यह सच है कि पुरुष महिलाओं की तुलना में सेक्स के बारे में अधिक सोचते हैं लेकिन उनका भी अधिक वक़्त अन्य शारीरिक आवश्कताओं जैसे भोजन एवं नींद इत्यादि के बारे में सोच कर ही व्यतीत होता है।
इससे यह ज्ञात होता है कि सेक्स के बारे में अधिक सोचना आपके लिंग से ज्यादा इस बात पर निर्भर करता है कि आप सेक्स के बारे में कैसा महसूस करते हैं।
283 विद्यार्थियों पर किये गए सर्वे के अनुसार पुरुषों के दिमाग में एक घंटे में एक बार सेक्स का ख्याल आता है जोकि इस धरना से काफी दूर है कि पुरुषों के दिमाग में हर पल सेक्स के ख्याल आते रहते हैं।
रुढ़िवादी सोच
एक शोध के अंतर्गत पुरुष और महिला विद्यार्थियों को तीन समूह में बांटकर कहा गया कि जब भी वो सेक्स या अन्य शारीरिक आवश्यकता के बारे में सोचें तो घंटा बजाकर संकेत दें। इस अभ्यास से पहले उनसे ये अंदाज़ा भी लगवाया गया कि वो अपनी शारीरिक ज़रूरतों जैसे भोजन एवं नीद के बारे में कितनी बार सोचते हैं।
जब बात शारीरिक आवश्यकताओं की आई तो महिला और पुरुष लगभग समान ही थे, हालाँकि सेक्स के ख्यालों में पुरुष महिलाओं से आगे पाए गए।
तो जबकि पुरुषों ने सेक्स के ख्यालों का अधिक आना स्वीकार किया। उनकी यह सोच शायद उस रुढ़िवादी सोच का नतीजा थी जिसके तहत पुरुषों का सेक्स के बारे में अधिक सोचना सहेज माना जाता है।
एरोतोफिलिया
सेक्स के हर समय आपके दिमाग पर होने से आपके पुरुष या महिला होने का कोई तथ्य नहीं मिलता। शोध से पता लगाया कि इस मनोस्थिति को एरेतोफिलिया कहते हैं।
अगर आप एरोतोफिल हैं तो आप सेक्स के बारे में सकारात्मक सोच रखते हैं। आपको इससे ग्लानी नहीं होनी चाहिए। इस स्थिति में आप सेक्स के बारे में अधिक सोचते हैं, चाहे आप महिला हों या पुरुष।
“वो व्यंग्यात्मक चित्र जो पुरुषों को हर समय सेक्स के बारे में सोचता दर्शाते हैं दरअसल ठीक नहीं,” शोधकर्ताओं का मानना है। संभव है कि उनके दिमाग में कुछ खाने पीने या दोपहर की नींद के ख्याल हों।”
फोटो:व्लुए
आप अक्सर किस बारे में सोचते हैं? भोजन, नींद या सेक्स? कामुक सपनो के बारे में और पढ़ें।