* 28 वर्षीय जैस्मीन, बैंगलोर में रहने वाली एक निवेश बैंकर है
प्रेमी से जानवर
जब मुझे सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय मैनेजर का अवार्ड लगातार चौथी बार मिला तो मुझे भौमिक से मुबारकबाद कुछ इस तरह मिली, 'तो इस अवार्ड के लिए कौन-कौनसे बॉस को खुश किया तुमने'?
जैस्मीन और भौमिक ने शादी से पहले दो साल तक एक दूसरे को डेट किया थाI वे दोनों पिछले ऑफिस में सहकर्मी थेI दोनों ही कालीकट से थे और जल्द ही एक दूसरे के करीब आ गए थेI वो भौमिक ही था जिसने जैस्मीन को एक छोटे से शहर के बाद बेंगलुरु से अभ्यस्त होने में मदद की थीI उसने उसकी हर परेशानी को हसंते खेलने हल कर दिया थाI
उसके आसपास होने पर वो सुरक्षित और खुश महसूस करती थीI लेकिन शादी के एक साल के बाद सब बदल गया थाI
प्यार के 'नियम’
मेरी प्यार और देखभाल के नाम पर भौमिक ने कुछ 'नियम' बनाये हुए थे जिनका मुझे हर हाल में पालन करना थाI घर वापसी का समय 10 बजे था और आज मैं पूरे तीन घंटे लेट थीI मैंने जल्दी से कपड़े बदले (मैं नहीं चाहती थी कि मुझे वो छोटी ड्रेस में देखकर फ़िर बवाल खड़ा करे) और बिना कुछ कहे बिस्तर पर लेट गयीI मुझे पता था कि मेरे द्वारा कहा गया एक भी शब्द आग में घी का काम करेगाI
मुझे अब पता चल चूका था कि भौमिक के गुस्सा होने पर क्या करना है - कुछ नहीं करना, कुछ नहीं कहना और भौमिक का सामना तो बिलकुल नहीं करना हैI बिस्तर पर लेटते ही मेरे आंसू बह निकले थे और मैं सोच रही थी कि मैं अपने साथ उसे यह सब क्यों करने दे रही हूँ?
अन्तरावलोकन
मुझे कभी-कभी लगता था कि मैं दो अलग-अलग ज़िंदगियाँ जी रही हूँI दुनिया के लिए, मैं बेहद हंसमुख, खुश, आत्मविश्वास से भरपूर, एक महत्वाकांक्षी लड़की थी। मैं अपने काम में बहुत अच्छी थी और मेरे बहुत अच्छे दोस्त थेI लेकिन फ़िर भी मेरे अपने घर में, मैं इसके बिलकुल विपरीत थीI मैं घर पर चुप रहती थी और हमेशा भौमिक की पसंद के अनुसार चीज़ें करती थीI मेरी यही कोशिश रहती थी कि मेरी किसी बात से वो नाराज़ ना हो जाएI यह 'डबल रोल' मुझे अंदर ही अंदर खाये जा रहा थाI मुझे लग रहा था कि धीरे-धीरे मैं अपना व्यक्तित्व खो रही हूँI
ऐसा भी नहीं था कि भोमिक हमेशा बुरा थाI अच्छे मूड में हो तो वो मुझे इस तरह प्यार करता था और देखभाल करता था कि शायद ही कोई और कर पाताI हमारे बीच सेक्स भी बहुत अच्छा था लेकिन हाँ वो होता उसी तरह से था जब वो चाहता और जैसे वो चाहताI
उसकी पसंद मेरी जीवन शैली
जब भी हम रात के खाने के लिए बाहर जाते तो हमेशा चाइनीज़ ही खाते थे क्यूंकि वो भौमिक को पसंद थाI उसे इस बात का कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था कि मुझे भारतीय खाना पसंद थाI कभी-कभी हम एक साथ खरीदारी करने जाते तो मुझे उसकी पसंद के हिसाब से कपड़े खरीदने पड़ते थे क्यूंकि मेरी पसंदीदा पोशाकें उसे कभी अच्छी नहीं लगती थीI
बीती शाम मैंने अपना मनपसंद टॉप उस छोटी काली स्कर्ट के साथ पहना थाI ऊँची एड़ी वाले जूते और लाल लिपस्टिक के साथ मैं उस शानदार शाम का स्वागत करने के लिए बेकरार थीI जैसे ही मैं बाहर निकली भौमिक की आवाज़ ने मेरे सारे रोमांच को एक झटके में खत्म कर दिया, "अब छोटी ड्रेस पहनने वाला फिगर नहीं रहा तुम्हारा, और यह लाल रंग ..हाहाहा!
मुझे लग रहा था कि मैं बहुत अच्छी लग रही हूँ, मेरे सारे सहकर्मियों को लग रहा था कि मैं पूरी पार्टी की जान हूँ लेकिन भौमिक को लगता था कि लाल रंग मुझ पर अच्छा नहीं लगताI
लेकिन मैंने सोच लिया था कि आज उसकी एक नहीं सुनूंगीI मैंने सोच लिया था कि आज खूब मज़े करूंगी और मैंने ऐसा ही कियाI मुझे पता था कि मैं इसकी हकदार हूँI इसलिए जब घड़ी की सुइंया 10 पर पहुंची तो मैंने घर की बजाय डांस फ्लोर पर जाने का फैसला कियाI मुझे खुशी है कि मेरा फैसला सही थाI
एक ही ज़िंदगी – खुल कर जियूंगी
भोमिक की उस घटिया टिप्पणी के बाद, मैं रोते-रोते सो गयीI जैसा कि मैंने पहली भी किया थाI लेकिन जब मैं अगले दिन सो कर उठी तो इस एहसास के साथ उठी कि मेरे सामने मेरा पूरा जीवन है और उसे मैं वैसे जियूँगी जैसा कि मैं चाहती थीI
*नाम बदल दिए गए हैं
*तस्वीर के लिए मॉडल का इस्तेमाल हुआ है
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