रेचल (परिवर्तित नाम) कनाडा में रहकर जन स्वस्थ विभाग में कार्यरत हैं।
सेक्स की बातें
हम तीन बहनें थीं और हमारे परिवार में कभी सेक्स के बारे में कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई। मेरे आसपास ज़्यादातर बच्चे कनाडा मूल के थे जो की खुलकर सेक्स के बारे में बात करते थे और लगभग सभी डेट्स पर जाना शुरू कर चुके थे। लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते थे। मेरे भारतीय मूल के दूसरे दोस्त भी अपने माता पिता से झूठ बोलकर और छिपकर बाहर जाते थे।
किन्तु मैं अपने पेरेंट्स से झूठ बोलकर ऐसा नहीं करना चाहती थी, इसलिए जब एक लड़के ने मुझसे डेट पर चलने के लिए कहा तो मैंने हिम्मत कर उनसे खुल कर पूछ लिया। मुझे लगा था क्यूंकि मैं दिन में सिर्फ एक फिल्म देखने की अनुमति ले रही हूँ, तो वो आसानी से हाँ कह देंगे।
पहली मुलाक़ात
मैं गलत थी. मेरे पिता ने सुनते ही मन कर दिया। उन्होंने कहा, "अभी तुम लड़कों को जानने समझने के लिए बहुत छोटी हो। मुझे भी याद है इस उम्र में हार्मोन्स का असर। अपने आप पर काबू नहीं रहता। हाथ पकड़ने से किसिंग और गर्भवती तक बात पहुँच जाती है।"
मुझे बहुत गुस्सा आया। मैं तो एक जिम्मेदार बेटी की तरह उन्हें सच बताकर उसकी अनुमति से बाहर जाने को कह रही थी। मेरे पापा इस बारे में और बहस करने के लिए बिलकुल तैयार नहीं थे। शायद उन्हें समझ नहीं आ रहा था की मैं सेक्स करने या प्रेग्नेंट होने नहीं जाना चाहती थी, मैं सिर्फ एक लड़के के साथ मूवी देखने जाना चाहना थी।
एजुकेटिंग पेरेंट्स
मेरे पिता की सेक्स के बारे में ये मनघडंत कहानी अजीब थी। मुझे इसमें कोई तर्क नहीं नज़र आया। उन्होंने जो कहा वो सही नहीं था। वो एक पढ़े लिखे व्यक्ति हैं जिन्हे सेक्स के बारे में सब जानकारी थी, बस उन्हें अपनी बेटी से ये जानकारी शेयर करने के लिए सही तरीका पता नहीं था। उस दिन मुझे समझ आया की सेक्स के बारे में बात करना शायद इतना सरल नहीं था।
पेरेंट्स अपने बच्चों से इस टॉपिक के बारे में बात करने के लिए मानसिक रूप से तैयार ही नहीं हो पाते, खासकर भारतीय परिवेश में जहाँ सामाजिक बंधन और मर्यादाओं का अम्बार सा होता है। मेरी पूरी युवावस्था के दौरान यही मुश्किल मेरी भी रही। मैं कभी खुलकर अपने पेरेंट्स से अपने रेलशनशिप के बारे में बात ही नहीं कर पायी, क्यूंकि इस बात का सम्बन्ध कहीं न कहीं सेक्स से भी जुड़ जाता है।
व्यर्थ की जानकारी
अगर मैं बीते समय में जाकर कुछ बदल सकती तो मैं अपने माता पिता के द्वारा दी गयी गलत जानकारी को बदल देती। मैं उनसे इससे ज़्यादा ईमानदारी, खुलेपन और परिपक्क्वता की उम्मीद रखती थी, नाकि ये गलत बात सुनने की, कि हाथ पकड़ने और किसिंग से प्रेग्नेंट हो सकते हैं।
आखिरकार मैं डेट पर गयी, और मुझे वो लड़का आकर्षक ही नहीं लगा। हमने न हाथपकड़े, न किश किया और न ही मैं प्रेग्नेंट हुई, लेकिन सेक्स को लेकर जो हौव्वा बना था, उसका खात्मा हो गया।
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