रिचा हमेशा अपनी माँ और पिता की शादी के पीछे छिपे राज़ से पर्दा उठाना चाहती थीI लेकिन क्या वो सच के लिए तैयार थी? पढ़िए भावात्मक उतार चढ़ाव से भरी यह कहानी...
हमारे समाज में रिश्ता पक्का कराने वाले अंकल और आंटियों की जगह अब मैट्रिमोनियल साइट्स ने ले ली हैंI यदि आप भी अपना जीवनसाथी ऑनलाइन ढूंढ रहे हैं तो इस लेख में हैं आपके लिए कुछ ख़ास सुझावI
हर्षा बताती हैं कि उसके पिता की बदौलत किस तरह उनकी बहन की शादी उनके शहर में चर्चा का विषय बन गईI तो चाय की प्याली और रस लेकर इत्मिनान से बैठकर पढ़िए हर्षा की बहन की अनोखी शादी का यह किस्सा।
नमस्ते आंटी जी, मेरे लिए पड़ोस की एक लड़की का रिश्ता आया है। वह मुझे पसंद तो है लेकिन वो बैसाखी के सहारे चलती है। मुझे अब समझ में नहीं आ रहा है, बात को आगे बढ़ाना चाहिए या नहीं। मेरी मदद कीजिए। राजेश, 24 वर्ष, जयपुर
हेलो आँटी जी, मेरी शादी 6 महीने पहले हुई थी हुई थी लेकिन अब मैं खुश नहीं हूं। मैं नए माहौल में सहज नहीं हो पा रही हूँ और निराश महसूस कर रही हूँ। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मुझे क्या करना चाहिए। गुरप्रीत, 24, अमृतसर।
इस समय पूरे देश में आज़ादी की बातें चल रही हैंI ऐसे में जागृति को बार बार पिछले साल की वो बातें याद आ रही हैं जब उसे हर दिन उन लोगों के साथ लड़ना पड़ा था जो उसके सबसे करीब थेI वो मैटर्स इंडिया को बताती है कि आज़ादी केवल पुरुषों के लिए हैI महिलाओं के लिए तो पुरुषों ने हर कदम पर पाबंदिया लगाई हुई हैंI