सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि मूत्र मार्ग में समस्या होने पर मूत्र रोग विशेषज्ञ यानी कि यूरोलॉजिस्ट से मिलना जरूरी होता है। ये वैसे विशेषज्ञ होते हैं, जो मूत्र मार्ग और पुरुष प्रजनन प्रणाली के रोगों में विशेषज्ञता रखते हैं। इस महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद कई पुरुष कलंक, भय या जागरूकता की कमी के कारण यूरोलॉजिस्ट के पास जाने में देरी करते हैं या शर्म के कारण नहीं जाते हैं।
यूरोलॉजिस्ट कौन हैं और वे क्या करते हैं?
यूरोलॉजिस्ट ऐसे डॉक्टर होते हैं, जो मूत्र मार्गों से जुड़े अंगों की बीमारियों का इलाज करते हैं। जैसे- किडनी, मूत्रनली (यूरेटर), मूत्राशय (ब्लैडर), प्रोस्टेट, लिंग और अंडकोष।
वे इन समस्याओं का इलाज करते हैं-
- बार-बार मूत्र आना या जलन होना। इसे यूटीआई (Urinary Tract Infection) भी कहा जाता है।
- किडनी में पथरी
- मूत्र को ना रोक पाना
- लिंग का खड़ा ना होना
- प्रोस्टेट कैंसर
कुछ यूरोलॉजिस्ट बच्चों, कैंसर या मर्दों की प्रजनन से जुड़ी खास बीमारियों में भी एक्सपर्ट होते हैं। वे ज़रूरत के अनुसार दवाइयों या सर्जरी के जरिए इलाज करते हैं।
यूरोलॉजिस्ट के पास कब जाना चाहिए?
देखा जाए, तो नियमित तौर पर यूरोलॉजिस्ट से मिलना बीमारियों को दूर रख सकता है। हालांकि अगर निम्नलिखित समस्याएं लंबे समय से चली आ रही हो, तब यूरोलॉजिस्ट से मिलना जरूरी हो जाता है। जैसे-
- प्रोस्टेट ग्रंथि का स्वास्थ्य: उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि से संबंधित समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में prostate-specific antigen (PSA) परीक्षण जैसे नियमित जांच से प्रोस्टेट कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे जल्द इलाज भी हो सकता है। नोट- प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित होती है। यह मूत्राशय से मूत्र को बाहर निकालने वाली नली के ऊपरी हिस्से को घेरती है, जिसे मूत्रमार्ग कहा जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि वीर्य में तरल पदार्थ जोड़ती है, जो शुक्राणुओं को पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है।
- लिंग में तनाव की कमी : लिंग में तनाव की कमी के अनेक कारण हो सकते हैं लेकिन कभी-कभी ये मूत्र मार्ग में समस्याओं के कारण भी हो सकता है। कई बार ये हृदय रोग, मधुमेह या हार्मोनल असंतुलन का एक प्रारंभिक संकेत भी हो सकता है। ऐसे में एक यूरोलॉजिस्ट मूल कारण की पहचान करने में मदद कर सकता है।
- बच्चा पैदा करने में असमर्थता और हार्मोनल स्वास्थ्य: पुरुषों में बच्चा पैदा ना करने की समस्या हार्मोनल असंतुलन के कारण भी हो सकती है। ऐसे में यूरोलॉजिस्ट यह जांचते हैं कि पुरुष के शुक्राणु (स्पर्म) ठीक हैं या नहीं और हार्मोन सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं।
- किडनी की पथरी और यूटीआईः मूत्र मार्ग में समस्या का कारण किडनी में पथरी या मूत्र मार्ग में संक्रमण भी हो सकता है लेकिन इस बारे में केवल डॉक्टर ही सटीक जानकारी दे सकते हैं। अगर किसी पुरुष को पीठ में तेज़ दर्द हो, मूत्र में खून आए या बार-बार मूत्र लगे, तो ये किडनी में पथरी या संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत यूरोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए।
- रुटीन चेकअपः कई बार अगर किसी तरह की समस्या बाहरी तौर पर महसूस ना हो, तब भी महीने में या साल भर में सहूलियत के अनुसार यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ कई बार अनेक समस्याएं हो सकती है।
हालांकि त्वचा संबंधी समस्या के लिए त्वचा रोग विशेषज्ञ (Dermatologist) से संपर्क करना बेहतर है। वहीं, यौन संचारित रोगों (Sexually Transmitted Diseases) या यौन संचारित संक्रमण (Sexually Transmitted Infections) से जुड़ी समस्याओं के लिए सबसे पहले अपने प्राथमिक देखभाल चिकित्सक, यौन स्वास्थ्य क्लिनिक या जननांग चिकित्सा में विशेषज्ञता (genitourinary medicine) वाले डॉक्टर से मिलना चाहिए।
अपने मूत्र संबंधी स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखें
अगर कुछ आदतों को दिनचर्या में शामिल कर लिया जाए, तो आप अनेक समस्याओं से बच सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित उपायों पर गौर किया जा सकता है-
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएंः पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं, जिससे संक्रमण और किडनी की पथरी होने का खतरा कम हो जाता है।
- संतुलित आहार का सेवन करेंः अपने भोजन में प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए हरी सब्जियों एवं फलों का सेवन किया जा सकता है। शोध बताते हैं कि टमाटर में पाए जाने वाला लाइकोपीन और जिंक प्रोस्टेट स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- शारीरिक गतिविधिः नियमित तौर पर व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधि करते रहने से बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। इससे वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है और रक्त संचार में सुधार होता है, जो मूत्र संबंधी कार्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- धूम्रपान एवं शराब का सेवन कम करें या परहेज करेंः ये दोनों ही रक्त प्रवाह को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जिससे स्तंभन दोष हो सकता है और मूत्राशय कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- नियमित चेकअप जरूर कराएंः इससे किसी भी समस्या को पता समय रहते चल सकता है, जिससे स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है।
पुरुषों को अपने मूत्र और प्रजनन से जुड़ी सेहत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यूरोलॉजिस्ट के पास समय-समय पर जाना जरूरी है ताकि कोई गंभीर बीमारी जल्दी पकड़ में आ सके और इलाज शुरू हो सके। जैसे- हृदय की देखभाल के लिए कार्डियोलॉजिस्ट होते हैं, वैसे ही यूरोलॉजिस्ट मूत्र और प्रजनन से जुड़ी सेहत का ध्यान रखते हैं। इस तरह की सेहत पर ध्यान देना लंबी और अच्छी ज़िंदगी के लिए जरूरी है।
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