Sexy lovers
Shutterstock / Kotin

ज़्यादा सेक्स मतलब बेहतर रिश्ता

द्वारा Sarah Moses मई 30, 10:19 पूर्वान्ह
क्या ज़्यादा सेक्स करने से रिश्ते बेहतर होते हैं? शोधकर्ताओं ने पूछा नवविवाहितों से कि बताएं अपने दिल की बात सेक्स और रिश्तों के बारे मेंI

इसमें कोई दो राय नहीं कि जो साथी नियमित सेक्स करते हैं वो साथ में खुश रहते हैं। इसका जवाब विकासवाद में मिल सकता है, ऐसा मानना है शोधकर्ताओं का। लोगों को सेक्स करना इसलिए भी अच्छा लगता है क्योंकि वो जितना ज़्यादा सेक्स करते हैं उतने ही उनके अवसर बड़ते हैं बच्चों को जन्म देने के और अपना वंश आगे बढ़ाने के। नियमित सेक्स से आप दोनों एक दूसरे के और करीब आते हैं और यही वजह है कि आप साथ में अच्छा महसूस करते हैं।

तो ज़ाहिर सी बात है कि अगर आप के रिश्ते में ढेर सारा सेक्स है तो आप एक बेहद अच्छे रिश्ते में होंगे। है ना? नहीं, ऐसा हमेशा सम्भव नहीं है। क्या अधिक करने से रिश्ता बेहतर होता है? शोधकर्ताओं को इस सवाल का जवाब पहले किये गए अध्ययनों में भी नहीं मिल पाया था। तो शायद हमें मान लेना चाहिए कि अधिक सेक्स का मतलब यह नहीं है कि आप दोनों रिश्ते में खुश हैं।

तो फ़िर यह कैसे पता चलेगा कि कौनसा जोड़ा खुश है? अगर आप किसी से सीधा -सीधा पूछेंगे कि क्या वो अपनी शादी में खुश है और जवाब देने से पहले वो सोच में पड़ जाएँ तो उस जवाब की विश्वसनीयता पर थोड़ा शक तो होगा हीI इसका जवाब देना तो बिलकुल सहज होना चाहिए जैसे आप एकदम से अपने साथी के बारे में जवाब देते हैं, खासकर तब जब आप बेहद खुश हैंI शोधकर्ताओं ने जाना कि पिछले अध्ययनों में भी लोगों से उनकी भावनाओं के बारे में सीधा सवाल किया गया था और शायद यही वजह है कि उनके परिणाम पूर्णतया स्पष्ट नहीं निकल पाये थेI

नायाब तरीका

तो शोधकर्ताओं ने सोचा कि किसी तरह लोगों की स्वाभाविक प्रतिक्रियाओं को मापने का तरीका निकालना चाहिएI तो क्या था वो तरीका जिससे वो जान सकें: सच्ची, सही भावनाएं, सीधे दिल से!

एक नवविवाहित जोड़े ने दो अलग अध्ययनों में शोधकरतों को बताया कि वो कितनी बार सेक्स करते थेI उसके बाद उन्होंने कुछ सवालों के जवाब दिए जिनसे यह पता चल सके कि वो अपने रिश्ते में कितने संतुष्ट थेI

और फ़िर आया वो परीक्षण जिसने सहभागियों के अचेतन मन में छुपे उस राज़ को उजागर किया जिससे पता चला कि वो अपने साथियों के बारे में असल में क्या राय रखते थेI उन्हें क्षण भर के लिए स्क्रीन पर उनके साथी की तस्वीर दिखाई गयी और झट उसके बाद स्क्रीन पर एक शब्द प्रकट हुआI सहभागियों को एक बटन दबा कर यह बताना था कि वो शब्द उन्हें सकारात्मक लगा था या नकारात्मकI

शब्दों के बारे में सहभागियों की प्रतिक्रिया जितनी जल्दी आई उसके आधार पर शोधकर्ताओं ने जाना कि वो इसका जवाब सोच समझ कर दिमाग से दे रहे हैं या फ़िर बिना सोचे समझे दिल सेI अगर उन्होंने झट से बटन दबा कर यह बताया कि उनके लिए वो शब्द सकारात्मक था तो शोधकर्ताओं को पता चल गया कि वो अपने साथी के बारे में अच्छा महसूस करते हैंI

तो क्या परिणाम निकला? जब शोधकर्ताओं ने यह जानने कि कोशिश की क्या अधिक सेक्स करने वाले अपने रिश्ते में खुश हैं तो उन्हें इन दोनों बातों का आपसे में कोई सम्बन्ध नहीं मिलाI खासकर तब जब उनसे यह सवाल सीधा पूछा गयाI नतीजे बिलकुल पुरानी रिसर्च जैसे थे, अस्पष्टI ढेर सारा सेक्स करने वाले हर नवविवाहित जोड़े ने भी यह नहीं कहा कि वो अपने रिश्ते में खुश हैंI

लेकिन जब यही सवाल सीधे-सीधे ना पूछकर उस परीक्षण के अंतर्गत पूछा गया तो अधिकतर लोगों का जवाब उम्मीद के अनुसार निकला, अधिक सेक्स मतलब बेहतर रिश्ताI नवविवाहित जोड़े जितना ज़्यादा सेक्स करते हैं उनके लिए एक दूसरे की तस्वीर के बारे में सकारात्मक राय देना उतना ही  स्वाभाविक हो जाता हैI

संस्कृति का प्रभाव

अब आप यह सोच रहे होंगे कि किसी के लिए भी यह मानना कि सेक्स का इस बात से बड़ा गहरा सम्बन्ध है कि उनका रिश्ता कैसा चल रहा है, इतना मुश्किल कैसे हो सकता है?

सेक्स से रिश्तों पर पड़ने वाले असर के बारे अकसर लोग वही कहते या महसूस करते जैसी उनकी धारणा होती है या जो वो विश्वास करना चाहते हैंI

तो हो सकता है कि किसी के रिश्ते में नियमित सेक्स ना हो लेकिन फ़िर भी वो यही कहेंगे कि उनके रिश्ते में सब कुछ ठीक चल रहा है, चाहे वो सरासर गलत हो, ऐसा कहना है शोधकर्ताओं काI वो उन लोगों का उदाहरण भी देते हैं जिनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की वजह से वो यह सोच रखते हैं कि नियमित सेक्स एक रिश्ते के लिए इतना महत्त्वपूर्ण नहीं हैI

एक बात जो इस शोध के द्वारा हमें नहीं पता चलती वो यह है कि क्या ज़्यादा सेक्स करने से रिश्ता बेहतर होता है या फ़िर एक अच्छे रिश्ते में रहने वाले लोगों को ज़्यादा सेक्स करने का मन करता हैI लेकिन क्या फ़र्क़ पड़ता है....ज़्यादा सेक्स से आज तक किसी का नुकसान नहीं हुआ है!

स्त्रोत: कैपचुरिंग द इंटरपर्सनल इम्प्लीकेशन्स ऑफ़ इवॉल्वड प्रैफरेंसेज? फ्रीक्वेंसी ऑफ़ सेक्स शेपस  आटोमेटिक, बट नॉट एक्सप्लिसिट, पार्टनर इवेलुएशन्स(2016)I साइकोलॉजिकल साइंस

सेक्स और रिश्तों के बारे में बात करना चाहते हैं? हमारे फोरम जस्ट पूछो का हिस्सा बनेंI

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

Comments
नई टिप्पणी जोड़ें

Comment

  • अनुमति रखने वाले HTML टैगस: <a href hreflang>