पहला वीर्यपात
लगभग 11 से 16 वर्ष की उम्र होने पर आपका पहला वीर्यपात हो सकता है। इसका अर्थ है कि चिपचिपा सफेद द्रव जिसे वीर्य कहते हैं, आपके लिंग से बाहर निकलता है।
आपका पहला वीर्यपात सोते समय हो सकता है - लोग अक्सर इसे ‘स्वप्न दोष’ कहते हैं ’(यह कोई दोष नहीं है, इसे अंग्रेज़ी में वेट ड्रीम कहते हैं)। यह, आपके द्वारा हस्तमैथुन करने या किसी के साथ सेक्स संबंध बनाते हुए भी हो सकता है।
कोई भी दो लड़के एक जैसे नहीं होते। इसका अर्थ यह है कि कुछ लड़कों का पहला वीर्यपात 11 वर्ष की उम्र में होता है जबकि कुछ का 16 वर्ष की उम्र में हो सकता है।
आपके वीर्यपात की क्या मात्रा हो सकती है?
किशोरावस्था के दौरान, आपके वीर्यपात की मात्रा बढ़ती जाती है और उसकी बनावट और मात्रा में बदलाव होता है।
- वीर्य की औसत मात्राः 0.5 मिलीलीटर
- रंग और बनावटः रंगहीन, चिपचिपा (जेली जैसा)
- शुक्राणुओं की औसत मात्राः कुछ शुक्राणु- प्रति मिलीलीटर 10 लाख से कम
पहले वीर्यपात से छह महीने बादः
- वीर्य की औसत मात्राः 1 मिलीलीटर
- रंग और बनावटः रंगहीन, चिपचिपा (जेली जैसा)
- शुक्राणुओं की औसत मात्राः प्रति मिलीलीटर 2 करोड़
पहले वीर्यपात से एक साल बादः
- वीर्य की औसत मात्राः 2.5 मिलीलीटर
- रंग और बनावटः रंगहीन या सफेद, चिपचिपा (जेली जैसा) द्रव
- शुक्राणुओं की औसत मात्राः प्रति मिलीलीटर 5 करोड़
पहले वीर्यपात से दो साल बाद - एक वयस्क पुरुष जैसाः
- वीर्य की औसत मात्राः 3.5 मिलीलीटर
- रंग और बनावटः सफेद, चिपचिपा द्रव
- शुक्राणुओं की औसत मात्राः प्रति मिलीलीटर 3 करोड़
तुलना के लिए, चाय का एक चम्मच 5 मिलीलीटर के बराबर होता है।
पहला वीर्यपात और गर्भधारण
90 प्रतिशत लड़कों में पहले वीर्यपात के समय, वीर्य में कोई शुक्राणु नहीं होते- शुक्राणु वे कोशिकाएँ हैं जो लड़की के डिम्ब को निषेचित करती हैं और वह गर्भवती हो जाती है।
किंतु इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपके पहले वीर्यपात में कोई शुक्राणु मौजूद होंगे अथवा नहीं।
इसलिए किसी लड़की के साथ सेक्स करते समय हमेशा गर्भनिरोधक का प्रयोग करें।
सबसे सुरक्षित तरीका है दोहरी सुरक्षा ‘डबल डच’ - अर्थात् कंडोम पहनना और साथ में किसी दूसरे गर्भनिरोधक का भी प्रयोग करना।
क्या आप जानते हैं......?
चाय के एक चम्मच के बराबर वीर्य में 100 मिलियन शुक्राणु होते हैं।