाहट नहीं होती है। लेकिन यदि आप चाहते हैं कि गुदा मैथुन करते समय दर्द ना हो तो आपको पर्याप्त ऑयल या कोई अन्य चिकना पदार्थ लगाकर गुदा मैथुन करना चाहिए।
इसके अलावा, आपके पार्टनर को भी आराम से लेटे रहना चाहिए ताकि गुदा के आसपास की मांसपेशियां तंग ना हों। सबसे पहले आपको गुदा के बाहर सहलाना चाहिए और फिर उंगली अंदर डालें और यह देखें कि आपके पार्टनर को कैसा लग रहा है। यदि पार्टनर को अच्छा लग रहा है तब आप वहां अपना लिंग डालें।
लिंग को गुदा के अंदर बहुत धीरे-धीरे ले जाएं। जल्दबाजी करने से वहां चोट लग सकती है। गुदा मैथुन के साथ सहज होने में थोड़ा समय लगता है इसलिए आप जितना आराम से करेंगें, जितना समय देंगे और जितना अधिक ऑयल लगाकर करेंगे, आपको आनंद भी उतना ही अधिक आएगा।
- क्या यह गंदा और अस्वास्थ्यकर है?
गुदा मैथुन करने से पहले अपने साथी को बाथरूम जाकर साबुन से गुदा के आसपास के क्षेत्र को अच्छी तरह साफ़ करने के लिए कहना चाहिए। लेकिन एनीमा को साफ करना ज़रुरी नहीं है (असल में ये गुदा मार्ग में जलन पैदा करते हैं)।
गुदा के अंदर एक ट्यूब होती है जिसे रेक्टम या मलाशय कहते हैं। यह अस्थायी रूप से मल को इकट्ठा करने का काम करती है। यदि आप पूरी तरह स्वस्थ हैं और आपको डायरिया, कब्ज या आंत की बीमारियां नहीं हैं तो एक बार मल त्यागने के बाद रेक्टम पूरी तरह खाली और साफ़ हो जाता है।
यदि आप इसकी गंदगी को लेकर चिंतित हैं लेकिन फिर भी गुदा मैथुन करना चाहते हैं तो आपको शॉवर में खड़े होकर इसकी शुरूआत करनी चाहिए। यहां आपको बस इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप जिस चिकने पदार्थ का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सिलिकॉन युक्त होना चाहिए क्योंकि पानी वाले चिकने पदार्थ शॉवर में बह जाते हैं।
- यह इतना अच्छा क्यों लगता है?
पुरुषों को गुदा मैथुन वास्तव में बहुत अच्छा लगता है क्योंकि इस दौरान उनके प्रोस्टेट ग्रंथि की सक्रियता बढ़ जाती है। प्रोस्टेट अखरोट के आकार की एक ग्रंथि होती है जिसे आप रेक्टम की दीवार से पांच सेंटीमीटर अंदर महसूस कर सकते हैं। जब प्रोस्टेट उत्तेजित होता है तो अद्भुत चरम सुख की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा, योनि की तुलना में एनस और रेक्टम बहुत तंग होते हैं और इसमें लिंग प्रवेश कराने से पुरुषों को सुखद संवेदना और आनंद का अनुभव होता है।
महिलाओं को भी गुदा मैथुन करना अच्छा लगता है क्योंकि गुदा के चारों तरफ कई तंत्रिकाओं के शीर्ष सिरे होते हैं जिन्हें छूने पर उन्हें अधिक संवेदना महसूस होता है और मज़ा आता है। उत्तेजना के कारण उन्हें गुदा मैथुन अच्छा लगता है और चरम सुख मिलता है।
- गुदा मैथुन और एसटीडी
गुदा मैथुन करने से यौन संचारित बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि गुदा में प्राकृतिक चिकनाहट नहीं होती है। गुदा मैथुन करते समय उस हिस्से की त्वचा छिल जाना आम बात है। इसके कारण एचआईवी वायरस आसानी से आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। यही कारण है कि गुदा मैथुन करते समय हमेशा कंडोम का उपयोग करना चाहिए।
इसके अलावा गुदा मैथुन करने के तुरंत बाद पेनिस को साफ अच्छी तरह से साफ किए बिना या कंडोम बदले बिना योनि में पेनिस नहीं प्रवेश कराना चाहिए क्योंकि एनस के आसपास मौजूद बैक्टीरिया योनि में संक्रमण पैदा कर सकते हैं।
- यह सिर्फ समलैंगिकों के लिए नहीं है
कुछ लोगों का मानना है कि गुदा मैथुन सिर्फ समलैंगिक लोग ही करते हैं। यह सच नहीं है। गुदा मैथुन कोई भी व्यक्ति कर सकता है। सबसे पहले, समलैंगिक सेक्स सिर्फ गुदा मैथुन ही नहीं होता है और ना ही सभी समलैंगिक पुरुष गुदा मैथुन करते हैं। एक स्टडी के के अनुसार 60 प्रतिशत से अधिक समलैंगिक पुरुष रोज़ाना गुदा मैथुन करते हैं।
पुरुषों को गुदा मैथुन का आनंद लेते समय कभी कभी अपने ऊपर ही संदेह होने लगता है। वास्तव में पुरुषों का प्रोस्टेट उत्तेजित होने के कारण उन्हें चरम सुख की प्राप्ति होती है इसलिए वे इसे लेकर ज्यादा चिंता नहीं करते हैं। इसलिए यदि आप स्ट्रेट हैं तो आपको गुदा मैथुन करने में शर्म नहीं आनी चाहिए। यदि आप अपने पार्टनर के साथ गुदा मैथुन करना चाहते हैं तो उससे बात कीजिए और कर के दिखाइये।
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